केंद्र सरकार की तरफ से बीते दिनों में ही साल 2025 तक हर एक केंद्र सरकार की बिल्डिंग की छत में सोलर पैनल इंस्टाल करने की बात कही गई है। सरकार की यह कोशिश ऊर्जा को बचाने का काम तो करेगी साथ ही देश को अक्षय ऊर्जा के मामले में भी विश्व भर में आगे लाएगी। सरकार की नई सोलर सब्सिडी स्कीम में देशभर की बहुत सी बिल्डिंग में सोलर पैनलों को लगाने का काम होगा। अब आपको भी इस स्कीम के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे है।
नई सोलर सब्सिडी योजना
भारत सरकार की ओर से अक्षय ऊर्जा को प्रोत्साहित करने एवं सरकार के कामों में होने वाले बिजली के खर्चों में कमी लाने को लेकर काफी अहम कोशिश हो रही है। बिजली मंत्रालय के तहत कार्यरत 4 पब्लिक उपक्रमों (पीएसयू) को साल 2025 तक हर एक केंद्र सरकार की बिल्डिंग में सोलर पैनलों को इंस्टाल करते हुए 100 फीसदी छत का इस्तेमाल करने के ऑर्डर मिल चुके है। सरकार की ये स्कीम नवीनतम ऊर्जा को प्रोत्साहन एवं परंपरागत ऊर्जा के सोर्स के ऊपर निर्भर रहने की स्थिति को कम करने की कोशिश दिखाती है।
इसी क्रम में केंद्रीय बिल्डिंग की छत पर सोलर पैनलों को इंस्टाल करवाकर सरकार भी भारत में अक्षय ऊर्जा के स्त्रोत को भारी मात्रा में प्रयोग करने को लेकर स्वयं से अच्छा नमूना सामने रख रही है।
नई सोलर स्कीम के लक्ष्य एवं बजट
सरकार का यह प्रयास कुछ दिनों पहले ही लॉन्च की गई सौर ऊर्जा स्कीम का ही भाग है जोकि पीएम सूर्योदय स्कीम/ पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली स्कीम के नामो से जानी जाती है। इसी वर्ष फरवरी माह में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन भी अंतरिम बजट पर भाषण के दौरान इसी स्कीम के बारे में कह चुकी है। इस स्कीम का मूल प्रयोजन देश के 10 मिलियन घर में सौर ऊर्जा के सिस्टम को इंस्टाल करके फ्री बिजली उपलब्ध करवाना है।
इस समय घरेलू मोर्चे पर इस स्कीम को कार्यान्वित करवाने में काफी चुनौती नजर आ रही है जैसे रजिस्टर्ड सेलर्स पर भरोसे की चिंता। इसी वजह से सरकार की तरफ से सर्वप्रथम ऑफिस में सोलर पावर को लाने का निर्णय हुआ है। इस मुहीम को प्रधानमंत्री सूर्योदय स्कीम के अंतर्गत कार्यान्वित किया जा रहा है जोकि सरकार के द्वारा पूर्व समय में ही 75 हजार करोड़ के बजट के साथ शुरू हो चुकी है।
सोलर ऊर्जा में भारत की स्थिति
इस समय पर देश की 73 गीगावाट क्षमता के कुल लगाए गए सोलर ऊर्जा उत्पादन क्षमता के ज्यादातर हिस्से के प्लांट जमीन पर भी लगाए गए है। किंतु छत में सोलर ऊर्जा के इंस्टाल की मात्रा काफी कम ही है किंतु इसको लेकर बड़ोत्तरी की पूरी संभावनाएं है। सरकार की यही कोशिश छत पर सोलर ऊर्जा के निर्माण बढ़ान के टारगेट को पूरा करेगी। यह पहल अक्षय ऊर्जा को प्रोत्साहन देगी साथ ही सरकार की बिल्डिंग में भी हो रहे बिजली के वर्तमान इस्तेमाल में भी काफी लाएगी।
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क्या सरकार 2025 तक टारगेट पा सकेगी?
यह स्कीम सरकार के बिजली पर हो रहे खर्च को भी कम करेगी और प्रकृति को भी फायदा पहुंचाएगी। अब यह भी काफी अहम हो जाता है कि क्या सरकार साल 2025 तक अपने टारगेट को पाने में सफल होगी अथवा नहीं। इसके बाद सरकार की यह कोशिश देशभर में सोलर पावर के इस्तेमाल को भी प्रोत्साहन देने में सफल होगी।