
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की हालिया वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, ₹2000 के नोटों की छपाई बंद होने के बाद ₹500 के नोट देश में सबसे अधिक प्रचलित मुद्रा बन गए हैं, वर्तमान में ₹500 के नोट कुल मुद्रा मूल्य का 86% और मात्रा का 40.9% हिस्सा रखते हैं। यह बदलाव ₹2000 के नोटों की वापसी के बाद हुआ है, जिनमें से 98.24% नोट बैंकिंग प्रणाली में लौट चुके हैं।
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₹500 नोटों में नकली नोटों की बढ़ती समस्या
जहां ₹500 के नोटों का प्रचलन बढ़ा है, वहीं नकली नोटों की संख्या में भी वृद्धि देखी गई है। वित्त वर्ष 2024-25 में ₹500 के नकली नोटों की संख्या 37.3% बढ़कर 1.18 लाख तक पहुंच गई, जो पिछले छह वर्षों में सबसे अधिक है। इसके विपरीत, ₹2000 के नकली नोटों की संख्या में 86.5% की कमी आई है।
‘स्टार’ चिह्न वाले ₹500 नोट: भ्रम और सच्चाई
सोशल मीडिया पर ‘स्टार’ (*) चिह्न वाले ₹500 के नोटों को नकली बताया जा रहा था। हालांकि, PIB Fact Check और RBI ने स्पष्ट किया है कि ये नोट पूरी तरह से वैध हैं। ‘स्टार’ चिह्न उन नोटों पर होता है जो छपाई में दोषपूर्ण पाए गए नोटों के स्थान पर जारी किए जाते हैं।
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डिजिटल मुद्रा (e₹) और ₹500 का योगदान
RBI की डिजिटल मुद्रा e₹ का प्रचलन भी तेजी से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में e₹ का मूल्य 334% बढ़कर ₹1,016.5 करोड़ हो गया है, जिसमें ₹500 के डिजिटल नोटों का योगदान 84.4% है।
₹500 नोटों की सुरक्षा विशेषताएं
नकली नोटों से बचाव के लिए ₹500 के नोटों में कई सुरक्षा विशेषताएं शामिल हैं, जैसे:
- विंडो सिक्योरिटी थ्रेड जिसमें ‘भारत’ और ‘RBI’ लिखा होता है।
- महात्मा गांधी की जल छवि (वॉटरमार्क)।
- नोट के नंबर पैनल में फ्लोरेसेंट फाइबर और ऑप्टिकली वेरिएबल इंक का उपयोग।
इन विशेषताओं की जानकारी RBI की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।