बिहार सरकार ने 20 अगस्त 2024 से राज्यभर में जमीन सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह सर्वे जमीन की स्थिति, स्वामित्व, और कृषि योग्यता की विस्तृत जानकारी जुटाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत, जमीन मालिकों को अपने दस्तावेजों को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। बिना सही दस्तावेज के आपकी जमीन पर दावा मुश्किल हो सकता है, और यहां तक कि जमीन सरकारी घोषित हो सकती है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि इस सर्वे प्रक्रिया में क्या-क्या आवश्यक है, कौन से दस्तावेज जरूरी हैं, और आप इसे कैसे आसानी से पूरा कर सकते हैं।
जमीन सर्वे क्यों महत्वपूर्ण है?
बिहार सरकार की यह प्रक्रिया न केवल जमीन के स्वामित्व को स्पष्ट करने के लिए है, बल्कि इससे भविष्य में जमीन विवादों को कम करने और पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी। यह सर्वे जमीन के प्रकार (सरकारी या निजी) और उसकी उपयोगिता (खेती योग्य या बंजर) का विस्तृत रिकॉर्ड तैयार करेगा।
सर्वे प्रक्रिया में शामिल 177 विशेषताएं यह सुनिश्चित करेंगी कि जमीन की सभी जानकारी का सही रिकॉर्ड तैयार हो।
जरूरी दस्तावेजों की सूची
सर्वे प्रक्रिया में भाग लेने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य है:
- जमाबंदी संख्या: आपकी जमीन का आधिकारिक रिकॉर्ड।
- मालगुजारी रसीद: यह प्रमाणित करती है कि आपने जमीन का कर अदा किया है।
- खतियान की नकल: पूर्व के स्वामित्व का विवरण।
- मृत्यु प्रमाण पत्र: यदि जमीन के मालिक की मृत्यु हो चुकी है।
- वंशावली प्रमाण पत्र: जमीन के वैध वारिस होने का प्रमाण।
- प्रपत्र 2 और 3 (I): जमीन का विवरण और वंशावली संबंधी जानकारी।
- L.P.M. (Land Possession Map): जमीन की सीमाओं का नक्शा।
सुझाव: अपने दस्तावेजों को समय रहते तैयार कर लें। यदि कोई दस्तावेज नहीं है, तो उसे पंचायत या संबंधित विभाग से बनवाएं।
कैसे करें सर्वे प्रक्रिया में भाग?
- सरकार ने हर प्रखंड में शिविर कार्यालय स्थापित किए हैं। यहां से आपको प्रपत्र 2 मिलेगा जिसे भरकर जमा करना होगा।
- अपनी जमीन की सीमाओं को सही तरीके से चिह्नित करें ताकि सर्वे टीम को कोई भ्रम न हो।
- अपने दस्तावेजों को शिविर कार्यालय में प्रस्तुत करें। सुनिश्चित करें कि सभी दस्तावेज अपडेटेड हैं।
- यदि आपकी जमीन पर कोई कानूनी विवाद है, तो उसका समाधान कोर्ट के आदेशानुसार होगा।
पुराने रिकॉर्ड और वंशावली कैसे बनवाएं?
यदि आपकी जमीन 1985 या 2000 से पहले के किसी दादा या परदादा के नाम पर है, तो वंशावली प्रमाण पत्र और Certificate of Encumbrance (कोर्ट का रिकॉर्ड) अनिवार्य होगा। यह प्रमाणित करेगा कि जमीन पर आपका वैध अधिकार है।
जमीन सर्वे के विशेष पहलू
- विवादित जमीन: कानूनी विवाद वाली जमीन पर कोर्ट के आदेशानुसार ही कार्रवाई होगी।
- सर्वे के तहत आने वाले गांव: राज्य के 45,000+ गांवों को इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है।
यदि आपका जिला अभी तक इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हुआ है, तो घबराने की जरूरत नहीं। हर जिले में सर्वे का काम समयानुसार शुरू होगा।
सामान्य प्रश्न (FAQs)
1. जमीन सर्वे की प्रक्रिया कब तक चलेगी?
इस प्रक्रिया के पूरा होने में 1-2 साल का समय लग सकता है, लेकिन इसे जिलेवार चरणों में लागू किया जाएगा।
2. अगर मेरे पास दस्तावेज नहीं हैं तो क्या होगा?
आपको संबंधित कार्यालय में जाकर दस्तावेज बनवाने होंगे। बिना दस्तावेज के जमीन पर दावा करना मुश्किल होगा।
3. क्या यह सर्वे सरकारी और निजी दोनों जमीनों पर लागू है?
हां, यह सर्वे सरकारी और निजी दोनों जमीनों पर लागू होता है।
4. वंशावली प्रमाण पत्र कहां से बनवाएं?
आप इसे पंचायत कार्यालय या राजस्व विभाग से बनवा सकते हैं।