
दिल्ली में विधवा पेंशन (Widow Pension in Delhi) योजना के तहत बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किए गए हालिया सत्यापन में यह तथ्य उजागर हुआ है कि करीब 25,000 महिलाएं ऐसी हैं जो इस योजना की पात्र नहीं थीं, फिर भी सरकारी सहायता राशि ले रही थीं। दिल्ली सरकार ने अब इन अपात्र महिलाओं की पेंशन रोकने का निर्णय लिया है।
दिल्ली सरकार ने शुरू किया सत्यापन अभियान
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने नवंबर 2024 में पेंशन लाभार्थियों की वैधता की जांच के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया। इस अभियान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से घर-घर जाकर लाभार्थियों की जानकारी एकत्र की गई। इस सत्यापन प्रक्रिया के तहत अभी तक 2.28 लाख महिलाओं के रिकॉर्ड की जांच हो चुकी है।
25,000 महिलाएं निकलीं अपात्र
अधिकारियों के मुताबिक, इस प्रक्रिया के दौरान 25,000 महिलाएं ऐसी पाई गईं, जो योजना की शर्तों को पूरा नहीं करती थीं। कुछ महिलाएं तलाक के बाद दोबारा शादी कर चुकी थीं, जबकि कुछ अच्छी नौकरियों में थीं और अच्छा खासा वेतन कमा रही थीं। कुछ लाभार्थियों का नाम रिकॉर्ड में था, लेकिन वे उस पते पर मिली ही नहींं।
विधवा पेंशन योजना की पात्रता क्या है?
विधवा पेंशन योजना (Widow Pension Scheme) की पात्रता के लिए दिल्ली की महिला को कम से कम 5 वर्षों से राज्य की निवासी होना चाहिए। इसके अलावा उसकी पारिवारिक वार्षिक आय 1 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। साथ ही, महिला ने दोबारा विवाह नहीं किया होना चाहिए।
योजना का उद्देश्य और शुरुआत
दिल्ली सरकार ने यह योजना 2007-08 में उन महिलाओं के लिए शुरू की थी जो विधवा, तलाकशुदा, या बेसहारा हैं और जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। योजना की शुरुआत में 6288 महिलाओं को 600 रुपये प्रतिमाह की सहायता दी जाती थी। यह योजना 18 से 59 वर्ष की आयु की महिलाओं के लिए है।
वर्तमान में कितनी मिल रही है पेंशन
वर्ष 2025 तक यह राशि बढ़कर 2500 रुपये प्रतिमाह हो गई है और बजट 2025-26 में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसमें और 500 रुपये की वृद्धि कर इसे 3000 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की है। हालांकि, बढ़ी हुई राशि अभी लाभार्थियों को मिलना शुरू नहीं हुई है।
कुल लाभार्थियों की संख्या
दिल्ली में इस योजना के तहत कुल 3.8 लाख महिलाएं लाभ ले रही हैं। सरकार हर साल इस योजना पर करीब 1140 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। अब सरकार ने अपात्र महिलाओं को हटाकर उन लाभार्थियों को लाभ देना शुरू किया है, जो वेरिफिकेशन में सही पाई गई हैं।
सत्यापन में सामने आईं अनियमितताएं
सत्यापन से पहले अधिकारियों ने औचक निरीक्षण किया, जिसमें यह सामने आया कि बड़ी संख्या में महिलाएं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पेंशन का लाभ ले रही थीं। इन शिकायतों के बाद ही वृहद स्तर पर जांच अभियान चलाया गया।
आगे क्या कदम उठाएगी सरकार
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि अब तक जिन 2.28 लाख लाभार्थियों की जांच हुई है, उनमें से जो सही पाई गई हैं, उन्हें अगली किस्त की राशि भेजी जा रही है। शेष लाभार्थियों की जांच प्रक्रिया भी जल्द पूरी कर ली जाएगी। सरकार इस दिशा में पारदर्शिता लाने के लिए तकनीकी उपायों जैसे e-KYC और आधार लिंकिंग पर भी जोर दे रही है।
दिल्ली में महिला योजनाओं का भविष्य
दिल्ली सरकार की योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। ऐसे में फर्जी लाभार्थियों को हटाना न केवल योजनाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाएगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि सहायता उन तक ही पहुंचे जो वास्तव में इसके हकदार हैं।