हर महीने गारंटी पेंशन का फायदा! इस सरकारी योजना से जुड़ चुके 7.65 करोड़ से ज्यादा लोग

हर महीने गारंटी पेंशन का फायदा! इस सरकारी योजना से जुड़ चुके 7.65 करोड़ से ज्यादा लोग
हर महीने गारंटी पेंशन का फायदा! इस सरकारी योजना से जुड़ चुके 7.65 करोड़ से ज्यादा लोग
हर महीने गारंटी पेंशन का फायदा! इस सरकारी योजना से जुड़ चुके 7.65 करोड़ से ज्यादा लोग

रिटायरमेंट के बाद आमतौर पर सबसे बड़ी चिंता यही होती है—घर का खर्च कैसे चलेगा? खासकर प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों या असंगठित क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों के लिए यह और भी गंभीर मसला बन जाता है, क्योंकि उनके पास नियमित पेंशन की कोई गारंटी नहीं होती। इसी समस्या का समाधान बनकर सामने आई है अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana-APY), जो अब तक 7.65 करोड़ से ज्यादा लोगों की पसंद बन चुकी है। अप्रैल 2025 तक इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या 7.65 करोड़ के पार पहुंच चुकी है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।

मई 2015 में हुई थी स्कीम की शुरुआत, अब तक जमा हो चुके हैं 45,974.67 करोड़ रुपये

अटल पेंशन योजना को केंद्र सरकार ने मई 2015 में लॉन्च किया था। इसका मकसद था देश के असंगठित क्षेत्र के गरीब, मजदूर और छोटे कामगारों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा देना। योजना के तहत सब्सक्राइबर्स को 60 वर्ष की उम्र के बाद हर महीने एक निश्चित पेंशन (₹1,000 से ₹5,000 तक) मिलती है, जो उनकी जमा राशि और उम्र के अनुसार तय होती है।

सरकार की ओर से अप्रैल 2025 में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, अब तक योजना में कुल ₹45,974.67 करोड़ रुपये की राशि एकत्र की जा चुकी है। यह राशि बताती है कि कैसे यह स्कीम देश के करोड़ों लोगों की लंबी अवधि की बचत और रिटायरमेंट प्लानिंग में एक अहम भूमिका निभा रही है।

महिलाओं की भागीदारी में जबरदस्त इजाफा, 55% नए नामांकन महिलाओं के

अप्रैल 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, अटल पेंशन योजना में 48% सब्सक्राइबर्स महिलाएं हैं, जो यह दर्शाता है कि यह योजना महिलाओं के बीच भी तेजी से लोकप्रिय हो रही है। खास बात यह है कि वित्त वर्ष 2024-25 में जितने नए सब्सक्राइबर्स जुड़े, उनमें से 55% महिलाएं थीं। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।

इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में महिलाएं अब आर्थिक रूप से अधिक जागरूक हो रही हैं और वे अपनी भविष्य की सुरक्षा को लेकर गंभीर निर्णय ले रही हैं।

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आयु और पात्रता: 18 से 40 वर्ष तक की उम्र वाले नागरिकों के लिए खुला है विकल्प

अटल पेंशन योजना में शामिल होने के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष तय की गई है। व्यक्ति जितनी जल्दी इस योजना से जुड़ता है, उतना ही कम मासिक अंशदान देकर वह उच्च पेंशन का लाभ ले सकता है।

हालांकि, अक्टूबर 2022 के बाद से आयकर दाता (Income Taxpayers) इस योजना का हिस्सा नहीं बन सकते। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि केवल असली ज़रूरतमंद और गरीब तबके के लोग ही इस योजना का लाभ लें।

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5 विकल्पों में मिलती है पेंशन, योगदान भी उसी के अनुसार तय

इस योजना के तहत सब्सक्राइबर्स को ₹1,000, ₹2,000, ₹3,000, ₹4,000 और ₹5,000 की मासिक पेंशन के पांच विकल्प दिए जाते हैं। जिस विकल्प को चुना जाए, उसी के अनुसार व्यक्ति को मासिक अंशदान देना होता है। योगदान की राशि व्यक्ति की उम्र पर भी निर्भर करती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, अंशदान की रकम भी बढ़ती जाती है।

60 साल की उम्र पूरी होने पर यह पेंशन आजीवन मिलती रहती है। और अगर सब्सक्राइबर की मृत्यु हो जाती है, तो उसका लाभ जीवनसाथी को मिलता है। दोनों के न रहने की स्थिति में पूरा जमा फंड नॉमिनी को ट्रांसफर कर दिया जाता है।

असंगठित क्षेत्र के लिए बनी बुनियादी सामाजिक सुरक्षा योजना

सरकार का कहना है कि अटल पेंशन योजना देश के सामाजिक सुरक्षा इकोसिस्टम की आधारशिला बन चुकी है, खासतौर पर उन करोड़ों लोगों के लिए जो संगठित क्षेत्र से बाहर हैं और जिनके पास रिटायरमेंट के बाद कोई नियमित आमदनी का जरिया नहीं होता।

इस योजना ने न केवल कम आय वाले परिवारों में दीर्घकालिक बचत की आदत को बढ़ावा दिया है, बल्कि भविष्य की आर्थिक असुरक्षा को भी कम किया है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म और बैंक के ज़रिए आसान रजिस्ट्रेशन

अटल पेंशन योजना से जुड़ना आज के समय में बेहद आसान हो गया है। देश के लगभग सभी बैंक, पोस्ट ऑफिस और डिजिटल प्लेटफॉर्म इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन की सुविधा प्रदान करते हैं। इससे जुड़े मासिक योगदान की राशि सीधे बैंक खाते से ऑटो-डिडक्शन के माध्यम से कटती है, जिससे उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की झंझट नहीं होती।

इसके साथ ही हर साल सब्सक्राइबर को योजना के बारे में स्टेटमेंट भी मिलता है, जिससे वह अपने योगदान और भविष्य की पेंशन को ट्रैक कर सके।

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By Rohit Kumar

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