
सोशल मीडिया पर भारतीय सेना के खिलाफ गलत जानकारी फैलाने वाले पूर्व सैनिकों पर सेना ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। सेना मुख्यालय ने सभी कमांड को निर्देश दिए हैं कि यदि कोई पूर्व सैनिक सोशल मीडिया पर सेना की छवि खराब करने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कराई जाए। इस कदम के तहत जयपुर में एक पूर्व सैनिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, और अन्य कई शहरों में कुछ पूर्व सैनिक सेना के रडार पर हैं।
सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप
सूत्रों के अनुसार, जयपुर में एफआईआर दर्ज करवाए गए पूर्व सैनिक ने एक यूट्यूब चैनल के माध्यम से सेना और उसकी कार्यशैली पर लगातार आरोप लगाए हैं। इसके अलावा, कुछ अन्य पूर्व सैनिकों की पहचान की गई है, जिनमें से कुछ अनुशासनहीनता के कारण सेना से निकाले गए थे। सेना मुख्यालय ने सभी कमांड को निर्देश दिया है कि वे सोशल मीडिया की सख्ती से निगरानी करें और सेना की छवि खराब करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की उपयुक्त धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराएं।
सेना का ऐक्शन प्लान
सेना मुख्यालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई है कि सेना की छवि खराब करने वालों के खिलाफ कानूनन कार्रवाई हो। सेना की एजी ब्रांच ने पहले ही सेना के सभी कमांड मुख्यालयों को एक अडवाइजरी जारी की थी। इस अडवाइजरी में आर्मी पेंशन रेगुलेशन एक्ट-2008 का हवाला देते हुए कहा गया था कि किसी भी पूर्व सैनिक की पेंशन पूरी या आंशिक रूप से रोकी जा सकती है, यदि वह अनुचित आचरण का दोषी पाया जाता है। इस अधिनियम के अनुसार, पेंशन जारी रखने के लिए पूर्व सैनिक का भविष्य में अच्छा आचरण अनिवार्य शर्त होती है।
दुश्मन उठा सकता है फायदा
सेना की ओर से पहले जारी की गई अडवाइजरी में कहा गया था कि हाल के वर्षों में कुछ पूर्व सैनिक सोशल मीडिया पर सेना के खिलाफ भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। वे सेना में सेवा जीवन और सेवा शर्तों को लेकर गलत सूचना फैला रहे हैं, जिससे सेना की छवि को नुकसान पहुंच रहा है। इन प्रचार वीडियो और झूठे नैरेटिव का प्रभाव लोगों के मन पर पड़ सकता है और दुश्मन ताकतें इसका इस्तेमाल भारतीय सेना के खिलाफ कर सकती हैं।