
देश में बढ़ते प्रदूषण और पेट्रोल-डीजल की कीमतों से परेशान होकर लोग अब पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। इसी कड़ी में इलेक्ट्रिक स्कूटर-Electric Scooter की मांग तेजी से बढ़ी है। लेकिन कई वाहन चालकों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट यानी PUC सर्टिफिकेट की जरूरत होती है या नहीं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि क्या कानून कहता है, क्या चालान कट सकता है और कैसे आप नियमों को समझकर बिना झंझट के अपने वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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PUC सर्टिफिकेट क्या है और इसका मकसद
PUC सर्टिफिकेट यानी Pollution Under Control Certificate एक ऐसा दस्तावेज़ होता है जो यह साबित करता है कि आपका वाहन पर्यावरण मानकों के अनुसार प्रदूषण नहीं फैला रहा है। पेट्रोल, डीजल और सीएनजी वाहनों के लिए यह सर्टिफिकेट अनिवार्य है। इसे समय-समय पर रिन्यू करवाना होता है और इसके न होने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
क्या इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए PUC सर्टिफिकेट जरूरी है?
सरल शब्दों में कहा जाए तो इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए PUC सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होती। कारण यह है कि इलेक्ट्रिक स्कूटर में न तो पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल होता है और न ही इंजन से धुआं निकलता है। ये बैटरी से चलते हैं और शून्य उत्सर्जन (Zero Emission) वाले वाहन माने जाते हैं। सरकार द्वारा अभी तक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए PUC सर्टिफिकेट अनिवार्य नहीं किया गया है।
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नियमों की जानकारी जरूरी क्यों है?
हाल ही में कई शहरों में यह देखने को मिला है कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा इलेक्ट्रिक स्कूटर चलाने वालों से भी PUC सर्टिफिकेट मांगा गया, जिससे वाहन मालिकों को भ्रम की स्थिति का सामना करना पड़ा। यह जरूरी है कि आप ट्रैफिक नियमों और अपने वाहन से जुड़े दस्तावेज़ों की जानकारी रखें ताकि कोई भी अधिकारी आपको गलत तरीके से चालान न कर सके।
चालान से कैसे बचें?
यदि आपके पास इलेक्ट्रिक स्कूटर है तो निम्न बातों का ध्यान रखें:
- इलेक्ट्रिक स्कूटर की आरसी (RC) और बीमा (Insurance) हमेशा साथ रखें।
- यह सुनिश्चित करें कि वाहन इलेक्ट्रिक ही है, इसकी पुष्टि वाहन की आरसी से होती है जिसमें “Fuel Type – Electric” लिखा होता है।
- यदि कोई अधिकारी PUC मांगता है, तो आप उसे बता सकते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए यह अनिवार्य नहीं है। जरूरत हो तो MoRTH (Ministry of Road Transport and Highways) के नियमों का हवाला दें।
- चालान कटने की स्थिति में आप ट्रैफिक पुलिस के पोर्टल पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
क्या भविष्य में नियम बदल सकते हैं?
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को लेकर सरकार की नीति फिलहाल इन्हें प्रोत्साहित करने की है। इसलिए इलेक्ट्रिक स्कूटर और कारों के लिए PUC की अनिवार्यता नहीं है। लेकिन जैसे-जैसे इनकी संख्या बढ़ेगी, सरकार पर्यावरण संतुलन के लिए इनसे संबंधित नई गाइडलाइंस ला सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि समय-समय पर परिवहन विभाग की वेबसाइट या अन्य विश्वसनीय स्रोतों से नियमों की जानकारी लेते रहें।
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इलेक्ट्रिक स्कूटर से जुड़ी अन्य आवश्यक बातें
इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने से पहले और बाद में कुछ बातें ध्यान में रखना जरूरी है:
- वाहन की बैटरी क्षमता और चार्जिंग टाइम की जानकारी रखें।
- बीमा पॉलिसी लें जो बैटरी और अन्य इलेक्ट्रिक पार्ट्स को कवर करती हो।
- यदि वाहन हाई-स्पीड है (25 km/h से अधिक), तो आरटीओ रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
- हेलमेट पहनना इलेक्ट्रिक स्कूटर पर भी अनिवार्य है, भले ही वाहन की गति कम हो।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की नीति
भारत सरकार की FAME नीति (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसके तहत सब्सिडी, टैक्स में छूट और चार्जिंग स्टेशन जैसे कई लाभ दिए जा रहे हैं। Renewable Energy को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।