सोलर पैनल का आविष्कार
सोलर पैनल का आविष्कार साल 1954 में बेल लैब्स के केल्विन फुलर, डेरिल चैपिन एवं गेराल्ड पियर्सन नामक वैज्ञानिकों ने किया था। इन्हीं के प्रयास से बिजली बनाने में सोलर एनर्जी के प्रयोगात्मक सोलर पैनल को शुरू किया गया। उसी समय से आवासीय और औद्योगिक सेक्टर में काफी अनुप्रयोगों में सोलर पैनल यूज हो रहे हैं।
सोलर पैनल बिजली पैदा करने के साथ ही पर्यावरण को भी सुरक्षा देते हैं, इनके प्रयोग से प्रदूषण को कम किया जा सकता है। सोलर एनर्जी को यूज करने पर कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है, जिससे साफ एवं हरित एनर्जी को बनाने में प्रोत्साहन दिया जाता है।
सोलर पैनल और सेल का आविष्कार
सोलर पैनल के आविष्कार में फ्रांस के भौतिक विज्ञानी एलेक्जेंडर एडमंड बेकरेल का नाम सामने आता है। बेकरेल ने वर्ष 1939 में मात्र 19 वर्ष की उम्र में ही एक डिवाइस बनाया जिससे सूरज की रोशनी को बिजली में बदला जा सकता था, उन्होंने अपने एक्सपेरिमेंट में फोटोवोल्टिक प्रभाव को खोजा था। इसमें 2 मेटल इलेक्ट्रोडों जैसे प्लैटिनम या गोल्ड को एसिडिक या एल्कलाइन के मिक्सर में डाला गया। फिर सूरज की रोशनी में रखने पर बिजली का करंट पैदा होने लग गया था।
पहले सोलर पैनल को साल 1883 में अमेरिका के वैज्ञानी चार्ल्स फ्रिट्स ने विकसित किया था। फ्रिट्स ने 2 धातु की इलेक्टोड में मध्य में एक कांच के सबस्ट्रेट के ऊपर डिपॉजिट सेलेनियम की पतली परत को लगाया था। जिस टाइम सूर्य का प्रकाश सेलेनियम की लेयर पर पड़ा, तो बिजली पैदा होने लग गई थी। वैसे ये सोलर पैनल काफी कम दक्षता का था, इसके द्वारा सूर्य की रोशनी का मात्र 1% भाग प्रयोग किया गया।
एडवांस टेक्नोलॉजी के सोलर पैनल
साल 1954 तक सोलर पैनल का प्रैक्टिकल यूज पॉसिबल नहीं हो पा रहा था। फिर बेल प्रयोगशाला के 3 वैज्ञानिकों डेरिल चैपिन, केल्विन साउथर फुलर एवं गेराल्ड पियर्सन के द्वारा 4% एफिशिएंसी के सोलर पैनलों को बनाया गया। ये पहला सोलर सेल था जिससे आम बिजली के उपकरणों को पावर दी गई थी। फिर साल 1958 में हाफमैन इलेक्ट्रॉनिक्स से बने सोलर सेल को नासा के वैनगार्ड सैटलाइट इन में एक सेकंडरी एनर्जी सोर्स की तरह से लगाया था। ऐसे स्पेस मिशन में पैनल के जनरल फीचर का निर्माण को शुरू किया गया था।
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कई टाइप के सोलर पैनल मौजूद
इस टाइम पर सोलर पैनल का निर्माण आधुनिक तकनीक के यूज से होता है, जिससे इनका यूज काफी एप्लीकेशन में किया जा रहा है। सोलर तकनीक का बेस अलेक्जेंड्रे-एडमंड बेकरेल ने रखा था, इसलिए उनको सोलर पैनल के आविष्कारक का श्रेय दिया जाता है। सोलर पैनल आज के समय में कई क्षेत्रों में प्रयोग किए जा रहे हैं। इनका प्रयोग घर से लेकर अंतरिक्ष तक सब जगह किया जा रहा है। बाजार में पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन एवं बाइफेशियल प्रकार के पैनल उपलब्ध हैं।