
Banks 5 Day Working को लेकर बैंक कर्मचारियों और उनकी यूनियनों की ओर से लंबे समय से मांग उठाई जा रही है कि सप्ताह में सिर्फ पांच दिन ही बैंक खुले रहें और शनिवार व रविवार को छुट्टी घोषित की जाए। इस मुद्दे पर कई बार यूनियन की तरफ से सरकार और संबंधित विभागों के समक्ष मांग रखी गई है। इसी कड़ी में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने 24 और 25 मार्च 2025 को देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है।
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हालांकि इसी बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि RBI की ओर से 1 अप्रैल 2025 से बैंकों में 5 डे वर्किंग को मंजूरी दे दी गई है। इन दावों को लेकर अब सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट कर दी गई है।
5 डे वर्किंग को लेकर क्या है सरकार का आधिकारिक रुख?
सोशल मीडिया और कुछ खबरों में यह बात तेजी से फैली कि RBI ने 1 अप्रैल 2025 से बैंकों में सप्ताह में पांच दिन कार्यदिवस की मंजूरी दे दी है। इसके मुताबिक शनिवार और रविवार को बैंक बंद रहेंगे। लेकिन सरकार की आधिकारिक फैक्ट चेक एजेंसी PIB Fact Check ने इन खबरों को खारिज कर दिया है।
PIB Fact Check के अनुसार, ऐसी कोई अधिसूचना या आदेश न तो RBI और न ही केंद्र सरकार की ओर से अब तक जारी किया गया है। यानी फिलहाल बैंकों में 5 डे वर्किंग लागू नहीं हुआ है। मीडिया में चल रही खबरें केवल अफवाह हैं।
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यूनियनों की हड़ताल की वजह क्या है?
UFBU यानी यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने बैंकों में 5 डे वर्किंग समेत कई मांगों को लेकर देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। यह हड़ताल 24 और 25 मार्च को होगी, जिससे पहले 22 और 23 मार्च को क्रमशः शनिवार और रविवार होने के कारण बैंक पहले से बंद रहेंगे। इस तरह 22 मार्च से 25 मार्च तक बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहेंगी।
यूनियन की प्रमुख मांगें क्या हैं?
बैंक यूनियनों की मांगें केवल 5 डे वर्किंग तक सीमित नहीं हैं। उनकी मांगें व्यापक हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सभी बैंक शाखाओं में पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति ताकि ग्राहकों को बेहतर सेवा दी जा सके और मौजूदा कर्मचारियों पर काम का बोझ कम हो।
- अस्थायी कर्मचारियों का नियमितीकरण।
- हाल ही में लागू की गई प्रदर्शन समीक्षा (Performance Review) और प्रोडक्टिविटी लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम को वापस लेना।
- कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- श्रमिक और अधिकारी निदेशकों की नियुक्ति।
- IBA के साथ लंबित मुद्दों का समाधान।
- ग्रेच्युटी अधिनियम में संशोधन कर इसकी अधिकतम सीमा को ₹25 लाख किया जाए।
- स्टाफ वेलफेयर बेनिफिट्स पर इनकम टैक्स न लगाया जाए।
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सरकार और RBI की ओर से अब तक क्या कार्रवाई हुई है?
फिलहाल सरकार या RBI की ओर से 5 डे वर्किंग की मांग पर कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं किया गया है। हालांकि, इस मुद्दे पर चर्चाएं और वार्ताएं समय-समय पर होती रही हैं। बैंक यूनियनें लंबे समय से इस मांग को उठा रही हैं और अब दबाव बनाने के लिए दो दिवसीय हड़ताल का सहारा लिया जा रहा है।
क्या भविष्य में 5 डे वर्किंग संभव है?
देश के कई सेक्टर्स में पहले ही सप्ताह में पांच दिन कार्यदिवस का नियम लागू है, जैसे कि सरकारी कार्यालयों और कई कॉर्पोरेट फर्म्स में। बैंकिंग सेक्टर में भी इस दिशा में सहमति बनती दिख रही है, लेकिन इसके लिए RBI और वित्त मंत्रालय की औपचारिक मंजूरी जरूरी है।
ऐसे में जब तक कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन नहीं आता, तब तक बैंकों में हर शनिवार को कामकाज जारी रहेगा।
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बैंक ग्राहकों को क्या रखना चाहिए ध्यान?
बैंक ग्राहकों को 22 से 25 मार्च तक बैंकिंग सेवाएं बाधित रहने की आशंका है, क्योंकि हड़ताल के चलते दो दिन बैंक बंद रहेंगे और बाकी दो दिन सप्ताहिक अवकाश हैं। ऐसे में जरूरी लेन-देन, नकद निकासी या अन्य बैंकिंग कार्य पहले ही निपटा लेना बेहतर होगा।