
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल 23 जुलाई को यूनियन बजट में इनकम टैक्स (Income Tax) की नई रीजीम को लेकर बड़ा ऐलान किया था। उन्होंने घोषणा की थी कि नई टैक्स रीजीम (New Tax Regime) के तहत सालाना 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। वहीं, नौकरीपेशा लोगों के लिए यह सीमा 12.75 लाख रुपये तक तय की गई थी। इस नई व्यवस्था को लेकर करदाताओं में असमंजस है कि उन्हें ओल्ड टैक्स रीजीम (Old Tax Regime) से स्विच करना चाहिए या नहीं।
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नई इनकम टैक्स रीजीम सरल है और कम टैक्स दरों का लाभ देती है, लेकिन इसमें कटौतियों और छूटों का अभाव है। दूसरी ओर, ओल्ड रीजीम उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है जो विभिन्न कटौतियों का लाभ उठाते हैं। किसी भी विकल्प को चुनने से पहले अपनी आय, निवेश और बचत योजनाओं का आकलन करना जरूरी है।
नई टैक्स रीजीम के तहत टैक्स छूट
नई इनकम टैक्स रीजीम को सरल बनाने के लिए सरकार ने कई बदलाव किए हैं। इसमें 4 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके बाद की आय पर भी कई स्लैब के तहत रियायतें दी गई हैं। जो लोग ओल्ड रीजीम से नई रीजीम में स्विच करना चाहते हैं, उन्हें यह समझना जरूरी है कि यह उनके लिए फायदेमंद होगा या नहीं।
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ओल्ड रीजीम बनाम नई रीजीम: कौन बेहतर?
ओल्ड और नई टैक्स रीजीम के बीच का मुख्य अंतर कटौतियों (Deductions) और छूट (Exemptions) को लेकर है।
ओल्ड टैक्स रीजीम
- इसमें विभिन्न कटौतियों और छूटों का लाभ मिलता है।
- सेक्शन 80C, 80D, HRA, होम लोन ब्याज, एलटीए जैसी कई कटौतियां मिलती हैं।
- यदि आप इन कटौतियों का लाभ उठाते हैं, तो यह रीजीम आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।
नई टैक्स रीजीम
- इसमें ज्यादा सरल स्लैब दिए गए हैं।
- इसमें कई डिडक्शन और एक्सेम्पशन को हटा दिया गया है।
- नई रीजीम उन लोगों के लिए बेहतर हो सकती है, जो ज्यादा कटौतियां नहीं लेते और सीधी-सपाट टैक्स व्यवस्था चाहते हैं।
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नई रीजीम के तहत टैक्स स्लैब
नई इनकम टैक्स रीजीम में सरल टैक्स स्लैब हैं:
- 0 से 4 लाख रुपये तक – कोई टैक्स नहीं
- 4 लाख से 7 लाख रुपये तक – 5% टैक्स
- 7 लाख से 10 लाख रुपये तक – 10% टैक्स
- 10 लाख से 12 लाख रुपये तक – 15% टैक्स
- 12 लाख से 15 लाख रुपये तक – 20% टैक्स
- 15 लाख रुपये से अधिक – 30% टैक्स
किसे ओल्ड से नई टैक्स रीजीम में स्विच करना चाहिए?
यदि आप निवेश और कटौतियों पर ज्यादा निर्भर नहीं हैं और चाहते हैं कि कम टैक्स दरों के साथ सरल टैक्स फाइलिंग हो, तो नई रीजीम आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। दूसरी ओर, यदि आप 80C, 80D, होम लोन ब्याज, HRA जैसी कटौतियों का अधिक फायदा उठाते हैं, तो ओल्ड रीजीम आपके लिए बेहतर साबित हो सकती है।
नई रीजीम के फायदे
- सरल और सीधा टैक्स स्लैब
- कटौतियों की गणना करने की झंझट खत्म
- टैक्स फाइलिंग आसान
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ओल्ड रीजीम के फायदे
- विभिन्न डिडक्शन और छूट का लाभ मिलता है
- दीर्घकालिक निवेश को बढ़ावा
- कर्मचारियों के लिए अधिक टैक्स सेविंग के मौके
कौन सा विकल्प चुनना सही होगा?
यदि आपकी इनकम 12 लाख रुपये के आसपास है और आप ज्यादा टैक्स सेविंग नहीं कर रहे हैं, तो नई रीजीम बेहतर हो सकती है।
लेकिन अगर आप होम लोन, बीमा, पीपीएफ, एनपीएस जैसी योजनाओं में निवेश करते हैं और ज्यादा बचत चाहते हैं, तो ओल्ड रीजीम आपके लिए बेहतर होगी।