
भारत में मई 2025 में कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर वृद्धि देखी जा रही है, जिसका मुख्य कारण नए वेरिएंट्स JN.1, NB.1.8.1 और LF.7 हैं। इनमें से JN.1 वेरिएंट, जो ओमिक्रॉन BA.2.86 का सब-वेरिएंट है, सबसे अधिक फैल रहा है और इसके कारण देश में सक्रिय मामलों की संख्या 1,010 तक पहुंच गई है।
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JN.1 वेरिएंट: लक्षण और प्रभाव
JN.1 वेरिएंट के लक्षण पहले के वेरिएंट्स से मिलते-जुलते हैं, लेकिन इसमें कुछ विशेष लक्षण भी देखे गए हैं:
- हल्का बुखार या ठंड लगना
- सूखी खांसी या गले में खराश
- थकान और मांसपेशियों में दर्द
- नाक बहना या बंद होना
- भूख में कमी और डायरिया
- सिरदर्द और चक्कर आना
विशेषज्ञों के अनुसार, JN.1 वेरिएंट अधिक संक्रामक है, लेकिन इसके लक्षण सामान्यतः हल्के होते हैं और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता कम होती है।
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NB.1.8.1 और LF.7 वेरिएंट्स: क्या है खतरा?
NB.1.8.1 और LF.7 वेरिएंट्स को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने “Variants Under Monitoring” की श्रेणी में रखा है, जिसका अर्थ है कि इन पर निगरानी रखी जा रही है, लेकिन अभी तक ये गंभीर खतरा नहीं माने गए हैं।
इन वेरिएंट्स के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- गले में खराश और खांसी
- हल्का बुखार
- थकान और मांसपेशियों में कमजोरी
- नाक बहना या बंद होना
- सिरदर्द और मतली
हालांकि, इन वेरिएंट्स के कारण गंभीर बीमारी या मृत्यु दर में वृद्धि नहीं देखी गई है।
भारत में वर्तमान स्थिति
भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 1,010 तक पहुंच गई है, जिसमें केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और तमिलनाडु सबसे अधिक प्रभावित राज्य हैं। दिल्ली में 104 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि केरल में सबसे अधिक 430 मामले सामने आए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने और आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। अस्पतालों में आरटी-पीसीआर जांच, आइसोलेशन वार्ड और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
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सावधानियां और सुझाव
विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सतर्क रहना आवश्यक है। निम्नलिखित सावधानियां अपनाने की सलाह दी जाती है:
- भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें।
- हाथों की नियमित सफाई करें।
- हल्के लक्षणों पर भी कोविड टेस्ट कराएं।
- टीकाकरण और बूस्टर डोज लें।
- स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम करें।