
हिमाचल प्रदेश में रहने लोगों के लिए बड़ी खबर अब उन्हें एचआरटीसी (HRTC) की बसों में मुफ्त सफर आनंद लेने के लिए 200 रुपये का “हिम बस कार्ड” बनवाना होगा। यह फैसला राज्य सरकार के गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में लिया और इसे पूरी तरह से मंजूरी दी गई। इसके अलावा इस सुविधा का लाभ राज्य के निवासी फ्री में उठा रहे थे, लेकिन अब इस सुविधा को लेकर कुछ नए बदलाव कर दिए गए हैं। जिसके बिना न तो रियायती और न ही निशुल्क यात्रा की जा सकेगी।
हिमाचल में हिम बस कार्ड के लाभार्थी कौन होंगे?
हिमाचल प्रदेश की सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है, कि राज्य में महिलाओं को 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को बसों में निशुल्क यात्रा का लाभ मिलेगा। इन सभी को अब हिम बस कार्ड बनवाना अनिवार्य होगा। इसके बिना वे एचआरटीसी की बसों में यात्रा करने से वंचित रहेंगे। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि यह कार्ड एक साल के लिए वैध होगा और हर साल इसके नवीनीकरण के लिए 150 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।
सरकार ने यह कदम उठाने का फैसला किया है क्योंकि राज्य के बाहर के यात्री, जिनका हिमाचल से कोई संबंध नहीं है, भी निशुल्क यात्रा का लाभ उठा रहे थे। इससे परिवहन निगम को भारी घाटा हो रहा था। अब सिर्फ हिमाचल प्रदेश के निवासी ही इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। इसके लिए, कार्ड बनाने के लिए प्रूफ देना आवश्यक होगा।
हिम बस कार्ड का उद्देश्य
इस कार्ड का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के लोगों की पहचान को सुनिश्चित करना और राज्य की सीमाओं के बाहर से आने वाले यात्रियों द्वारा की जा रही धोखाधड़ी को रोकना है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाया है कि इस कार्ड के माध्यम से केवल राज्य के निवासी ही रियायती और निशुल्क यात्रा का लाभ उठा सकें। लाभार्थियों को यह कार्ड तीन महीने के भीतर बनवाना होगा।
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कौन-कौन से लोग लाभ उठा सकते हैं?
एचआरटीसी की बसों में निशुल्क यात्रा का लाभ विभिन्न श्रेणियों के लोगों को दिया जाता है, जिनमें परिवहन विभाग के कर्मचारी, रिटायर कर्मचारी, दिव्यांग, पुलिस कर्मचारी, जेल वार्डर, स्वतंत्रता सेनानी और उनके एक सहायक, युद्ध विधवाएं, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, राज्य शिक्षक पुरस्कार विजेता, सरकार से मान्यता प्राप्त करके, गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज आदि शामिल हैं। इन सभी को भी हिम बस कार्ड बनवाना होगा ताकि वे इस सुविधा का लाभ ले सकें।
मशीनरी और बाहरी राज्य के वाहनों का पंजीकरण
इस फैसले के साथ-साथ, हिमाचल प्रदेश में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जिसके तहत राज्य में प्रोजेक्ट निर्माण के लिए आने वाली बाहरी राज्य की मशीनरी को अब परिवहन विभाग में पंजीकरण कराना होगा। इसके अलावा, जिन लोगों ने पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों से गाड़ियां खरीदी हैं, उन्हें भी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इन वाहनों के मालिकों से पंजीकरण शुल्क के रूप में कुल लागत का 20 प्रतिशत लिया जाएगा।
निर्माण उपकरण वाहनों के लिए वन टाइम पंजीकरण योजना
मंत्रिमंडल ने एक और अहम नीति को मंजूरी दी है, जिसके तहत नियमित अपंजीकृत निर्माण उपकरण वाहनों को पंजीकरण के लिए एकमुश्त भुगतान की योजना (वन टाइम लैगेसी पॉलिसी) शुरू की जाएगी। इस नीति के तहत वाहन मालिक 50 प्रतिशत टैक्स और बकाया जुर्माना जमा कर अपने वाहनों का पंजीकरण करवा सकेंगे। यह नीति तीन महीने तक लागू रहेगी और इसका अनुमानित लाभ 27,095 वाहनों को होगा।
लघु खनिज खदानों की नीलामी
इसके अलावा, कांगड़ा जिले में 10 लघु खनिज खदानों की नीलामी और जिला बिलासपुर में 11 खदानों की पुनर्नीलामी को भी मंजूरी दी गई है। इससे प्रदेश के राजस्व में 18.82 करोड़ रुपये की वृद्धि होगी, और साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। यह कदम अवैध खनन को रोकने के लिए भी सहायक होगा।
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