BEd में बड़ा बदलाव! 90% अटेंडेंस जरूरी, नहीं तो नहीं मिलेगी इंटर्नशिप, 8 साल में पूरा करना होगा कोर्स

BEd में बड़ा बदलाव! 90% अटेंडेंस जरूरी, नहीं तो नहीं मिलेगी इंटर्नशिप, 8 साल में पूरा करना होगा कोर्स
BEd में बड़ा बदलाव! 90% अटेंडेंस जरूरी, नहीं तो नहीं मिलेगी इंटर्नशिप, 8 साल में पूरा करना होगा कोर्स
BEd में बड़ा बदलाव! 90% अटेंडेंस जरूरी, नहीं तो नहीं मिलेगी इंटर्नशिप, 8 साल में पूरा करना होगा कोर्स

राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड (Integrated BEd) कार्यक्रम के लिए नए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। इन बदलावों के तहत बीएड के छात्रों को स्कूल इंटर्नशिप (School Internship) के लिए न्यूनतम 90 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी। इसके अलावा, बीएड कोर्स को पूरा करने के लिए छात्रों को अधिकतम आठ साल तक का समय मिलेगा।

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एनसीटीई द्वारा प्रस्तावित नए बदलावों से बीएड कोर्स अधिक संरचित और प्रभावी बन जाएगा। 90 फीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता से छात्रों की भागीदारी बढ़ेगी, जबकि आठ साल की समय सीमा उन्हें कोर्स पूरा करने के लिए अधिक लचीलापन देगी। स्कूल इंटर्नशिप और सेमिनार जैसे बदलाव बीएड शिक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाएंगे।

बीएड कोर्स में बड़े बदलाव, इंटर्नशिप के लिए 90% उपस्थिति अनिवार्य

बीएड कॉलेजों में शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। एनसीटीई (NCTE) द्वारा प्रस्तावित नए नियमों के अनुसार, चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स करने वाले छात्रों को स्कूल इंटर्नशिप के लिए 90 फीसदी उपस्थिति रखना अनिवार्य होगा। इस नियम का उद्देश्य शिक्षक प्रशिक्षण को अधिक प्रभावी बनाना और छात्रों को शिक्षण कार्य के व्यावहारिक अनुभव से जोड़ना है।

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बीएड पूरा करने के लिए अब आठ साल तक का समय

एनसीटीई के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, बीएड कोर्स को पूरा करने की अधिकतम सीमा अब आठ साल होगी। पहले, यह समयसीमा कम थी, लेकिन अब छात्रों को कोर्स पूरा करने के लिए अधिक समय मिलेगा। इससे वे अपनी पढ़ाई को सुचारू रूप से पूरा कर सकेंगे और शिक्षण के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकेंगे।

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स्कूल इंटर्नशिप का महत्व

बीएड कोर्स के तहत स्कूल इंटर्नशिप को बहुत अहम माना जाता है। इंटर्नशिप के दौरान छात्र वास्तविक कक्षाओं में जाकर शिक्षण कार्य का अनुभव प्राप्त करते हैं। यह उनकी शैक्षिक योग्यता को बढ़ाने और भविष्य में बेहतर शिक्षक बनने में सहायक होता है।

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बीएड कॉलेजों में सेमिनार होंगे अनिवार्य

शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने और छात्रों को अधिक जानकारी देने के लिए बीएड कॉलेजों में नियमित रूप से सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। इन सेमिनारों में शिक्षा विशेषज्ञों, शिक्षकों और छात्रों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जाएगा, जिससे शिक्षक शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

ऑनलाइन क्लास का स्कूली शिक्षा पर प्रभाव

यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि क्या स्कूली शिक्षा में फिजिकल क्लास की जगह ऑनलाइन क्लास ले सकती है? हालांकि, अभी तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन शिक्षा की अपनी सीमाएँ हैं और फिजिकल क्लासरूम का महत्व हमेशा रहेगा।

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By Rohit Kumar

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