Assam CM On NEET Entrance: NEET पास करने के बाद भी योग्य नहीं छात्र? हिमंता बिस्वा सरमा ने उठाए सवाल

🚔 👉 मेडिकल प्रवेश परीक्षा में हाई स्कोर के बावजूद छात्रों का ज्ञान सीमित! 👉 सरकारी स्कूलों में ही होगी NEET परीक्षा, जिला प्रशासन रखेगा सीधा नियंत्रण! 👉 बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से फर्जीवाड़े पर लगेगा लगाम! 🔥 जानिए सरकार के 3 बड़े फैसले जो बदल देंगे NEET का भविष्य

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Written byRohit Kumar

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Assam CM On NEET Entrance: NEET पास करने के बाद भी योग्य नहीं छात्र? हिमंता बिस्वा सरमा ने उठाए सवाल
Assam CM On NEET Entrance: NEET पास करने के बाद भी योग्य नहीं छात्र? हिमंता बिस्वा सरमा ने उठाए सवाल

असम में नेशनल इलेजबिलिटी कम इंट्रेस टेस्ट (NEET) परीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सख्त रुख अपनाया है। राज्य सरकार केंद्र सरकार से सभी अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक जांच कराने और NEET परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा बढ़ाने का आग्रह करेगी। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने के बावजूद छात्रों का व्यावहारिक और शैक्षणिक ज्ञान सीमित है, जिससे यह आवश्यक हो जाता है कि परीक्षा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया जाए।

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परीक्षा पास करने के बाद भी छात्रों का ज्ञान सीमित: सीएम

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कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों के फैकल्टी सदस्यों की शिकायतें सामने आई हैं कि कई छात्रों को उच्च अंक प्राप्त करने के बावजूद आवश्यक ज्ञान की कमी होती है। उन्होंने कहा, “कई प्रोफेसरों ने हमें बताया कि इतनी बड़ी परीक्षा में उच्च अंक लाने के बावजूद कई छात्रों का व्यावहारिक या शैक्षणिक ज्ञान बहुत सीमित है। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए हमने करीब डेढ़ साल पहले विशेष शाखा से इसकी जांच करने के लिए कहा था।”

NEET परीक्षा को लेकर सरकार ने लिए तीन बड़े फैसले

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि राज्य पुलिस ने सरकार को सूचित किया है कि अधिकांश NEET परीक्षा केंद्र सरकारी स्कूलों और विश्वविद्यालयों में न होकर निजी संस्थानों में स्थित हैं। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं:

  1. मेडिकल प्रवेश परीक्षा केवल सरकारी स्कूलों और विश्वविद्यालयों में आयोजित की जाए।
  2. परीक्षा की निगरानी जिला आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों की प्रत्यक्ष देखरेख में कराई जाए।
  3. परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले सभी अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक जांच अनिवार्य की जाए।

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परीक्षा केंद्रों की निगरानी होगी कड़ी

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और शिक्षा मंत्रालय से अनुरोध करेगी कि जिला आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों की प्रत्यक्ष निगरानी में परीक्षा आयोजित की जाए। उनका मानना है कि यदि ये कदम उठाए जाते हैं, तो मेडिकल परीक्षा प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष होगी।

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परीक्षा में पारदर्शिता बढ़ाने की जरूरत

NEET परीक्षा में धोखाधड़ी, पेपर लीक और अनुचित साधनों के उपयोग को रोकने के लिए सरकार ने यह कड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार का मानना है कि यदि सरकारी संस्थानों में परीक्षा कराई जाती है और बायोमेट्रिक जांच लागू होती है, तो यह परीक्षा प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी।

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राज्य सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से यह स्पष्ट है कि असम में मेडिकल प्रवेश परीक्षा की गुणवत्ता सुधारने और परीक्षा में गड़बड़ियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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