
उत्तर प्रदेश (UP) में जमीन की कीमतों में बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। अगले 5 सालों में कई प्रमुख शहरों में जमीन के दाम (Property Rates) दोगुने होने की संभावना है। ऐसे में अगर आप करोड़पति (Karodpati) बनने का सपना देख रहे हैं, तो यूपी के कुछ चुनिंदा शहरों में निवेश करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। खासकर अयोध्या (Ayodhya), जेवर (Jewar), लखनऊ (Lucknow), नोएडा (Noida), ग्रेटर नोएडा (Greater Noida), गाजियाबाद (Ghaziabad) और आगरा (Agra) जैसे शहरों में जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। आइए जानते हैं किन शहरों में निवेश आपके लिए फायदेमंद हो सकता है और इसके पीछे के कारण क्या हैं।
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अयोध्या में जमीन की कीमतों में भारी उछाल
अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) बनने के बाद से जमीन की कीमतों में जबरदस्त तेजी आई है। मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में जमीन के दाम 2-3 गुना तक बढ़ चुके हैं। यूपी सरकार अयोध्या को एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। इनमें एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और सड़क नेटवर्क का विस्तार शामिल है। अगले 5 साल में पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास के चलते यहां की कीमतें दोगुनी होने की संभावना है। खासतौर पर राम मंदिर के आसपास के इलाकों में निवेश करना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
लखनऊ में सरकारी योजनाएं बढ़ा रहीं जमीन की कीमतें
लखनऊ में जमीन की कीमतों में स्थिरता के बावजूद पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है। राजधानी में चल रही सरकारी परियोजनाएं, आईटी हब (IT Hub) का विकास और बेहतर कनेक्टिविटी के कारण प्रॉपर्टी मार्केट में तेजी आई है। गोमती नगर (Gomti Nagar) और शहीद पथ (Shaheed Path) जैसे क्षेत्र निवेश के लिए लोकप्रिय बने हुए हैं। गोमती नगर में सर्किल रेट 40,000-60,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर के आसपास है। अगले 5 साल में इन प्रमुख इलाकों में जमीन के दाम दोगुने हो सकते हैं।
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जेवर में एयरपोर्ट के चलते निवेश का सुनहरा मौका
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) के निर्माण के बाद जेवर में जमीन की कीमतों में तेजी आई है। 2020 में जहां कीमतें 5,000 रुपये प्रति वर्ग फुट थीं, वहीं 2024 में ये बढ़कर 7,000 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच चुकी हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2030 तक यहां कीमतें 10,482 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच सकती हैं। एयरपोर्ट के अलावा यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway), मेट्रो कनेक्टिविटी और इंटरनेशनल फिल्म सिटी (International Film City) जैसी परियोजनाएं भी इस क्षेत्र को निवेश के लिए आकर्षक बना रही हैं।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में तेजी से बढ़े दाम
नोएडा (Noida) और ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) रियल एस्टेट के बड़े केंद्र माने जाते हैं। पिछले 5 सालों में यहां प्रॉपर्टी की कीमतों में 88% तक की वृद्धि देखी गई है। नोएडा एक्सप्रेसवे (Noida Expressway) पर 2019 में कीमतें 5,075 रुपये प्रति वर्ग फुट थीं, जो 2024 में बढ़कर 8,400 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं। अगले 5 सालों में नोएडा के कुछ खास क्षेत्रों जैसे सेक्टर 150 और यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास जमीन की कीमतें दोगुनी होने की प्रबल संभावना है।
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गाजियाबाद में रैपिड रेल और मेट्रो कनेक्टिविटी का असर
दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) का अहम हिस्सा होने के कारण गाजियाबाद (Ghaziabad) में भी जमीन की कीमतों में तेजी आ रही है। रैपिड रेल (Delhi-Meerut Corridor), मेट्रो और औद्योगिक विकास के चलते यहां प्रॉपर्टी की मांग बढ़ रही है। पिछले 5 साल में राज नगर एक्सटेंशन (Raj Nagar Extension) और इंदिरापुरम (Indirapuram) जैसे क्षेत्रों में कीमतें 55% तक बढ़ी हैं। अगले 5 साल में इन इलाकों में कीमतें दोगुनी हो सकती हैं।
आगरा में पर्यटन और कनेक्टिविटी का असर
आगरा (Agra) में ताजमहल (Taj Mahal) के कारण पहले से ही पर्यटन का अच्छा प्रभाव है। अब आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra-Lucknow Expressway) और प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट के चलते आगरा में जमीन की कीमतें बढ़ने की संभावना है। अगले 5 साल में पर्यटन और बेहतर कनेक्टिविटी के कारण यहां के कुछ क्षेत्रों में दाम दोगुने हो सकते हैं।
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निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
यूपी के इन शहरों में जमीन के दामों में बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं:
- बुनियादी ढांचे का विकास: एयरपोर्ट, एक्सप्रेसवे, मेट्रो और रेलवे प्रोजेक्ट्स
- सरकारी नीतियां: सर्किल रेट में बदलाव और निवेश को बढ़ावा देने वाली योजनाएं
- शहरीकरण: टियर-2 शहरों में तेजी से बढ़ती आबादी और सुविधाएं
- औद्योगिक विकास: सेमीकंडक्टर प्लांट, फिल्म सिटी और आईटी हब जैसी परियोजनाएं
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जेवर और अयोध्या सबसे मजबूत दावेदार
विशेषज्ञों के अनुसार, जेवर और अयोध्या में निवेश के सर्वाधिक फायदे होने की संभावना है। इन शहरों में हो रहे व्यापक विकास कार्यों के चलते अगले 5 साल में जमीन की कीमतें दोगुनी हो सकती हैं। हालांकि, निवेश से पहले स्थानीय स्तर पर रिसर्च और विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहद जरूरी है।