EPF में छुपा है डबल फायदा! टैक्स बचत से लेकर इमरजेंसी में तुरंत मदद, जानें कैसे उठाएं पूरा फायदा

EPF में छुपा है डबल फायदा! टैक्स बचत से लेकर इमरजेंसी में तुरंत मदद, जानें कैसे उठाएं पूरा फायदा
EPF में छुपा है डबल फायदा! टैक्स बचत से लेकर इमरजेंसी में तुरंत मदद, जानें कैसे उठाएं पूरा फायदा
EPF में छुपा है डबल फायदा! टैक्स बचत से लेकर इमरजेंसी में तुरंत मदद, जानें कैसे उठाएं पूरा फायदा

ईपीएफ (Employees’ Provident Fund) भारत में संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण बचत योजना है, जो रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। ईपीएफ में जमा फंड का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को एक निश्चित फंड प्रदान करना है, जिससे वे भविष्य में सुरक्षित महसूस कर सकें।

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ईपीएफ में नियमित रूप से निवेश करना एक सुरक्षित और लाभदायक वित्तीय योजना है। यह न केवल रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि इमरजेंसी में सहायता और टैक्स-सेविंग का भी महत्वपूर्ण जरिया बनता है।

ईपीएफ का सबसे बड़ा फायदा: फाइनेंशियल सिक्योरिटी

ईपीएफ का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें जमा होने वाला फंड कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त बड़ी राशि के रूप में प्राप्त होता है। इससे व्यक्ति अपने जीवन के अंतिम चरण में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकता है।

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इमरजेंसी के समय में सहारा

ईपीएफ का एक और बड़ा लाभ यह है कि इसे जरूरत पड़ने पर निकाला जा सकता है। यदि कर्मचारी को किसी मेडिकल इमरजेंसी, विवाह, शिक्षा या गृह निर्माण जैसी आवश्यकताओं के लिए धन की आवश्यकता होती है, तो वे अपने ईपीएफ खाते से आंशिक निकासी कर सकते हैं।

ईपीएफ में टैक्स-सेविंग्स का लाभ

ईपीएफ में जमा किया गया धन इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट के लिए योग्य होता है। इस योजना के तहत एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है।

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इसके अलावा, ईपीएफ खाते में जमा धन पर अर्जित ब्याज भी कर मुक्त होता है, बशर्ते कर्मचारी कम से कम पांच वर्ष तक इस खाते में निवेश बनाए रखे।

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ईपीएफ पर सरकार द्वारा तय किया जाता है ब्याज दर

हर वर्ष सरकार ईपीएफ पर ब्याज दर तय करती है, जिससे कर्मचारियों को उनके बचत पर अतिरिक्त लाभ प्राप्त होता है। यह ब्याज दर समय-समय पर बदली जा सकती है, लेकिन यह दर आमतौर पर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या अन्य सेविंग स्कीम्स की तुलना में अधिक होती है, जिससे निवेशक को बेहतर रिटर्न मिलता है।

ईपीएफ में निवेश के अन्य फायदे

  • कंपाउंडिंग का फायदा: ईपीएफ में जमा राशि पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है, जिससे लंबे समय में बड़ी रकम का निर्माण होता है।
  • नियोक्ता का योगदान: ईपीएफ खाते में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान होता है, जिससे आपकी बचत तेजी से बढ़ती है।
  • न्यूनतम जोखिम: ईपीएफ को सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिससे यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प बन जाता है।

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ईपीएफ खाते से धन निकालने के नियम

ईपीएफ खाते से पूरी राशि तभी निकाली जा सकती है जब:

  • कर्मचारी रिटायर हो जाए
  • कर्मचारी अपनी नौकरी छोड़ दे और दो महीने तक बेरोजगार रहे

हालांकि, शिक्षा, विवाह, चिकित्सा या गृह निर्माण के लिए आंशिक निकासी की अनुमति दी जाती है।

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By Rohit Kumar

नमस्ते, Eath NEWJ में आपका स्वागत है! मैं रोहित कुमार हूं, Earthnewj.com चलाने वाला व्यक्ति। कई समाचार पोर्टलों में काम करने के बाद अपने 8 सालों के अनुभव से मैं अर्थ न्यूज को चला रहा हूँ, इस पोर्टल पर मेरी कोशिश हैं की अपने पाठकों को काम की खबर दे पाऊँ।

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