EPF पासबुक में बैलेंस तो ज्यादा, लेकिन विड्रॉल में पैसा क्यों आता है कम? वजह चौंकाने वाली है

EPF पासबुक में बैलेंस तो ज्यादा, लेकिन विड्रॉल में पैसा क्यों आता है कम? वजह चौंकाने वाली है
EPF पासबुक में बैलेंस तो ज्यादा, लेकिन विड्रॉल में पैसा क्यों आता है कम? वजह चौंकाने वाली है
EPF पासबुक में बैलेंस तो ज्यादा, लेकिन विड्रॉल में पैसा क्यों आता है कम? वजह चौंकाने वाली है

कर्मचारी भविष्य निधि यानी EPF एक ऐसी सरकारी स्कीम है जो नौकरीपेशा लोगों के लिए रिटायरमेंट फंड तैयार करने का जरिया है। हर महीने कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं द्वारा इसमें योगदान किया जाता है और इसकी जानकारी EPF पासबुक में दर्ज होती रहती है। लेकिन अक्सर जब कोई व्यक्ति इस फंड से पैसा निकालना चाहता है, तो उसे उतनी राशि नहीं मिलती जितनी पासबुक में दिखाई देती है। यही सवाल अधिकतर लोगों के मन में होता है – पासबुक में तो ज्यादा दिख रहा था, फिर पैसा कम क्यों आया?

EPFO स्कीम की संरचना को समझना जरूरी

EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन एक सेंट्रल बॉडी है जो इस स्कीम को मैनेज करती है। इसमें जमा की गई राशि कर्मचारियों की रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय सुरक्षा के लिए होती है। यह एक लॉन्ग टर्म सेविंग स्कीम है, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं। पासबुक में EPF का जो बैलेंस दिखता है, वह आपके कंट्रीब्यूशन, इंटरेस्ट और पेंशन फंड को मिलाकर होता है। लेकिन जब निकासी की बात आती है, तो वहां कुछ शर्तें और कटौतियां लागू हो जाती हैं।

निकासी से पहले होने वाली कटौतियां

जब भी कोई कर्मचारी EPF का पैसा निकालता है, तो उसे कुछ कटौतियों का सामना करना पड़ता है। इसका सबसे बड़ा कारण टैक्सेशन नियम यानी TDS है। यदि आप नौकरी में 5 साल पूरे होने से पहले ही EPF विड्रॉल करते हैं, तो इस पर टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स यानी TDS लग जाता है। अगर आपने PAN कार्ड डाला हुआ है तो 10% टैक्स कटता है, लेकिन अगर PAN कार्ड नहीं है तो यह कटौती 34.608% तक हो सकती है। हालांकि, यदि निकासी की राशि ₹50,000 से कम है तो TDS नहीं काटा जाता।

पासबुक में दिखने वाले बैलेंस और विड्रॉल अमाउंट में अंतर

कई बार ऐसा होता है कि EPF पासबुक में जो बैलेंस दिखाई दे रहा होता है, वह वास्तव में ट्रांसफरेबल नहीं होता या फिर उसमें से कुछ हिस्सा EPS यानी पेंशन स्कीम में जमा किया गया होता है। उदाहरण के लिए, कर्मचारी का कुल कंट्रीब्यूशन और ब्याज का हिस्सा तो विड्रॉल के लिए उपलब्ध होता है, लेकिन पेंशन फंड का हिस्सा तुरंत नहीं निकाला जा सकता। इसके अलावा, कुछ राशि का ट्रांसफर पुरानी कंपनी से नई कंपनी में अपडेट न होने की स्थिति में भी पासबुक में अधिक राशि दिखती है लेकिन निकासी कम होती है।

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विड्रॉल के लिए शर्तों और समय का पालन जरूरी

EPF निकासी के लिए कुछ शर्तों का पालन जरूरी होता है। यदि आप वर्तमान में किसी कंपनी में कार्यरत हैं, तो आप EPF राशि को पूरी तरह से नहीं निकाल सकते। हां, अगर आप बेरोजगार हो गए हैं और 2 महीने से अधिक समय बीत गया है, तो आप पहले 75% राशि निकाल सकते हैं और बाद में शेष 25% राशि भी निकालने की अनुमति मिल जाती है। लेकिन यहां भी TDS और अन्य प्रक्रियाएं लागू होती हैं, जिससे रकम में कमी आ सकती है।

निकासी प्रक्रिया और फॉर्म की सही जानकारी जरूरी

EPF फंड निकालने के लिए पासबुक अपडेट होना जरूरी है। इसके अलावा, आपको फॉर्म 19, फॉर्म 10C और अन्य संबंधित डॉक्युमेंट्स भरने होते हैं। अगर डॉक्युमेंट्स अधूरे या गलत हैं, तो इससे आपकी निकासी में देरी या राशि में कटौती हो सकती है। इसलिए हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आपके डॉक्युमेंट्स सही और अपडेटेड हैं।

तकनीकी वजहों से भी बैलेंस कम दिख सकता है

कभी-कभी तकनीकी गड़बड़ियों के चलते भी EPF पासबुक में बैलेंस सही तरीके से अपडेट नहीं होता। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। आप अपने बैलेंस को चेक करने के लिए उमंग ऐप, EPFO की मिस्ड कॉल सेवा या SMS सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपको सही और अपडेटेड जानकारी मिल जाएगी।

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By Rohit Kumar

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