
उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) इस वर्ष 30 अप्रैल से आरंभ हो रही है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालु गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए उत्तराखंड की पर्वतीय वादियों का रुख करेंगे। इस पवित्र यात्रा को सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए शासन और प्रशासन ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
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परिवहन विभाग की सख्त एडवाइजरी जारी
चारधाम यात्रा को लेकर परिवहन विभाग (Transport Department) ने इस बार एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। इसमें खासतौर से पर्वतीय मार्गों पर वाहनों की आवाजाही को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह है कि रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक किसी भी व्यवसायिक वाहन (Commercial Vehicle) को चारधाम यात्रा मार्ग पर चलने की अनुमति नहीं होगी। यह नियम पहाड़ी रास्तों पर रात में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया है।
चालकों के लिए विशेष नियम लागू
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) चक्रपाणि मिश्रा ने बताया कि पर्वतीय इलाकों में ड्राइविंग एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसमें चालकों की दक्षता और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। इसलिए इस बार चालक वर्ग के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
एडवाइजरी के अनुसार, सभी व्यवसायिक चालकों को विशेष प्रशिक्षण प्रमाणपत्र (Special Training Certificate), वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट (Vehicle Fitness Certificate) और सभी आवश्यक दस्तावेज अपने पास रखने अनिवार्य होंगे। चालकों की वेशभूषा, व्यवहार और स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया है।
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चालकों को यात्रा के दौरान चप्पल या सैंडल पहनकर वाहन चलाने की अनुमति नहीं होगी। इसके बजाय उन्हें बंद जूते या ट्रैकिंग शूज (Tracking Shoes) पहनना अनिवार्य किया गया है ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
वाहनों की तकनीकी स्थिति पर रखी जाएगी नजर
परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस बार यात्रा मार्गों पर चलने वाले सभी व्यवसायिक वाहनों की तकनीकी स्थिति की बारीकी से जांच की जाएगी। हर वाहन के पास फिटनेस सर्टिफिकेट (Fitness Certificate) और प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र (Pollution Certificate) होना अनिवार्य है।
इसके साथ ही चालकों को नशे से दूर रहने (No Intoxication) और यात्रियों से शिष्टाचारपूर्ण व्यवहार करने की सख्त हिदायत दी गई है। अगर कोई चालक या वाहन मालिक इन नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई (Strict Action) की जाएगी।
धार्मिक और आर्थिक दृष्टिकोण से अहम है यात्रा
चारधाम यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि उत्तराखंड के लिए एक बड़ी आर्थिक गतिविधि (Economic Activity) भी है। हर साल इस यात्रा के माध्यम से राज्य को करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त होता है और हजारों लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं। प्रशासन ने दावा किया है कि इस बार यात्रा को पहले से अधिक व्यवस्थित, सुरक्षित और श्रद्धालुओं के अनुकूल बनाया जाएगा।
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यात्रियों से एडवाइजरी के पालन की अपील
प्रशासन की ओर से यात्रियों से अपील की गई है कि वे यात्रा से पहले ऑनलाइन पंजीकरण (Online Registration) कराएं और मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा पर निकलें। यात्रा मार्गों की मरम्मत, स्वास्थ्य सेवाओं और ठहरने की व्यवस्थाएं पूरी गति से की जा रही हैं।
साथ ही, स्वास्थ्य सुविधा (Health Facility) और आपातकालीन सेवाओं को भी यात्रा मार्गों पर मजबूत किया जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से निपटा जा सके।