जनरेटर और इन्वर्टर में फायदा और नुकसान
जेनरेटर और इन्वर्टर अलग-अलग प्रकार के बिजली के उपकरण है, जोकि बिजली से जुड़े कामों में यूज होते है। वैसे इन दोनों के काम करने की प्रक्रिया एकदम अलग है।
जनरेटर: एक जेनरेटर से AC फॉर्म में बिजली बनाई जाती है। इस जनरेटर का यूज अधिकतर हाई बिजली की डिमांड वाले दुर्गम क्षेत्र में होता है। इनको डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन से चलाया जाता है और काम के दौरान इनसे अधिक शोर होता है।
इन्वर्टर: एक इन्वर्टर से मिल रही DC पॉवर को AC में कन्वर्ट करते है। यह एक एडेप्टर की तरफ से कार्य करता है। इन्वर्टर बैटरी सिस्टम और ग्रिड से मिले कनेक्शन से चल रहे लो पावर के घरेलू और व्यापारिक बिजली के उपकरणों को चलाया जाता है। इन्वर्टर से सभी प्रकार के बिजली के उपकरणों को चलाया जा सकता है। चूंकि इनमें से अधिकतर बिजली की ग्रिड से कनेक्ट रहते हैं।
जनरेटर क्या है और कैसे काम करता है?
ये एक मैकेनिक मशीन बिजली पैदा करती है। इसमें AC बिजली पैदा करने को रोटेटिंग पार्ट्स यूज होते हैं, जोकि डीजल की केमिकल एनर्जी को बिजली में बदलते हैं। इनको डीजल, गैसोलिन और दूसरे ज्वलनशील चीजों से चलाया जाता है। इसमें ईंधन के जलने पर इंजन घूमने लगता है, जोकि चुंबकीय क्षेत्र पैदा करके बिजली बनाता है।
जेनरेटर में किसी भी फॉर्म में बिजली स्टोर नहीं होती है, और एक बार शुरू होकर ये बिजली जेनरेट करने लगते है। जेनरेटर के शुरू होने और बैकअप बिजली पाने में एक समयांतराल रहता है। वैसे इनका वजह ज्यादा होता है किंतु टायर की मदद से आसानी से मूव हो जाते हैं। ये अधिक बिजली की डिमांड होने पर ही यूज होते हैं।
जीवाश्म ईंधन यूज होने से इनको अधिक मेंटीनेंस चाहिए। इसमें काफी काम जैसे ईंधन चेंज करना और डालना आदि करते हैं। जेनरेटर का इंजन 3600 rpm की स्पीड से घूमता है, ऐसे में काफी आवाज होती है। जेनरेटर का मूल्य इन्वर्टर से कम रहता है।
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इन्वर्टर क्या है और कैसे काम करता है?
इन्वर्टर से बैटरी में स्टोर DC बिजली को AC में चेंज करते हैं। इसमें मिलने वाली AC पावर में फुल साइन AC के जैसी विशेषता रहती है। इनमें रिवर्स काम में स्विचिंग और सुधार करना सम्मिलित है। चार्जिंग के वक्त AC को DC पावर में बदलकर बैटरी में स्टोर करते हैं। इस स्टोर DC पावर को ही AC में बदला जाता है।
कुछ इन्वर्टर AC को DC पावर में चेंज करके बैटरी में स्टोर करते हैं। फिर स्टोर पावर को AC में कन्वर्ट करते हैं। इन्वर्टर की कीमत जेनरेटर से काफी कम रहती है, किंतु इनसे जुड़ी बैटरी का वजन अधिक रहता है। इनको कम मेंटिनेंस चाहिए और ये आसानी से होता है। इन्वर्टर काफी कम शोर से ही पावर देते हैं।
ये जुड़े आउटपुट को एनालाइज करके पैदा हुई बिजली को सेट करके स्टेबल आउटपुट देते है। काफी फीचर्स और छोटे आकार की वजह से इन्वर्टर अधिक खर्च पर आते हैं।