बिहार में जमीन सर्वे का काम शुरू! अमीन घर-घर जाकर करवाएंगे ये जरूरी प्रक्रिया, जानें पूरा बदलाव

बिहार में जमीन सर्वेक्षण की प्रक्रिया फिर से तेज हो गई है। ऑनलाइन आवेदन सेवा बहाल कर दी गई है, और अमीन गांव-गांव जाकर लोगों को आवेदन के लिए प्रेरित कर रहे हैं। नई वेबसाइट अपडेट्स और सर्वर सक्रियता के कारण अब आवेदन प्रक्रिया अधिक सुगम हो गई है।

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Written byRohit Kumar

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बिहार में जमीन सर्वे का काम शुरू! अमीन घर-घर जाकर करवाएंगे ये जरूरी प्रक्रिया, जानें पूरा बदलाव
बिहार में जमीन सर्वे का काम शुरू!

बिहार में जमीन सर्वे का कार्य अब नई गति पकड़ चुका है। पिछले कुछ दिनों से तकनीकी कारणों से रुकी हुई ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को फिर से बहाल कर दिया गया है। अब सभी प्रमंडलों के सर्वर सक्रिय कर दिए गए हैं, जिससे आवेदन से जुड़ी सभी परेशानियां दूर हो गई हैं। खास बात यह है कि जिन लोगों ने ऑफलाइन स्वघोषणा फॉर्म भरे थे, उनकी जानकारी भी जल्द ही ऑनलाइन उपलब्ध होगी। जिन्होंने अब तक आवेदन नहीं किया है, उनके लिए अमीनों की टीम गांव-गांव जाकर सहायता करेगी और उन्हें आवेदन करने के लिए प्रेरित करेगी।

ऑनलाइन सेवा फिर से बहाल

बिहार में भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया को सरल और सुचारु बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सभी 9 प्रमंडलों के लिए अलग-अलग सर्वर को सक्रिय कर दिया गया है। इससे सर्वेक्षण से संबंधित दस्तावेजों के भंडारण में आ रही समस्याओं का समाधान हुआ है। सारण प्रमंडल का सर्वर भी सुचारू रूप से कार्य करने लगा है, जिससे यह तकनीकी प्रक्रिया पूरी तरह सफल मानी जा रही है। अब भूमि मालिकों को सर्वे निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अपनी स्वघोषणा और वंशावली दस्तावेज अपलोड करने में किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी।

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अब भूमि मालिक ऑनलाइन ही अपने जरूरी कागजात अपलोड कर सकते हैं और डिजिटल माध्यम से जमीन सर्वे के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस सुविधा से प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी, जिससे रैयतों को लाभ मिलेगा।

नए रूप में दिखेगी वेबसाइट

सर्वे प्रक्रिया को और अधिक आसान बनाने के लिए सरकारी वेबसाइट को भी अपग्रेड किया गया है। अब पोर्टल पर जिलेवार नए विकल्प जोड़े गए हैं, जिससे आवेदनकर्ता आसानी से अपनी जानकारी दर्ज कर सकते हैं। स्वघोषणा फॉर्म वाले ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आवेदक को अपने जिले का चयन करना होगा, जिसके बाद आवेदन अपने संबंधित प्रमंडल के डेटा स्टोर में स्वतः चला जाएगा। इस नई प्रणाली के तहत डिजिटाइज्ड और स्कैन किए गए दस्तावेजों को सुरक्षित रखना अब अधिक सुविधाजनक होगा।

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इसके अलावा, जिन लोगों ने अब तक ऑफलाइन मोड में अपनी स्वघोषणा फॉर्म जमा किए थे, उनके विवरण को भी इस सप्ताह के अंत तक ऑनलाइन उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है। इससे सभी आवेदकों को उनकी जमीन से जुड़े रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से एक्सेस करने में आसानी होगी।

घर-घर जाकर सर्वे प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश

भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने सर्वेक्षण कार्य को तेज करने के लिए अमीनों को विशेष निर्देश जारी किए हैं। अब अमीन गांव-गांव जाकर उन लोगों से संपर्क करेंगे, जिन्होंने अभी तक अपनी भूमि का स्वघोषणा पत्र जमा नहीं किया है। अमीन न केवल उन्हें आवेदन प्रक्रिया की जानकारी देंगे, बल्कि उनके सवालों के जवाब देकर आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित भी करेंगे।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक भूमि मालिकों को इस प्रक्रिया में शामिल करना है, ताकि उनके भू-अधिकार सुनिश्चित हो सकें और जमीन से जुड़े विवादों को खत्म किया जा सके। सरकार चाहती है कि हर रैयत अपनी भूमि का रिकॉर्ड डिजिटल रूप से अपडेट करवाए, जिससे भविष्य में किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

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