DOPT ने केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए जारी किया आदेश, हर कर्मचारी और पेंशन भोगी ध्यान दे

DOPT ने केन्द्रीय कर्मचारियो और पेंशनभोगियों के लिए जारी किया आदेश, हर कर्मचारी और पेंशनभोगी ध्यान दे
DOPT ने केन्द्रीय कर्मचारियो और पेंशनभोगियों के लिए जारी किया आदेश, हर कर्मचारी और पेंशनभोगी ध्यान दे

भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। अब पेंशन भुगतान आदेश (PPO) में जीवनसाथी का नाम बदलने की प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है। यह कदम उन पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जिन्हें अब इस प्रक्रिया में कम समय और परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

PPO में नाम परिवर्तन का आधार, सेवा पुस्तक की भूमिका

नए दिशा-निर्देशों के तहत, PPO में नाम परिवर्तन की प्रक्रिया अब पूरी तरह से सेवा पुस्तक (Service Book) पर आधारित होगी। सेवा पुस्तक, एक सरकारी कर्मचारी के करियर की सभी जानकारी का लेखा-जोखा रखती है।

पेंशनभोगी को किसी भी नाम परिवर्तन के लिए अब सेवा पुस्तक में दर्ज डेटा का उपयोग करना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रक्रिया सुगम हो, DOPT ने मंत्रालयों और विभागों को सेवा पुस्तकों का सही रखरखाव सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

1987 के दिशा-निर्देशों का पालन होगा

DOPT ने स्पष्ट किया है कि 12 मार्च 1987 को जारी सर्कुलर के दिशा-निर्देश आज भी मान्य हैं।

इन दिशा-निर्देशों में नाम परिवर्तन की प्रक्रिया के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया गया है:

  • पेंशनभोगी को नाम परिवर्तन के लिए एक “नाम परिवर्तन डीड” तैयार करनी होगी। इसे स्थानीय समाचार पत्र और भारत के राजपत्र (Gazette of India) में प्रकाशित कराना अनिवार्य होगा।
  • शादी के बाद उपनाम परिवर्तन की इच्छा रखने वाली महिला कर्मचारी को अपने नियुक्ति अधिकारी को सूचित करना होगा। इसी प्रकार तलाक, अलगाव या पति की मृत्यु के बाद पूर्व नाम पर लौटने के लिए भी औपचारिक अनुरोध करना होगा।

दस्तावेज़ सत्यापन के लिए नए मानक

नाम परिवर्तन प्रक्रिया के दौरान कोई त्रुटि न हो, इसके लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों का सत्यापन अनिवार्य किया गया है। यदि किसी दस्तावेज में विसंगति पाई जाती है, तो संबंधित मंत्रालय या विभाग सीधे पेंशनभोगी से संपर्क कर सकेगा।

DOPT ने मंत्रालयों को यह भी निर्देश दिया है कि सभी मामलों का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित किया जाए।

शिकायत समाधान के लिए CPENGRAMS प्रणाली

पेंशनभोगियों की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने CPENGRAMS प्रणाली को लागू किया है।

इस प्रणाली के माध्यम से पेंशनभोगी अपनी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करा सकते हैं। शिकायतों पर गहन समीक्षा के बाद समस्याओं का समाधान तेजी से किया जाएगा। यह प्रणाली पेंशनभोगियों के लिए प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाती है।

समयबद्ध प्रक्रिया के लिए दिशा-निर्देश

DOPT ने सभी मंत्रालयों और विभागों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि नाम परिवर्तन से जुड़े मामलों का समाधान समयसीमा के अंदर हो। मंत्रालयों को निर्देश दिया गया है कि वे नए दिशा-निर्देशों को अपने अधीनस्थ कार्यालयों तक पहुंचाएं और यह सुनिश्चित करें कि पेंशन लाभ से जुड़े कार्यों में किसी प्रकार की देरी न हो।

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पेंशनभोगियों के लिए नई पहल: लाभ और प्रक्रिया

DOPT का यह कदम पेंशनभोगियों के लिए कई लाभ लेकर आया है। नाम परिवर्तन प्रक्रिया में अब कम कागजी कार्रवाई और अधिक पारदर्शिता होगी। पेंशनभोगियों को अब पुराने जटिल नियमों का सामना नहीं करना पड़ेगा। सेवा पुस्तक के आधार पर नाम परिवर्तन आसानी से और तेजी से हो सकेगा।

1. PPO में नाम परिवर्तन की प्रक्रिया का मुख्य आधार क्या है?
सेवा पुस्तक (Service Book) PPO में नाम परिवर्तन की प्रक्रिया का मुख्य आधार है।

2. क्या महिला कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधान हैं?
हाँ, शादी, तलाक, अलगाव या पति की मृत्यु के बाद उपनाम परिवर्तन के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

3. नाम परिवर्तन के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी?
नाम परिवर्तन के लिए “नाम परिवर्तन डीड,” समाचार पत्र में प्रकाशित सूचना, और सेवा पुस्तक का सत्यापन आवश्यक होगा।

4. शिकायतों का निवारण कैसे किया जाएगा?
शिकायतों के निवारण के लिए CPENGRAMS प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।

5. क्या इस प्रक्रिया में समयसीमा तय की गई है?
हाँ, DOPT ने मंत्रालयों को समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

6. 1987 के दिशा-निर्देश आज भी क्यों लागू हैं?
1987 के दिशा-निर्देश नाम परिवर्तन प्रक्रिया के लिए जरूरी प्रक्रियाओं और औपचारिकताओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हैं।

7. CPENGRAMS प्रणाली क्या है?
यह एक ऑनलाइन प्रणाली है जहां पेंशनभोगी अपनी समस्याएं दर्ज करा सकते हैं।

8. क्या PPO में नाम परिवर्तन की प्रक्रिया अब आसान हो गई है?
हाँ, नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, यह प्रक्रिया अब पहले से तेज और सरल हो गई है।

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By Rohit Kumar

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