सोलर पैनल लगवाते समय इन 5 सबसे जरुरी बातो पर गौर करें

Key Factor of Solar Panel : सोलर पैनल को मार्केट से अपने घर अथवा कार्यस्थल के लिए लेते समय कुछ बातो पर गौर करना जरूरी होता है। ये प्वाइंट आपको काफी फायदे देने वाले होंगे।

Photo of author

Written byRohit Kumar

verified_75

Published on

key-factors-to-consider-before-installing-solar-panel

आज के समय में लोगो की बिजली की बढ़ती जा रही डिमांड के कारण उनको बढ़े हुए बिजली के बिलों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही जीवाश्म ईंधन के जायदा इस्तेमाल होने से हमारी प्रकृति भी काफी दूषित हो रही है जिसका असर हम लोगो की सेहत पर भी दिखने लगा है। ऐसी ही दिक्कतों को देखते हुए अक्षय ऊर्जा के स्त्रोतों के इस्तेमाल का विकल्प सुझाया जा रहा है जिसमे सोलर एनर्जी को कारगर ऑप्शन माना जाता है।

सोलर पैनल को लगवाने से सोलर एनर्जी को सही रूप में प्रयोग करने का तरीका माना जाता है। किंतु यहां पर भी सोलर पैनलों की खरीद करते टाइम पर किन्ही खास प्वाइंट पर ध्यान देकर कुछ खास नुकसान से बच सकते है। तो आज के लेख में आप जान लें ऐसे ही खास प्वाइंट जोकि सोलर पैनल के मामले में जरूरी हो जाते है।

अपनी जरूरतों को आंके

Solar Panel
Earthnewj से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें

अपने सोलर पैनल की खरीद करने से पहले अपने सबसे पहले पावर की जरूरत को अच्छे से जान लेना है। सामान्य रूप से सोलर पैनल 25 वर्षो की वारंटी पर आ जाते है और यही बात इन पर पैसे खर्च करने के मामले में विश्वसनीय बनाती है। आपने यह बात जान लेनी है कि आपके चुने गए पैनल की कंपनी अधिक टाइमपीरियड की वारंटी दे रही हो।

बिजली लोड का सही अनुमान लगाए

आप अपने घर अथवा कार्यस्थल पर हर दिन के लिए बिजली के लोड को निश्चित करें यदि आप इनमे से किसी भी स्थान पर सोलर सिस्टम को लगवाने की तैयारी कर रहे है। इस काम से आपको हर महीने में बिजली बिलों की चेकिंग करके एवरेज हर दिन की बिजली जरूरत का हिसाब कर पाएगा। बिजली के लोड को जानने के लिए आप इलेक्ट्रिक मीटर को भी इस्तेमाल में ला सकते है। इन सभी बातों से आपको सोलर सिस्टम को लेकर सही क्षमता के चुनाव में सहायता होगी।

पैनल की क्षमता एवं जगह का अनुमान

Estimate panel capacity and space

सोलर पैनलों की कैपेसिटी को वाट में मापते है और मार्केट में भी इसकी बहुत सी क्षमता मिल रही है। अगर आप जगह की कमी से जूझ रहे तो तो आपको अपनी बिजली की समुचित जरूरत की सही से पूर्ति में हाई वाट की कैपिसिटी के सोलर पैनल को लगवाना होगा।

सोलर पैनलों के टाइप को जाने

इस समय मार्केट में मुख्यतया 3 टाइप के सोलर पैनल उपलब्ध है जोकि पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन, और बाइफेशियल कैटेगरी के अंतर्गत आते है। पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल थोड़े कम खर्चे वाले रहते है जिस वजह से काफी ज्यादा इस्तेमाल होते है। मोनोक्रिस्टलाइन सोलर इसके मुकाबले कुछ ज्यादा खर्चीले रहते है किंतु इनमे हाई कैपेसिटी आती है।

Also Readknow-installation-cost-of-tata-1kw-solar-system-all-details

Tata 1kW सोलर सिस्टम अब और भी कम दामों पर मिलेगा, जाने यह बेहतरीन ऑफर

सबसे आखिर में बाईफेशियल टाइप के सोलर पैनल काफी मॉडर्न रहते है और ये अपने दोनो साइड से बिजली बनाने का काम करते है। हालांकि ये सभी सोलर पैनल में सबसे महंगे भी होते है। आपने इन तीनों से उसी टाइप के सोलर पैनल को लेना है जोकि आपके बजट एवं जरूरत के हिसाब में आ रहा हो।

सूर्य की रोशनी की उपलब्धता

Availability of sunlight

आपने इस बात के निश्चित करना है कि जिस भी जगह पर आप सोलर पैनलों को लगाने जा रहे हो वहां पर सही प्रकार से सूरज की धूप आ रही हो। इन पैनलों के लिए सही जगह एवं दिशा का चुनाव करना जरूरी पावर पैदा करने में अनिवार्य बात है।

यह भी पढ़े:- अब देश की सभी बिल्डिंग में सोलर पैनल लगेंगे, नई सोलर सब्सिडी योजना को जाने

पावर आउटेज को चेक कर लें

अगर आपको रेगुलर बिजली कट होने वाले इलाके पर सोलर पैनलों को लगवाना हो तो आपको ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम के बारे में सोचना चाहिए। इस टाइप के सोलर सिस्टम में बिजली का बैकअप रखने को सोलर बैटरियां इंस्टाल रहती है। इस कारण आपको ग्रिड आउटेज के समय में भी सोलर पावर से बिजली का इस्तेमाल कर पाएंगे।

Also ReadAdani-2kw-solar-system-installation cost

सोलर AC को लगाकर गर्मी में बिजली के बिलों से मुक्ति पाए, कीमत देखें

You might also like

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें