खेती में काम आने वाले 5 सोलर उपकरण
भारत एक कृषि प्रधान देश हैं, किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने और खेती को विकसित करने के लिए सोलर उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा है। खेती के कामों में भी नई तकनीक यूज होने लगी है, जो भी किसान अपनी फसल और इनकम में वृद्धि करना चाह रहा हो, तो वो रिन्यूएबल एनर्जी के स्त्रोत को अपना सकता है। इनमें भी सोलर एनर्जी काफी अहम स्थान रखती है।
सोलर वाटर पंप
खेती में सिंचाई के कामों में पंप यूज होते है, और काफी किसान जीवाश्म ईंधन से चलने वाले पंपों को यूज कर रहे हैं। इन पंपों से किसान को पैसे की हानि के साथ ही पॉल्यूशन भी फैलता है। वहीं ग्रिड की बिजली को यूज करने वाले पंप से बिजली के बिल में वृद्धि होती है। सोलर वाटर पंप में सूरज से मिली एनर्जी से काम होता है। भारत सरकार भी पीएम कुसुम स्कीम आदि से कम कीमत पर सोलर पंपों को दे रही है। यह स्कीम 2hp से 10hp कैपेसिटी के सोलर पंपों के इंस्टालेशन के खर्च में 90 फीसदी की सब्सिडी दे रही है।
सोलर ऑन व्हील्स ट्रॉली
सोलर ऑन व्हील्स ट्रॉली से सोलर पैनलों को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाने की सुविधा मिलती है। इन ट्रॉली में सोलर पैनलों को लगाने के लिए फ्रेम होता है, जोकि इसको गति करने में सेटअप करके पावर पैदा करना सरल होता है। किसानों अपनी जरूरत के हिसाब से ट्रॉली को यूज करके सोलर पैनलों को खेत में लगा सकते हैं।
सोलर इन्वर्टर
एक सोलर इन्वर्टर पैनलों से आ रही DC पावर को AC में बदलता है। पुराने वाले आम इन्वर्टर के मुकाबले में एक सोलर इन्वर्टर की कीमत अधिक रहती है। सोलर इन्वर्टर के इंस्टाल होने के बाद AC करंट से चलने वाले उपकरणों का प्रयोग कर सकते हैं। सोलर इन्वर्टर को लगाने के लिए सही सोलर सिस्टम लगाना होता है।
सोलर पॉवर्ड फेंसिंग सिस्टम
सोलर एनर्जी फेसिंग सिस्टम को खेती के काम में सुरक्षा के उपाय की तरह से जानते हैं। इस काम में मेटल से बने तारों को यूज करते हुए खेती के चारों तरफ एक सीमारेखा तैयार की जाती है। इस तार में DC करंट भी फ्लो करवाया जाता है, जोकि बाहर के पशुओं और घुसपेठ करने वालों को रोकता है।
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सोलर रूफटॉप
किसानो अपने यहां सोलर पैनलों को इंस्टॉल कर के बिजली के बिलों में कमी भी कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने भी नागरिकों के घरों की छत पर सोलर पैनल को लगाने के लिए काफी सोलर रूफटॉप स्कीम की शुरुआत की है। सोलर पैनलों पर केंद्र और प्रदेश सरकारों से सब्सिडी भी मिल रही है। 1 से 10 किलोवाट कैपेसिटी के सोलर पैनलों में सब्सिडी मिलती है।