
CUET UG 2025 परीक्षा को लेकर छात्र-छात्राओं के मन में कई सवाल हैं, जिनमें सबसे आम सवाल यही है कि क्या CUET UG स्कोर के साथ-साथ 12वीं के नंबर भी एडमिशन प्रक्रिया में मायने रखते हैं? नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित होने वाली इस परीक्षा में देशभर के लाखों छात्र भाग लेते हैं। CUET UG 2025 परीक्षा 13 मई को होने जा रही है, और अब तक 13 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
CUET (Common University Entrance Test) एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसके स्कोर के आधार पर छात्र भारत की 260 से अधिक यूनिवर्सिटीज़ में ग्रेजुएशन कोर्सेज़ में दाखिला ले सकते हैं। लेकिन क्या केवल CUET स्कोर ही पर्याप्त है? या फिर 12वीं बोर्ड के मार्क्स भी किसी न किसी रूप में प्रक्रिया में शामिल होते हैं? आइए विस्तार से जानते हैं पूरा प्रोसेस।
CUET UG स्कोर बनता है मेन क्राइटेरिया
CUET UG 2025 में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवारों के लिए मुख्य आधार उनका CUET स्कोर होता है। अधिकतर यूनिवर्सिटीज़, खासकर Central Universities जैसे कि Delhi University (DU), Jawaharlal Nehru University (JNU), Banaras Hindu University (BHU), Jamia Millia Islamia (JMI) आदि, एडमिशन में सिर्फ CUET स्कोर को ही प्राथमिकता देती हैं। इन यूनिवर्सिटीज़ की एडमिशन मेरिट लिस्ट सीधा CUET स्कोर के आधार पर तैयार की जाती है और 12वीं के नंबर को इसमें नहीं जोड़ा जाता।
कुछ यूनिवर्सिटीज़ में 12वीं के नंबर भी जरूरी
हालांकि, कुछ खास परिस्थितियों में और कुछ State Universities, Deemed Universities तथा Private Universities 12वीं के परसेंटेज को भी महत्व देती हैं। उदाहरण के लिए, Professional Courses जैसे BBA, BCA, B.Ed आदि में आवेदन करते समय 12वीं में न्यूनतम 50% से 60% अंक आवश्यक हो सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि यदि आपने CUET में अच्छा स्कोर किया है लेकिन 12वीं में पासिंग मार्क्स से कम नंबर हैं, तो आपका एडमिशन नहीं हो पाएगा।
टाई-ब्रेकर में भी देखे जाते हैं 12वीं के नंबर
CUET UG 2025 में एक और अहम पहलू है टाई-ब्रेकर पॉलिसी। कई बार ऐसा होता है कि दो या दो से अधिक उम्मीदवारों के CUET स्कोर समान आ जाते हैं। इस स्थिति में यूनिवर्सिटीज़ की टाई-ब्रेकर पॉलिसी लागू होती है, जिसमें 12वीं या कुछ मामलों में 10वीं के नंबर को देखा जाता है। इस प्रक्रिया के तहत, जिसके 12वीं में बेहतर मार्क्स होते हैं, उसे प्राथमिकता दी जाती है।
एडमिशन एलिजिबिलिटी में क्या है भूमिका?
CUET स्कोर के साथ-साथ यूनिवर्सिटीज़ का खुद का एक एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया भी होता है, जिसे हर उम्मीदवार को पूरा करना अनिवार्य होता है। जैसे, कुछ कोर्सेज़ में यह नियम है कि 12वीं में मैथ्स, फिजिक्स या किसी अन्य विषय में न्यूनतम प्रतिशत होना चाहिए। उदाहरण के लिए, बीकॉम ऑनर्स या बीएससी ऑनर्स में एडमिशन के लिए 12वीं में संबंधित विषयों में कम से कम 60% अंक आवश्यक हो सकते हैं, भले ही CUET स्कोर अच्छा क्यों न हो।
किन यूनिवर्सिटीज़ में जरूरी हैं 12वीं के नंबर?
CUET स्कोर को मान्यता देने वाली यूनिवर्सिटीज़ की संख्या 260 से अधिक है, जिनमें 47 Central Universities, 26 State Universities, 7 Government Institutions, 22 Deemed Universities और 102 Private Universities शामिल हैं। इन यूनिवर्सिटीज़ में से अधिकांश Central Universities केवल CUET स्कोर को ही आधार बनाती हैं, लेकिन कुछ State और Deemed Universities 12वीं के नंबर भी गिनती में लेती हैं।
उदाहरण के लिए, कुछ राज्य स्तरीय यूनिवर्सिटीज़ में प्रवेश के लिए 12वीं में न्यूनतम 60% अंक जरूरी होते हैं। वहीं, कुछ Private Universities ने अपनी वेबसाइट पर यह स्पष्ट किया है कि वे CUET स्कोर के साथ-साथ बोर्ड परीक्षा के अंकों को भी देखती हैं, ताकि छात्र की एकेडमिक बैकग्राउंड का पूरा मूल्यांकन किया जा सके।
प्रोफेशनल कोर्सेज़ में क्या है नियम?
CUET के माध्यम से मिलने वाले प्रोफेशनल कोर्सेज़ जैसे BBA, BCA, BEd, BA LLB आदि में भी कुछ यूनिवर्सिटीज़ ने 12वीं के परसेंटेज का क्राइटेरिया तय किया है। इन कोर्सेज़ में 12वीं में कम से कम 50% या 60% नंबर होना जरूरी है। यदि आप इस क्राइटेरिया को पूरा नहीं करते हैं, तो भले ही आपका CUET स्कोर बेहतरीन हो, आप चयन प्रक्रिया से बाहर हो सकते हैं।
निष्कर्ष: स्कोर जरूरी, लेकिन मार्क्स भी अनदेखे नहीं
CUET UG 2025 का स्कोर ही मुख्य आधार है, लेकिन 12वीं के नंबर को पूरी तरह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यूनिवर्सिटी और कोर्स के हिसाब से अलग-अलग नियम लागू होते हैं। इसलिए जरूरी है कि छात्र न सिर्फ CUET की तैयारी करें, बल्कि 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में भी अच्छे अंक लाने की कोशिश करें। साथ ही, जिन कोर्सेज़ या यूनिवर्सिटीज़ में आवेदन करना है, उनके पात्रता नियमों को पहले ही अच्छी तरह पढ़ लें।