
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आगामी मानसून के दौरान जलभराव (Waterlogging) की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने कमर कस ली है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद, अब सरकार ने लोक निर्माण विभाग (PWD), दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के लिए 15 सितंबर तक छुट्टियों पर रोक लगा दी है। अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन कुमार चौधरी ने 25 अप्रैल को इस संदर्भ में आदेश जारी किया है, जिसके तहत सिर्फ चिकित्सीय आपातकाल की स्थिति में ही छुट्टी की अनुमति दी जाएगी, वह भी प्रधान सचिव या अतिरिक्त मुख्य सचिव की सिफारिश के बाद।
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दिल्ली सरकार द्वारा मानसून को लेकर उठाए गए कदम निश्चित ही राजधानी के नागरिकों के लिए राहतकारी साबित हो सकते हैं। जलभराव जैसी वर्षों पुरानी समस्याओं से निपटने के लिए इस तरह की योजनाबद्ध और मिशन मोड में की गई कार्रवाई बेहद आवश्यक है। अब देखना होगा कि प्रशासनिक अमला इस दिशा में कितनी प्रभावी ढंग से कार्य करता है और दिल्ली को जलभराव मुक्त मानसून सीजन दे पाता है या नहीं।
मानसून में जलभराव से निपटने के लिए युद्धस्तरीय तैयारी
प्रत्येक वर्ष मानसून के दौरान दिल्ली में जलभराव से आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खराब सड़कों, ट्रैफिक जाम और बाढ़ जैसी स्थितियां आम हो जाती हैं। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने इस बार पहले से ही सभी विभागों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। नालों की सफाई, गाद निकालने, सड़कों की मरम्मत, तथा अनावश्यक मलबा हटाने जैसे कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर तेजी से पूरा किया जाएगा।
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विशेष ध्यान नालों की सफाई और सड़क मरम्मत पर
आदेश के अनुसार, दिल्ली जल बोर्ड और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग को नालों की समय पर सफाई सुनिश्चित करनी होगी ताकि बारिश के पानी का समुचित निकास हो सके। साथ ही लोक निर्माण विभाग को उन सड़कों की मरम्मत तत्काल करनी होगी जो पहले से ही क्षतिग्रस्त हैं या जलभराव के कारण और अधिक खराब हो सकती हैं। यह कार्य इस प्रकार किया जाएगा कि मानसून के दौरान नागरिकों को न्यूनतम असुविधा हो।
अधिकारियों को 24×7 मोड में रहने का निर्देश
सरकार ने संबंधित विभागों के कनिष्ठ अभियंताओं (Junior Engineers) से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक सभी को 24×7 सतर्क रहने का निर्देश दिया है। सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कार्यों में किसी भी तरह की देरी या लापरवाही न हो। विभागीय प्रमुखों को नियमित रूप से निगरानी करने और रिपोर्ट देने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
चिकित्सीय आपात स्थिति में ही मिलेगी छुट्टी
अतिरिक्त मुख्य सचिव के आदेश के अनुसार, 15 सितंबर तक किसी भी अधिकारी को सामान्य अवकाश की अनुमति नहीं दी जाएगी। केवल गंभीर चिकित्सीय आपात स्थिति में छुट्टी दी जा सकती है, जिसकी मंजूरी प्रधान सचिव या अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा दी जाएगी। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि मानसून के समय हर आवश्यक विभाग में पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध रहे।
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दिल्ली सरकार का उद्देश्य- मानसून के दौरान न्यूनतम असुविधा
दिल्ली सरकार का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इस मानसून में नागरिकों को जलभराव, सड़क क्षति और बाढ़ जैसी समस्याओं से कम से कम परेशानी हो। सरकार की मंशा है कि सभी तैयारियां समय पर पूरी हों और राजधानी में जीवन सामान्य बना रहे।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी विभाग ने लापरवाही दिखाई या निर्देशों का पालन नहीं किया, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।