
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को अब होटल, मोटल, स्विमिंग पूल, ऑडिटोरियम और इसी तरह के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लाइसेंस या अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने का अधिकार नहीं रहेगा। गृह मंत्रालय (Home Ministry) के नए आदेश के तहत यह अधिकार दिल्ली सरकार (Delhi Government) अथवा उस संस्था को सौंप दिया गया है, जिसके अंतर्गत ये प्रतिष्ठान आते हैं। इससे जुड़ी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है और व्यापारियों को इससे सीधा लाभ होने की संभावना जताई जा रही है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम व्यवसायिक गतिविधियों को सुगम बनाएगा और लाइसेंस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाएगा। सीएम के मुताबिक, इससे व्यापारियों को अनावश्यक दौड़-धूप से मुक्ति मिलेगी और फालतू देरी नहीं होगी।
गृह मंत्रालय ने क्यों छीना दिल्ली पुलिस का लाइसेंस देने का अधिकार?
गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) की ओर से यह फैसला राजधानी दिल्ली में व्यावसायिक गतिविधियों को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए लिया गया है। लंबे समय से व्यापारी संगठनों और आम नागरिकों की शिकायत रही है कि दिल्ली पुलिस से लाइसेंस या NOC लेने की प्रक्रिया जटिल और समय लेने वाली है। कई मामलों में भ्रष्टाचार और अनावश्यक कागजी कार्रवाई की शिकायतें भी सामने आई थीं।
अब होटल, मोटल, स्विमिंग पूल, ऑडिटोरियम जैसे प्रतिष्ठानों को दिल्ली सरकार से सीधा लाइसेंस लेना होगा। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) प्रोजेक्ट्स, नए स्टार्टअप्स और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर (Hospitality Sector) को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
व्यापारियों को होगा बड़ा फायदा
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह फैसला दिल्ली के व्यापारियों और उद्यमियों के लिए राहत लेकर आएगा। उन्होंने बताया कि अब स्विमिंग पूल, होटल, मोटल, ऑडिटोरियम के लाइसेंस को लेकर फाइलें महीनों अटकी नहीं रहेंगी। सीएम ने कहा, ‘‘यह फैसला Ease of Doing Business को मजबूती देगा और दिल्ली को कारोबारी दृष्टि से और बेहतर बनाएगा। अब व्यापारियों को पुलिस थानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।’’
व्यापारियों के संगठन भी इस निर्णय की सराहना कर रहे हैं। उनका मानना है कि इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि अनावश्यक खर्च और रिश्वत जैसे मामलों पर भी लगाम लगेगी।
लाइसेंस प्रक्रिया में क्या होंगे बदलाव?
नई व्यवस्था के तहत अब होटल, मोटल, स्विमिंग पूल, ऑडिटोरियम या इसी प्रकार के प्रतिष्ठान जिन विभागों अथवा प्राधिकरणों के तहत आते हैं, वही संस्था या विभाग लाइसेंस या NOC जारी करेगा। दिल्ली सरकार ने इस प्रक्रिया को ऑनलाइन बनाने पर भी विचार शुरू कर दिया है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही और बेहतर हो सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि इससे हॉस्पिटैलिटी सेक्टर और अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों में निवेश (Investment) को भी बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली में कई नए प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं, जिनमें IPO और रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़े प्लान शामिल हैं।
अब किसके पास रहेगा नियंत्रण?
अब यह अधिकार संबंधित प्राधिकरणों और दिल्ली सरकार के विभागों के पास रहेगा। उदाहरण के तौर पर यदि कोई होटल दिल्ली टूरिज्म विभाग (Delhi Tourism Department) के अधीन आता है तो लाइसेंस जारी करने का जिम्मा वही विभाग उठाएगा। इसी प्रकार स्विमिंग पूल्स और ऑडिटोरियम को भी संबंधित विभागों से ही NOC मिलेगी।
इसके साथ ही यह भी चर्चा है कि दिल्ली सरकार इस पूरी व्यवस्था को एकल खिड़की सिस्टम (Single Window System) से जोड़ सकती है, ताकि व्यापारियों को सभी जरूरी मंजूरियां एक ही जगह से मिल सकें।
सीएम रेखा गुप्ता की बड़ी घोषणा
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार इस पूरी प्रक्रिया को जल्द से जल्द लागू करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यह कदम दिल्ली में कारोबारी माहौल को और बेहतर बनाएगा और निवेशकों का विश्वास मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि होटल, मोटल और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की लाइसेंस प्रक्रिया अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट होगी ताकि कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करे।