सोलर एनर्जी से बिजली का उत्पादन करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है, सोलर पैनल का प्रयोग आज के समय में तेजी से बढ़ रहा है, पैनल की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इनकी तकनीक को भी डेवलप किया जा रहा है। ऐसे में बारिश के मौसम में भी बिजली का उत्पादन करने वाले पैनल को घर में लगाकर आप अपनी बिजली की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकते हैं। इस प्रकार के पैनल को इंस्टाल करके हर प्रकार के मौसम में बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।
बारिश में भी बिजली बनाएगा ये सोलर पैनल
भारत सोलर एनर्जी का एक बहुत बड़ा बाजार है, यहाँ कई तकनीक के सोलर पैनल उपलब्ध रहते हैं, जिनका निर्माण करने वाले कई ब्रांड बाजार में उपलब्ध हैं। ज्यादातर ब्रांड द्वारा पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन एवं बाइफेशियल प्रकार के पैनल का निर्माण किया जाता है। बारिश वाले मौसम या बादल वाले मौसम में सभी प्रकार के पैनल से बिजली प्राप्त की जाती है, लेकिन ऐसे में पूरी क्षमता के साथ बिजली नहीं बनती है।
कौन सा सोलर पैनल करेगा खराब मौसम में भी बेस्ट परफॉर्मेंस
पॉलीक्रिस्टलाइन प्रकार के पैनल खराब मौसम में बहुत ही कम मात्रा में बिजली का उत्पादन करते है, बाइफेशियल पैनल भी अपनी क्षमता से बहुत कम बिजली खराब मौसम में बनाते हैं। जबकि मोनोक्रिस्टलाइन प्रकार के पैनल द्वारा अपनी क्षमता से कुछ ही कम बिजली बनाई जाती है। इस प्रकार मोनो सोलर पैनल एक प्रकार से बारिश वाले दिनों में भी ज्यादा बिजली बना सकते हैं। विश्वसनीय ब्रांड के मोनो पैनल को खरीदकर आप हर मौसम में बिजली का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की जानकारी
मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल में सिंगल क्रिस्टल सिलिकॉन से बने सोलर सेल होते हैं, सोलर सेल के माध्यम से ही बिजली का उत्पादन किया जाता है। इसमें प्रयोग होने वाले शुद्ध अर्द्धचालक पदार्थ के कारण ही ये सौर ऊर्जा को अवशोषित करने में सबसे दक्ष होते हैं। ऐसे सोलर पैनल की कीमत पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल से अधिक रहती है, लेकिन इनका प्रयोग करने से कई तरह के फायदे उपभोक्ता को प्राप्त होते हैं।
मोनो सोलर पैनल का प्रयोग कर कम स्थान में ही सोलर सिस्टम को स्थापित किया जा सकता है, ऐसे पैनल लंबे समय तक कुशलतापूर्वक बिजली का उत्पादन करते हैं। इस प्रकार के पैनल का प्रयोग करने के लिए सिर्फ तेज धूप पर ही निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ती है, ये खराब मौसम में भी बिजली जनरेट कर सकते हैं। इन पर कम से कम 25 साल की परफॉर्मेंस वारंटी ग्राहक को दी जाती है।
सभी तकनीक के पैनल खराब मौसम में भी बिजली का उत्पादन करते हैं, लेकिन उनकी दक्षता बहुत कम हो जाती है, ऐसे में वे बहुत कम मात्रा में ही बिजली का उत्पादन करते हैं। पैनल का प्रयोग कर पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकते हैं।