अब सरकारी राशन के लिए नहीं लगानी होगी लंबी लाइन! ATM से मिलेगा अनाज, जानें कैसे

अब सरकारी राशन के लिए नहीं लगानी होगी लंबी लाइन! ATM से मिलेगा अनाज, जानें कैसे
सरकारी राशन
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उत्तराखंड सरकार ने सरकारी राशन दुकानों पर लगने वाली लंबी लाइनों से उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए एक अभिनव कदम उठाया है। अब उपभोक्ताओं को राशन लेने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि राज्य में चार ग्रीन ग्रेन एटीएम लगाए गए हैं। इन एटीएम की खासियत यह है कि वे पूरी तरह कंप्यूटरीकृत हैं और एक दिन में 30 क्विंटल गेहूं व चावल वितरण करने में सक्षम हैं। इससे न केवल उपभोक्ताओं को सुविधा मिलेगी, बल्कि राशन वितरण प्रक्रिया भी पारदर्शी हो जाएगी।

ग्रीन ग्रेन एटीएम की विशेषताएँ

ये एटीएम पूरी तरह डिजिटल और ऑटोमेटेड हैं, जिससे घटतौली और अनियमितताओं की संभावना समाप्त हो जाएगी। उपभोक्ता अपने राशन कार्ड का नंबर दर्ज करते ही पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह एटीएम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, अंत्योदय और राज्य खाद्य सुरक्षा योजनाओं के तहत लाभार्थियों को उनके निर्धारित कोटे के अनुसार गेहूं और चावल वितरित करता है।

ट्रायल के बाद अब विधिवत संचालन

जिला पूर्ति कार्यालय ने देहरादून, ऋषिकेश, सहसपुर और विकासनगर में चार ग्रीन ग्रेन एटीएम स्थापित किए हैं। ट्रायल सफल होने के बाद अब इनका नियमित संचालन शुरू किया जा रहा है। जिला पूर्ति अधिकारी (DSO) केके अग्रवाल ने जानकारी दी कि सहसपुर में लगाए गए एटीएम को भी जल्द ही शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह एटीएम एक घंटे में पांच क्विंटल राशन वितरित कर सकता है, जबकि मैन्युअल वितरण में एक क्विंटल राशन देने में तीन घंटे का समय लगता है।

राशन विक्रेताओं को मिला प्रशिक्षण

ग्रीन ग्रेन एटीएम के प्रभावी संचालन के लिए राशन विक्रेताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इससे उन्हें एटीएम के विभिन्न कार्यों को समझने और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा देने में आसानी होगी। ट्रायल के दौरान तकनीकी कमियों को भी दूर किया गया, जिससे अब यह प्रणाली बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से कार्य कर सकेगी।

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कैसे काम करता है ग्रीन ग्रेन एटीएम?

ग्रीन एटीएम में सभी उपकरण पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड हैं। उपभोक्ता को अपना राशन कार्ड नंबर दर्ज करना होता है, जिसके बाद मशीन स्वतः ही संपूर्ण विवरण दिखा देती है। इसके बाद निर्धारित यूनिट के अनुसार राशन का वजन किया जाता है और मशीन से गेहूं या चावल बाहर निकलता है।

इस प्रणाली के माध्यम से राशन वितरण अधिक पारदर्शी हो गया है, क्योंकि इससे राशन की कालाबाजारी और गड़बड़ी की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, प्रत्येक माह वितरित किए गए राशन की रिपोर्ट भी जिला पूर्ति कार्यालय को सौंपी जाती है।

विभाग करेगा ग्रीन एटीएम की मॉनिटरिंग

इन एटीएम की मॉनिटरिंग का कार्य विभाग द्वारा किया जाएगा। किसी भी तकनीकी समस्या को दूर करने की जिम्मेदारी विभाग की होगी, जबकि बिजली के बिल और एटीएम के संचालन की देखरेख राशन विक्रेता करेंगे। चूंकि ग्रीन एटीएम के माध्यम से वितरण प्रक्रिया अधिक कुशल हो गई है, इसलिए इससे जुड़े विक्रेताओं को भी अधिक लाभांश मिलेगा।

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By Rohit Kumar

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