
क्या आपके पास नेशनल हाइवे के किनारे जमीन है और आप उसे बेचने का सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। क्योंकि हाल ही में सरकार द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई है, जिसके तहत अब राष्ट्रीय हाइवे के किनारे स्थिति जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगाई गई है। यह कदम नए एक्सप्रेसवे और हाइवे निर्माण की दिशा में उठाया गया है, जिससे जमीन को सरकार द्वारा प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान और व्यवस्थित किया जाएगा, ताकि इसमें कोई अड़चन न आए और यह सही तरीके से पूरी हो सके।
नए एक्सप्रेसवे के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
भारत में लगातार नए एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे का निर्माण जारी है, जिससे यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में काम हो रहा है। इस बीच, हाईवे और एक्सप्रेसवे के किनारे की जमीनों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं, और लोग वहां जमीन खरीदने या बेचने की योजना बना रहे थे। इसी संदर्भ में, प्रशासन ने एक नई अधिसूचना जारी की है, जो इन क्षेत्रों में भूमि की खरीद-बिक्री को प्रतिबंधित करती है। अब इस नई नीति के तहत, नेशनल हाईवे के किनारे स्थित भूमि की खरीद या बिक्री नहीं की जा सकेगी।
बलौदा बाजार में भूमि पर रोक
रायपुर से सारंगढ़ को जोड़ने वाले राष्ट्रीय हाईवे (NH-130B) के फोरलाइन निर्माण के लिए बलौदा बाजार जिले से गुजरने वाली सड़क के दोनों किनारों पर स्थित गांवों की जमीन पर खरीद-बिक्री, बंटवारा और नामांतरण जैसी गतिविधियों पर रोक लगाई गई है। बलौदा बाजार के कलेक्टर ने इस अधिसूचना को जारी करते हुए बताया कि अब इस क्षेत्र में भूमि रजिस्ट्रियों पर प्रतिबंध लागू हो जाएगा। इस कदम का उद्देश्य फोरलाइन सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को सुचारू और प्रभावी तरीके से पूरा करना है।
फोरलाइन सड़क निर्माण से होने वाले लाभ
रायपुर और बलौदा बाजार के बीच मौजूदा दो लाइन वाली सड़क पर ट्रैफिक का अत्यधिक दबाव रहता है, और यह सड़क प्रमुख औद्योगिक गतिविधियों के लिए उपयोग होती है। इसके आसपास कई सीमेंट उद्योग और अन्य औद्योगिक गतिविधियां हैं, जिससे यहां ट्रैफिक की स्थिति और भी जटिल हो जाती है। इस स्थिति को सुधारने के लिए, सरकार ने इस सड़क को फोरलाइन बनाने का प्रस्ताव पास किया है। फोरलाइन सड़क के निर्माण से न केवल ट्रैफिक का दबाव कम होगा, बल्कि औद्योगिक परिवहन को भी सुविधा मिलेगी।
इसके अलावा, फोरलाइन सड़क बनने से सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। ट्रैफिक को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकेगा, जिससे दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी।
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मंजूरी
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने रायपुर से बलौदा बाजार तक की सड़क को फोरलाइन में बदलने के लिए 1494 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया है। यह परियोजना न केवल यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि इस क्षेत्र के औद्योगिक विकास में भी योगदान करेगी।
दो चरणों में होगा फोरलाइन सड़क का निर्माण
यह फोरलाइन सड़क का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में रायपुर विधानसभा क्षेत्र से बलौदा बाजार तक 53.1 किलोमीटर लंबी फोरलाइन सड़क का निर्माण होगा, जिसके लिए 844 करोड़ रुपए की लागत निर्धारित की गई है। दूसरे चरण में भी इसी लंबाई की सड़क को फोरलाइन में बदला जाएगा, और इसके लिए 650 करोड़ रुपए की लागत स्वीकृत की गई है।
यह परियोजना पूरी तरह से तैयार होने के बाद, रायपुर और बलौदा बाजार के बीच यात्रा करना आसान और सुरक्षित हो जाएगा, साथ ही औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
सरकार का उद्देश्य और भूमि प्रक्रिया को सरल बनाना
नई अधिसूचना का उद्देश्य राष्ट्रीय उच्च मार्गों के किनारे स्थित जमीनों की खरीद-बिक्री को रोककर भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को सरल और व्यवस्थित बनाना है। इस कदम से फोरलाइन सड़क के निर्माण में कोई बाधा नहीं आएगी और सरकारी योजनाओं को गति मिलेगी। सरकार ने यह कदम भूमि के अधिकतम उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए उठाया है, ताकि नई सड़कों का निर्माण प्रभावी ढंग से किया जा सके और भविष्य में ट्रैफिक की समस्या से बचा जा सके।