यदि आपने अपने घर पर सोलर सिस्टम इंस्टाल करने की योजना बनाई हो तो ये न्यूज आपके लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगी। सोलर पैनलों को अपने यहां इंस्टाल करने से पूर्व इस न्यूज को अवश्य पढ़े। दूसरे बिजली उपकरणों के विपरीत एक सोलर सिस्टम में काफी कम मेंटीनेंस का खर्चा होता है। यानी कि एकमुश्त इस सोलर सिस्टम को लगा लेने पर आपको 20 से 25 वर्षो तक फ्री बिजली का फायदा मिल सकेगा।
सोलर पैनल की कीमत में बचत
मॉर्डन दौर में सोलर एनर्जी सामान्य नागरिकों के जीवन का व्यवहारिक विकल्प बन गई है। यह घरेलू बिजली के बिलों में भी कमी लाता है। बिजली की खपत के बढ़ने एवं कम उत्पादन के कारण सोलर एनर्जी को एनर्जी मिक्स से जोड़ना काफी ठीक समाधान है। दिक्कत ये है कि लोगो को इसके काम करने की जानकारी नहीं है अथवा इसके फायदे का भी नही पता है। ये सभी फैक्ट्स सही से जाने बगैर सोलर एनर्जी इंस्टालेशन के विकल्प को चुनना बहुत कठिन लगता है।
सोलर पैनलों के काम करने का तरीका
सूरज से आ रही किरणों को बिजली में बदलते है और इस काम को सोलर पैनल प्लेट में लगे बहुत से सोलर फोटोवोल्टिक सेल से करते है। ये सभी सेल सोलर पैनलों के भीतर एक ग्रिड पैटर्न में समायोजित रहते है। अधिकतर पैनल क्रिस्टलाईन सिलोकॉम सोलर सेल से निर्मित रहते है। ये काफी समय तक काम करके बहुत बिजली का बिल भी बचाते है। हालांकि सोलर पैनल के सिस्टम में बैटरी प्रत्येक 10 सालो में बदलती है और एक सोलर सिस्टम 20-25 वर्षो तक इस्तेमाल हो पता है। एक 1 kW के सोलर पैनल से घर में आम बिजली की आवश्यकता की पूर्ति होगी।
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सोलर पैनलों का मूल्य एवं सब्सिडी
घर पर एसी यूनिट के घरों के मामले में 2 kW के पैनलों को लगाने के बारे में सोचना चाहिए चूंकि सरकार से इसमें सब्सिडी एवं लोन मिल रहा है। यदि आपके क्षेत्र में बिजली का मूल्य कम हो तो आपके लिए ग्रिड कनेक्टेड सोलर PV सिस्टम इंस्टाल करना सही विकल्प रहेगा। यह सिस्टम आपको 50 से 70 हजार रुपए में मिल जाएगा।
ऑफ ग्रिड सोलर पैनलों को अधिक बिजली कीमत के निवासियों के लिए अधिक लाभकारी मानते है। वैसे इस पैनल की बैटरी कुछ अधिक मूल्य में आएगी। एक ऑफ ग्रिड सोलर पैनल को लेकर आपने 1 लाख रुपए तक देने होंगे। सोलर पैनलों की खरीदारी में आपने प्रदेश सरकार के रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट अथॉरिटी में कॉन्टैक्ट करना होगा।