E-KYC में अंगूठा नहीं लग रहा? अब नया तरीका करेगा समस्या का तुरंत हल, जानें कैसे

अगर आपका अंगूठा स्कैन नहीं हो रहा और राशन मिलने में परेशानी आ रही है, तो अब घबराने की जरूरत नहीं! सरकार ने नया तरीका अपनाया है अब रेटिना स्कैन से होगी E-KYC। जानिए कैसे यह नया सिस्टम आपकी मुश्किलें दूर करेगा!

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Written byRohit Kumar

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E-KYC में अंगूठा नहीं लग रहा? अब नया तरीका करेगा समस्या का तुरंत हल, जानें कैसे
E-KYC में अंगूठा नहीं लग रहा? अब नया तरीका करेगा समस्या का तुरंत हल, जानें कैसे

मिर्जापुर: अगर आपकी ई-केवाईसी (E-KYC) अंगूठे के निशान से पूरी नहीं हो पा रही है, तो अब घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार ने एक नया तरीका अपनाया है, जिससे अब आँख के रेटिना (Retina Scan) के माध्यम से भी ई-केवाईसी (E-KYC) पूरी की जा सकेगी। इस बदलाव से लाखों राशन कार्ड धारकों को राहत मिलेगी और उनकी राशन की आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं आएगी।

अंगूठे की पहचान में दिक्कतें, नया तरीका अपनाने की जरूरत

अब तक राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी (E-KYC) केवल अंगूठे के निशान के माध्यम से ही होती थी, लेकिन कई लोगों को इसमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। मजदूरों और किसानों के हाथों की रेखाएँ मेहनत करने की वजह से मिट जाती हैं। इसके अलावा, तम्बाकू या अन्य कारणों से भी अंगूठे के निशान धुंधले पड़ जाते हैं, जिससे ई-केवाईसी में परेशानी होती है।

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इन्हीं समस्याओं को देखते हुए सरकार ने अब आइरिश स्कैन (Iris Scan) के माध्यम से भी ई-केवाईसी (E-KYC) की अनुमति दे दी है। इससे जिन लोगों का अंगूठे का निशान मशीन से मैच नहीं हो पाता, वे अपनी आँखों की स्कैनिंग से आसानी से सत्यापन कर सकेंगे।

जिले में चार लाख से अधिक राशन कार्ड धारक

जिला पूर्ति अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि मिर्जापुर जिले में कुल 4,53,000 राशन कार्ड धारक हैं और इन सभी की ई-केवाईसी कराई जा रही है। जिले में कुल 19,19,000 लोग राशन कार्ड से जुड़े हुए हैं। पहले ई-केवाईसी केवल अंगूठे के माध्यम से होती थी, लेकिन अब नियमों में बदलाव किया गया है, जिससे पात्र लाभार्थियों का राशन रोका न जाए।

77% राशन कार्ड धारकों ने पूरी कर ली है ई-केवाईसी

अब तक जिले में 77% राशन कार्ड धारकों ने ई-केवाईसी (E-KYC) की प्रक्रिया पूरी कर ली है, जबकि बाकी लोगों की प्रक्रिया जारी है। अधिकारी ने बताया कि नए नियम के तहत अब कोटेदारों की ई-पास मशीन (E-POS Machine) को आइरिश स्कैन (Iris Scan) से जोड़ा जाएगा, जिससे प्रक्रिया को तेज और सुगम बनाया जा सके।

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कैसे काम करेगा नया तरीका?

आइरिश स्कैनिंग तकनीक अत्याधुनिक बायोमेट्रिक तकनीक में से एक है। यह आँखों की पुतलियों की विशिष्ट पहचान को स्कैन कर डेटा को सुरक्षित रखती है। यह तरीका उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा, जिनके अंगूठे के निशान किसी कारणवश मिट चुके हैं या मशीन से मैच नहीं हो रहे हैं।

  1. ई-पास मशीन पर आइरिश स्कैन का विकल्प मिलेगा।
  2. लाभार्थी अपनी आँखों के स्कैन से पहचान सत्यापित कर सकेगा।
  3. डेटा ऑथेंटिकेशन के बाद ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
  4. इससे राशन वितरण में कोई रुकावट नहीं आएगी।

राशन कार्ड धारकों को मिलेगी बड़ी राहत

इस नए बदलाव से उन लोगों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी, जिन्हें पहले ई-केवाईसी (E-KYC) कराने में समस्या हो रही थी। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों के किसानों और मजदूरों को अब अपनी पहचान साबित करने के लिए अंगूठे के निशान की जरूरत नहीं होगी। सरकार की प्राथमिकता यही है कि कोई भी पात्र व्यक्ति राशन से वंचित न रहे।

जल्द शुरू होगी नए सिस्टम की टेस्टिंग

ई-पास मशीनों (E-POS Machines) को आइरिश स्कैनिंग (Iris Scanning) तकनीक से जोड़ने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। अधिकारियों के अनुसार, नए सिस्टम की टेस्टिंग के बाद इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसी भी राशन कार्ड धारक को बिना कारण परेशानी न हो।

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