
चीन (China) जो कभी दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश था, अब घटती जनसंख्या से जूझ रहा है। 2023 में भारत (India) ने चीन को पीछे छोड़कर सबसे अधिक आबादी वाले देश का खिताब हासिल कर लिया। चीन की अर्थव्यवस्था (Economy) ने बीते कुछ दशकों में अभूतपूर्व विकास किया है, लेकिन इसी विकास ने वहां के युवाओं की प्राथमिकताओं को बदल दिया है।
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चीन में फर्टिलिटी रेट (Fertility Rate) में लगातार गिरावट देखी जा रही है। युवा करियर और पैसों की होड़ में परिवार (Family) और बच्चों की जिम्मेदारी उठाने से बच रहे हैं। यही समस्या जापान (Japan) और दक्षिण कोरिया (South Korea) में भी देखने को मिल रही है, जहां फर्टिलिटी रेट दुनिया में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुकी है।
कंपनियां दे रही हैं कर्मचारियों को बच्चे पैदा करने की धमकी
चीन में घटती जनसंख्या को लेकर अब कंपनियां भी अपनी नीतियों में बदलाव कर रही हैं। हाल ही में शंगडोंग शंटियन केमिकल ग्रुप (Shangdong Shantian Chemical Group) ने अपने कर्मचारियों से कहा कि वे अगले नौ महीने में बच्चे पैदा करें, अन्यथा उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा। कंपनी का कहना है कि उनके कर्मचारी मेहनती और देशभक्त हैं, और उन्हें राष्ट्रहित में जनसंख्या वृद्धि में योगदान देना चाहिए।
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शंगडोंग शंटियन अकेली कंपनी नहीं है जो इस तरह के नियम लागू कर रही है। कुछ सप्ताह पहले एक लोकप्रिय सुपरमार्केट चेन (Supermarket Chain) ने भी अपने कर्मचारियों को शादी (Marriage) और परिवार बढ़ाने के लिए प्रेरित करने का फरमान जारी किया था। हालांकि, इस तरह के फरमानों की चीन में जमकर आलोचना हो रही है।
सरकार ला सकती है नई जनसंख्या नीति
चीन की सरकार (China Government) भी आबादी बढ़ाने के लिए कड़े फैसले लेने की तैयारी में है। अभी चीन में शादी की न्यूनतम उम्र पुरुषों के लिए 22 साल और महिलाओं के लिए 21 साल है, लेकिन अब इसे घटाकर 18 साल करने का प्रस्ताव विचाराधीन है।
इसके अलावा, सरकारी अधिकारी महिलाओं को गर्भधारण (Pregnancy) के लिए प्रेरित करने के लिए घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं। कई जगहों पर इस तरह के विज्ञापन चलाए जा रहे हैं कि प्रेग्नेंसी से महिलाएं ज्यादा खूबसूरत होती हैं और यह समाज के लिए लाभदायक है।
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कम होती शादियों से बढ़ी चिंता
बीते साल चीन में केवल 61 लाख शादियां (Marriage) हुईं, जो 2023 की तुलना में 20% कम हैं। यह आंकड़ा 1986 के बाद सबसे कम दर्ज किया गया है। चीन में लिविंग कॉस्ट (Living Cost) बढ़ने और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बढ़ती चाहत के चलते युवा शादी करने से बच रहे हैं।
बहुत से युवा लिव-इन रिलेशनशिप (Live-in Relationship) को प्राथमिकता दे रहे हैं और पारंपरिक विवाह से दूर हो रहे हैं। यही कारण है कि चीन में पिछले तीन सालों से जनसंख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
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चीन की गिरती आबादी का असर
यदि चीन की जनसंख्या इसी रफ्तार से गिरती रही, तो आने वाले वर्षों में देश को गंभीर आर्थिक (Economic) और सामाजिक (Social) चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। कामकाजी आबादी (Working Population) में भारी कमी से उत्पादन क्षमता प्रभावित होगी और देश की विकास दर (Growth Rate) पर असर पड़ेगा।
चीन अब तेजी से जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) की पुरानी नीतियों से हटकर नई रणनीतियों की ओर बढ़ रहा है। सरकार की कोशिश है कि लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित किया जाए, लेकिन मौजूदा ट्रेंड को देखते हुए यह इतना आसान नहीं होगा।