
देशभर में होटल और रेस्टोरेंट में खाना खाने वालों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। सर्विस चार्ज खत्म करने को लेकर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अब उपभोक्ताओं को होटल या रेस्टोरेंट में भोजन के बाद सिर्फ खाने-पीने की चीजों का ही भुगतान करना होगा, किसी तरह का सर्विस चार्ज जबरन नहीं वसूला जा सकेगा। इस फैसले से आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी, जो अकसर बिल के अंत में जुड़े अतिरिक्त चार्ज को लेकर असमंजस में रहते थे।
यह भी देखें: UP Board Result 2025: कब आएगा यूपी बोर्ड रिजल्ट 2025? सामने आई कक्षा 10वीं, 12वीं रिजल्ट की डेट
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में यह स्पष्ट किया कि रेस्टोरेंट और होटल ग्राहकों से सर्विस चार्ज अनिवार्य रूप से नहीं ले सकते। अदालत ने कहा कि ग्राहक की सहमति के बिना यह चार्ज वसूला जाना उचित नहीं है। यह फैसला कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के अंतर्गत ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा के दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कोई ग्राहक सर्विस से संतुष्ट नहीं है, तो वह यह चार्ज न देने का पूरा अधिकार रखता है। इससे पहले कई बार इस मुद्दे को लेकर उपभोक्ताओं ने सोशल मीडिया से लेकर कंज्यूमर फोरम तक अपनी शिकायतें दर्ज की थीं।
सरकार ने भी जताई थी आपत्ति
इस मुद्दे पर केंद्र सरकार भी पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि सर्विस चार्ज अनिवार्य नहीं है। सरकार ने 2022 में एक गाइडलाइन जारी की थी जिसमें कहा गया था कि यदि कोई होटल या रेस्टोरेंट ग्राहक से सर्विस चार्ज लेता है, तो यह अनुचित व्यापार व्यवहार (Unfair Trade Practice) की श्रेणी में आता है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग (Department of Consumer Affairs) ने भी इस पर कार्रवाई की थी और होटल व रेस्टोरेंट एसोसिएशनों को नोटिस जारी किया था।
यह भी देखें: मोबाइल नंबर बदला तो गई UPI ID! 1 अप्रैल से लागू होंगे सख्त नियम — तुरंत करें ये काम!
क्या होता है सर्विस चार्ज?
सर्विस चार्ज वह अतिरिक्त राशि होती है, जो कई रेस्टोरेंट और होटल अपने बिल में जोड़ देते हैं। यह आम तौर पर 5% से लेकर 10% तक होता है और इसे सर्विस स्टाफ को बोनस के रूप में दिया जाता है। लेकिन यह चार्ज हमेशा विवादों में रहा है क्योंकि ग्राहक इसे वैकल्पिक समझते हैं जबकि रेस्टोरेंट इसे अनिवार्य बनाते हैं।
अब कैसा होगा बिलिंग सिस्टम?
कोर्ट के इस फैसले के बाद अब रेस्टोरेंट्स को यह स्पष्ट करना होगा कि सर्विस चार्ज लेना उनकी नीतियों में शामिल नहीं है या यदि लिया भी जाए, तो ग्राहक की मर्जी से ही हो। यानी अब बिल में खाने-पीने की वस्तुओं की कीमत ही शामिल होगी।
यदि कोई होटल या रेस्टोरेंट जबरन सर्विस चार्ज जोड़ता है, तो ग्राहक कंज्यूमर हेल्पलाइन या राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग (NCDRC) में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया
इस फैसले पर नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि सर्विस चार्ज देना या न देना ग्राहकों की पसंद पर निर्भर करता है, लेकिन इससे उनके स्टाफ की आय पर असर जरूर पड़ेगा।
हालांकि, कई उपभोक्ता संगठन इस फैसले को उपभोक्ताओं के हक में बता रहे हैं और इसे “लंबे समय से चल रही समस्या का समाधान” मानते हैं।
यह भी देखें: Delhi School Result 2025: 6वीं से 11वीं तक के छात्रों का रिजल्ट आउट! यहां क्लिक कर तुरंत देखें नतीजे
उपभोक्ताओं के लिए क्या है फायदा?
इस फैसले से ग्राहकों को दो मुख्य लाभ होंगे:
- पारदर्शिता: बिल में केवल उसी सेवा के लिए भुगतान करना जो उन्होंने ली हो।
- नैतिक स्वतंत्रता: ग्राहक अब बिना दबाव के अपनी इच्छा से टिप दे सकते हैं।
इसके अलावा, ग्राहकों को अब हर बार यह सोचने की जरूरत नहीं होगी कि क्या सर्विस चार्ज देना उनकी जिम्मेदारी है या नहीं।