Bihar Land Registry Update: अब जमीन की रजिस्ट्री में नहीं होंगे साइन! जानिए क्या बदला नया नियम

Bihar Land Registry Update: अब जमीन की रजिस्ट्री में नहीं होंगे साइन! जानिए क्या बदला नया नियम
Bihar Land Registry Update: अब जमीन की रजिस्ट्री में नहीं होंगे साइन! जानिए क्या बदला नया नियम
Bihar Land Registry Update: अब जमीन की रजिस्ट्री में नहीं होंगे साइन! जानिए क्या बदला नया नियम

बिहार में जमीन रजिस्ट्री (Bihar Land Registry) की प्रक्रिया अब और भी आधुनिक और पारदर्शी होने जा रही है। राज्य सरकार ने जमीन और संपत्ति के निबंधन को पूरी तरह पेपरलेस बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस नई प्रक्रिया के तहत अब जमीन की रजिस्ट्री के दस्तावेजों पर क्रेता (Buyer) और विक्रेता (Seller) के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होगी। उनकी पहचान और सहमति बायोमीट्रिक निशान के ज़रिए दर्ज की जाएगी, जिसे डिजिटल साइन (Digital Sign) के रूप में स्वीकार किया जाएगा।

22 अप्रैल से 10 निबंधन कार्यालयों में होगी शुरुआत

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने इस नई व्यवस्था की शुरुआत 22 अप्रैल से राज्य के 10 अवर निबंधन कार्यालयों में करने का निर्णय लिया है। इन कार्यालयों में ई-निबंधन (e-Registry) प्रक्रिया पूरी तरह से पेपरलेस होगी। इसके तहत शेखपुरा, जहानाबाद, भोजपुर, सोनपुर (सारण), पातेपुर (वैशाली), बाढ़, फतुहां, संपतचक (पटना), डेहरी (रोहतास) और केसरिया (पूर्वी चंपारण) शामिल हैं।

डिजिटल साइन की प्रक्रिया होगी पूरी तरह बायोमीट्रिक आधारित

इस प्रक्रिया के तहत अब दस्तावेजों पर न तो हाथ से हस्ताक्षर करना होगा और न ही किसी प्रकार के पेपर की आवश्यकता पड़ेगी। क्रेता और विक्रेता दोनों के आधार नंबर को सिस्टम में दर्ज किया जाएगा और फिर उनकी बायोमीट्रिक जानकारी जैसे फिंगरप्रिंट या रेटिना स्कैन से मिलान किया जाएगा। सत्यापन के बाद उनके मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाएगा, जिसे दर्ज करने पर यह माना जाएगा कि उन्होंने दस्तावेज पर डिजिटल रूप से हस्ताक्षर कर दिया है।

दस्तावेज होंगे पूरी तरह डिजिटल, जरूरत पर ले सकेंगे प्रिंट

इस नई व्यवस्था में जमीन से संबंधित सभी जानकारी जैसे कि जमीन का विवरण, क्रय-विक्रय की राशि, गवाहों और पहचानकर्ताओं की सूचना आदि सीधे कंप्यूटर पर दर्ज की जाएगी। चाहें तो क्रेता या विक्रेता इस ई-कॉपी का प्रिंट निकाल कर संतुष्टि के लिए देख सकते हैं। यदि कोई संशोधन आवश्यक हो, तो वह प्रक्रिया पूरी होने से पहले किया जा सकता है।

निबंधन की पारंपरिक प्रक्रिया में भी बदलाव

डिजिटल हस्ताक्षर की प्रक्रिया के बाद, क्रेता और विक्रेता को अब भी जिला अवर निबंधक या अवर निबंधक के समक्ष एकरार की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। हालांकि यह प्रक्रिया भी अब डिजिटल डिवाइस के माध्यम से की जाएगी, जिससे पूरी प्रक्रिया बिना कागज़ के पूरी हो सकेगी। दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी क्रेता और विक्रेता को उपलब्ध कराई जाएगी और एक बार प्रिंट की सुविधा दी जाएगी। भविष्य में यह भी पूरी तरह पेपरलेस हो जाएगा।

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गड़बड़ी और धोखाधड़ी पर लगेगी रोक

इस प्रणाली के लागू होने से जमीन रजिस्ट्री से संबंधित धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा की घटनाओं पर भी प्रभावी नियंत्रण होगा। पहले जिस तरह के मामले सामने आते थे—जैसे किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर जमीन बेच देने का आरोप, या फर्जी पहचान से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराने की घटनाएं—अब उनके लिए कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।

चूंकि अब पूरे प्रक्रिया में बायोमीट्रिक और OTP आधारित प्रमाणीकरण अनिवार्य है, इसलिए कोई अन्य व्यक्ति किसी के नाम पर संपत्ति की रजिस्ट्री नहीं करा सकेगा। इससे जमीन कारोबार में पारदर्शिता बढ़ेगी और न्यायिक विवादों की संख्या में भी कमी आएगी।

पूरे राज्य में लागू होगी योजना

उप निबंधन महानिरीक्षक सुशील कुमार सुमन ने बताया कि इन 10 कार्यालयों में सफलता पूर्वक इस प्रणाली के लागू होने के बाद पूरे राज्य में इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इसके लिए ई-निबंधन सॉफ्टवेयर को पहले से अपडेट कर दिया गया है और संबंधित कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है।

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By Rohit Kumar

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