
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, बैंक खाते में सिक्के जमा करना पूरी तरह वैध है और इसके लिए किसी प्रकार की अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं की गई है। भारत में कई बार आम लोग यह भ्रम पाल लेते हैं कि बड़ी मात्रा में सिक्के जमा नहीं किए जा सकते या बैंक उन्हें लेने से इनकार कर सकते हैं। लेकिन RBI के दिशा-निर्देश साफ़ तौर पर बताते हैं कि सभी बैंक अपनी शाखाओं में ग्राहकों से किसी भी राशि के सिक्के स्वीकार करने के लिए बाध्य हैं।
सभी मूल्यवर्ग के सिक्के हैं वैध करेंसी, कोई भेदभाव नहीं
भारत में इस समय ₹1, ₹2, ₹5, ₹10 और ₹20 के सिक्के चलन में हैं। RBI के अनुसार ये सभी सिक्के वैध मुद्रा (Legal Tender) हैं और इनका चलन पूरी तरह से मान्य है। कोई भी बैंक या कारोबारी इनसे लेन-देन करने से इनकार नहीं कर सकता। बैंकिंग व्यवस्था में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए, RBI ने बार-बार यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी शाखा द्वारा सिक्कों को लेने से मना नहीं किया जाना चाहिए।
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सिक्कों की पैकिंग को लेकर क्या है RBI की सलाह
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को यह सलाह दी है कि सिक्कों की स्वीकार्यता को सुचारू और सुविधाजनक बनाने के लिए ग्राहकों को उन्हें संगठित रूप से जमा करने के लिए प्रेरित किया जाए। खासकर ₹1 और ₹2 के सिक्कों को वजन के आधार पर या फिर 100-100 सिक्कों की थैलियों में जमा करना ज्यादा बेहतर माना जाता है। इससे बैंक कर्मचारियों को गिनती में आसानी होती है और ग्राहक को भी किसी प्रकार की असुविधा नहीं होती।
हालांकि यह कोई अनिवार्य शर्त नहीं है, लेकिन एक सहूलियतपूर्ण तरीका है, जिससे सिक्कों की प्रोसेसिंग में तेजी लाई जा सकती है। खासकर व्यापारियों और छोटे कारोबारियों को यह सुझाव दिया जाता है कि वे सिक्के इस तरह से जमा करें ताकि बैंकिंग प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए।
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बैंक की जिम्मेदारी: सिक्कों को स्वीकार करना अनिवार्य
RBI के निर्देशों के मुताबिक, सभी बैंकों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपनी प्रत्येक शाखा में सिक्के स्वीकार करें। यह उनके ग्राहक सेवा दायित्व का हिस्सा है। यदि कोई बैंक या शाखा सिक्कों को जमा करने से इनकार करती है, तो यह न केवल असुविधा की बात है, बल्कि यह भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों का भी सीधा उल्लंघन है।
इस दिशा में RBI पहले भी कई बार दिशा-निर्देश जारी कर चुका है, जिनमें बैंकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि ग्राहकों को सिक्के जमा करने में कोई परेशानी न हो। बैंकिंग सेवाओं की सार्वभौमिकता बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि हर तरह की वैध मुद्रा को समान रूप से स्वीकार किया जाए।
शिकायत कैसे और कहां दर्ज करें अगर बैंक सिक्के लेने से मना करे
यदि कोई बैंक ग्राहक से सिक्के लेने से इनकार करता है, तो ग्राहक को इसका विरोध करने का पूरा अधिकार है। ऐसी स्थिति में आप भारतीय रिज़र्व बैंक की बैंकिंग लोकपाल योजना (Banking Ombudsman Scheme) के अंतर्गत शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह एक औपचारिक शिकायत प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से ग्राहक को न्याय दिलाया जाता है।
शिकायत दर्ज करने के लिए आप RBI की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं, जहां पर एक ऑनलाइन शिकायत फॉर्म उपलब्ध है। यदि बैंक ने बिना किसी वैध कारण के सिक्के लेने से इनकार किया है, तो यह शिकायत पूरी तरह से उचित मानी जाती है और उस पर त्वरित कार्रवाई की जाती है।
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