
भारत सरकार ने आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़ा कदम उठाने का संकेत दिया है। यदि संसदीय समिति की सिफारिश मानी जाती है, तो देश में 60 वर्ष से अधिक उम्र के 9 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जा सकता है। फिलहाल, इस योजना के अंतर्गत 70 साल से अधिक उम्र के 6 करोड़ बुजुर्गों को ही यह सुविधा दी जा रही है।
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आयुष्मान भारत योजना का यह प्रस्तावित विस्तार देश के करोड़ों वरिष्ठ नागरिकों के लिए राहत की खबर है। यदि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को इस योजना में शामिल किया जाता है और बीमा सीमा 10 लाख रुपये तक बढ़ाई जाती है, तो यह भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार साबित हो सकता है।
60 वर्ष की आयु सीमा पर विचार
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने हाल ही में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए पात्रता आयु 70 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष कर दी जाए। समिति का मानना है कि इस बदलाव से सामाजिक और आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना देश के वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना का अधिकतम लाभ मिल सकेगा।
5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक का कवरेज
बीते बुधवार को राज्यसभा में पेश की गई 163वीं संसदीय रिपोर्ट में समिति ने आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रति परिवार वार्षिक बीमा सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की सिफारिश की। समिति ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ते खर्च को देखते हुए इस कवरेज को दोगुना किया जाना जरूरी है। महंगे इलाज की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए 10 लाख रुपये का कवरेज आवश्यक बताया गया है।
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2024 में किया गया था पहला विस्तार
मोदी सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव में किए गए वादे के तहत 29 अक्टूबर 2024 को योजना का विस्तार किया था। इस विस्तार के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी आय वर्ग के बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का लाभ देने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए बजट में लगभग 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। इससे पहले यह सुविधा केवल बीपीएल (BPL) कार्ड धारकों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को ही मिलती थी।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता
संसदीय समिति ने यह भी चिंता जताई कि आयुष्मान भारत योजना के तहत कई महत्वपूर्ण मेडिकल जांच और उच्च स्तरीय इलाज अब भी शामिल नहीं हैं। समिति ने सुझाव दिया कि योजना के तहत शामिल किए गए मेडिकल पैकेज की समीक्षा की जानी चाहिए। इसके अलावा, उच्च लागत वाली गंभीर बीमारियों का इलाज और रेडियोलॉजिकल डायग्नोस्टिक्स (CT, MRI, न्यूक्लियर इमेजिंग) को भी योजना के अंतर्गत लाने की आवश्यकता है।
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राज्यों के प्रदर्शन पर जोर
समिति ने सिफारिश की कि आयुष्मान भारत योजना के लिए राज्यों को मिलने वाली निधि उनके प्रदर्शन के आधार पर जारी की जाए। इससे उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा सकेगी, जहां इस सहायता की सबसे अधिक आवश्यकता है। साथ ही योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने और राज्य सरकारों के साथ उच्च स्तर की समन्वय प्रक्रिया अपनाने पर जोर दिया गया है।