
दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) जो अब तक राष्ट्रीय राजधानी में लाखों यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का प्रमुख साधन रही है, अब लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में भी कदम रखने जा रही है। इसके तहत दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने प्रतिष्ठित लॉजिस्टिक्स कंपनी ब्लू डार्ट (Blue Dart) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत अब मेट्रो न केवल यात्रियों को सफर कराएगी बल्कि सामान की ढुलाई का भी कार्य करेगी।
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DMRC और ब्लू डार्ट का यह करार दिल्ली मेट्रो को केवल यात्रियों के लिए ही नहीं बल्कि लॉजिस्टिक्स सेवाओं के लिए भी अहम बना देगा। यह सेवा न केवल मेट्रो के राजस्व को बढ़ाने में सहायता करेगी बल्कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। DMRC का यह कदम देश के अन्य मेट्रो नेटवर्क के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है।
प्रदूषण में कमी और मेट्रो की आय में बढ़ोतरी
DMRC का यह कदम न केवल मेट्रो की आय को बढ़ाने का एक प्रयास है, बल्कि इसके माध्यम से दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने में भी सहायता मिलेगी। मेट्रो के माध्यम से कार्गो सेवा शुरू होने से सड़क परिवहन पर निर्भरता घटेगी, जिससे भारी वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण में कमी आएगी।
DMRC द्वारा इस नई सेवा को शुरू करने का फैसला रणनीतिक सहयोग का हिस्सा है। यह प्रयोग पूरे दक्षिण एशिया प्रशांत क्षेत्र (Asia-Pacific Region) में अपने आप में एक अनूठी पहल होगी। साथ ही, यह पहल पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ (Sustainable) लॉजिस्टिक्स समाधानों को भी प्रोत्साहित करेगी।
नॉन पीक आवर्स में कार्गो सेवा
ब्लू डार्ट के सहयोग से दिल्ली मेट्रो द्वारा नॉन पीक समय में यह कार्गो सेवा शुरू की जाएगी। नॉन पीक आवर्स (Non-Peak Hours) में मेट्रो के माध्यम से माल ढुलाई से मेट्रो की खाली पड़ी क्षमता का उपयोग होगा, जिससे मेट्रो की आमदनी में इज़ाफा होगा।
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DMRC का मानना है कि इस योजना से मेट्रो अपनी कार्यक्षमता को अधिकतम स्तर तक पहुंचा सकेगी। यह सेवा विशेष रूप से उन घंटों में लागू होगी जब मेट्रो में यात्री संख्या कम होती है।
मैड्रिड मेट्रो से प्रेरणा
दिल्ली मेट्रो की इस नई पहल के पीछे स्पेन की राजधानी मैड्रिड का उदाहरण प्रमुख भूमिका निभाता है। मैड्रिड मेट्रो ने पहले ही अपने ट्रेनों के जरिए लॉजिस्टिक कंपनियों के साथ मिलकर कार्गो सेवा का सफल पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। दिल्ली मेट्रो ने इसी मॉडल को अपनाते हुए अपने स्टेशनों और पटरियों का उपयोग एक स्थायी शहरी माल नेटवर्क (Urban Freight Network) स्थापित करने के लिए करने का निर्णय लिया है।
लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बड़ा बदलाव
विशेषज्ञों का मानना है कि DMRC और ब्लू डार्ट का यह समझौता आने वाले वर्षों में माल ढुलाई के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव साबित होगा। इससे दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) क्षेत्र में सामान की ढुलाई का तरीका ही बदल जाएगा।
ब्लू डार्ट, जो भारत की प्रमुख लॉजिस्टिक्स कंपनियों में से एक है, अब मेट्रो के माध्यम से अपना सामान भेज सकेगी। यह सेवा विशेष रूप से उन घंटों में संचालित होगी जब मेट्रो में भीड़ कम होती है, जिससे यात्रियों के सफर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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कार्गो सेवा के फायदे
दिल्ली मेट्रो की इस नई सेवा के माध्यम से अनेक लाभ होंगे:
- प्रदूषण में कमी: सड़क पर भारी वाहनों की संख्या घटने से वायु प्रदूषण में कमी आएगी।
- आय में वृद्धि: नॉन पीक आवर्स में मेट्रो के खाली समय का सदुपयोग होने से DMRC की आय बढ़ेगी।
- तेजी से माल वितरण: मेट्रो ट्रेनों के जरिए सामान का परिवहन होने से ट्रैफिक जाम से बचते हुए सामान तेज़ी से गंतव्य तक पहुंचेगा।
- शहरी लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा: दिल्ली-एनसीआर में शहरी लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मज़बूती मिलेगी।