Drunk Driving Compensation: नशे में ड्राइवर से हादसा हुआ तो बीमा कंपनी देगी मुआवजा? HC का बड़ा फैसला

मद्रास हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला! नशे में ड्राइविंग से हुई मौत पर बीमा कंपनी पहले मुआवजा देगी, बाद में वाहन मालिक से वसूलेगी जानें पूरा मामला और इसका असर!

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Written byRohit Kumar

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Drunk Driving Compensation: नशे में ड्राइवर से हादसा हुआ तो बीमा कंपनी देगी मुआवजा? HC का बड़ा फैसला
Drunk Driving Compensation: नशे में ड्राइवर से हादसा हुआ तो बीमा कंपनी देगी मुआवजा? HC का बड़ा फैसला

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि यदि कोई वाहन चालक शराब के नशे में किसी सड़क दुर्घटना को अंजाम देता है, जिससे किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो उस स्थिति में बीमा कंपनी (Insurance Company) मृतक के परिजनों को मुआवजा देने के लिए बाध्य होगी। हालांकि, बीमा कंपनी यह राशि बाद में वाहन मालिक से कानूनी प्रक्रिया के तहत वसूल सकती है।

यह फैसला जस्टिस एम. धंडापानी ने भुवनेश्वरी बनाम एम/एस बीवीएम स्टोरेज सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड मामले की सुनवाई के दौरान सुनाया। इस दौरान केरल हाईकोर्ट के मुहम्मद राशिद बनाम गिरिवासन मामले का भी हवाला दिया गया, जिसमें इसी तरह का निर्णय लिया गया था।

क्या है पूरा मामला?

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बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला 30 दिसंबर 2017 का है। चेन्नई के तिरुनीरमलाई मेन रोड पर राजसेकरन नामक व्यक्ति सड़क किनारे पैदल चल रहे थे। तभी एक तेज रफ्तार वैन ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

मृतक के परिवार ने ₹65 लाख मुआवजे की मांग की थी। लेकिन, मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल (MACT) ने इस दावे को खारिज करते हुए ₹27.65 लाख का मुआवजा तय किया और बीमा कंपनी को भुगतान की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया। ट्रिब्यूनल ने तर्क दिया कि वाहन चालक दुर्घटना के समय शराब के नशे में था, इसलिए बीमा कंपनी पर मुआवजा देने की बाध्यता नहीं बनती।

हाईकोर्ट का रुख और अहम फैसला

मृतक के परिवार ने मद्रास हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी और दावा किया कि मृतक की मासिक आय का गलत आकलन किया गया है, जिससे उनके अधिकारों का हनन हुआ।

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हाईकोर्ट ने इस दावे को सही मानते हुए न केवल मुआवजे की राशि बढ़ाकर ₹30.25 लाख कर दी, बल्कि यह भी आदेश दिया कि बीमा कंपनी को छह हफ्तों के भीतर यह मुआवजा जमा करना होगा। हालांकि, हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि बीमा कंपनी यह राशि बाद में वाहन मालिक से कानूनी प्रक्रिया के तहत वसूल कर सकती है।

बीमा कंपनी पर पड़ेगा असर, लेकिन मालिक से होगी वसूली

इस फैसले के बाद बीमा कंपनियों (Insurance Companies) के लिए यह स्पष्ट हो गया है कि भले ही दुर्घटना के वक्त चालक शराब के नशे में हो, फिर भी उन्हें मुआवजा देना होगा। हालांकि, वे वाहन मालिक से कानूनी माध्यम से इस राशि की वसूली कर सकते हैं।

यह फैसला क्यों अहम है?

  • पीड़ितों को राहत: अब मृतकों के परिवार को आर्थिक संकट से नहीं गुजरना पड़ेगा, क्योंकि बीमा कंपनियों को तुरंत मुआवजा देना होगा।
  • वाहन मालिक की जिम्मेदारी: नशे में गाड़ी चलाने वालों के लिए यह बड़ा सबक है, क्योंकि अगर कोई हादसा हुआ तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।
  • बीमा कंपनियों की जवाबदेही: कंपनियों को पहले मुआवजा देना होगा और फिर कानूनी प्रक्रिया के तहत वाहन मालिक से इसे वसूलने की छूट होगी।
  • कानूनी स्पष्टता: पहले बीमा कंपनियां इस तरह के मामलों में बचने का प्रयास करती थीं, लेकिन अब हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि जिम्मेदारी पहले बीमा कंपनी की ही होगी।

नशे में ड्राइविंग और बढ़ती दुर्घटनाएं

भारत में नशे में गाड़ी चलाने (Drunken Driving) से होने वाली सड़क दुर्घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हर साल करीब 1.5 लाख लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में होती है, जिनमें से बड़ी संख्या में घटनाओं में नशे में ड्राइविंग मुख्य कारण होती है।

हाईकोर्ट के इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि अब वाहन मालिक और बीमा कंपनियां किसी दुर्घटना की स्थिति में अपने दायित्व से बच नहीं सकते।

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