
ईपीएफओ (EPFO) ने अपनी कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना के अंतर्गत आने वाली ईडीएलआई (EDLI) स्कीम में तीन महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य उन परिवारों को राहत देना है जो किसी EPF सदस्य के अचानक निधन के बाद वित्तीय असुरक्षा का सामना करते हैं। ईपीएफओ के 237वीं बैठक के बाद इन बदलावों को लागू किया गया है, जो लाखों परिवारों को हर साल फायदेमंद साबित होंगे। ये बदलाव विशेष रूप से नौकरी के दौरान किसी सदस्य के निधन के बाद परिवार को वित्तीय सुरक्षा देने के लिए हैं।
यह भी देखें: EPFO: भूल गए अपना UAN नंबर? बस इस आसान तरीके से मिनटों में करें रिकवर
ईडीएलआई योजना क्या है?
ईडीएलआई (Employee Deposit Linked Insurance) योजना एक बीमा योजना है, जो कर्मचारियों के असामयिक निधन की स्थिति में उनके परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसे भारत सरकार ने 1976 में शुरू किया था ताकि कर्मचारियों के परिवारों को उनके असमय निधन के बाद आर्थिक सुरक्षा मिल सके। ईपीएफओ के अंतर्गत आने वाले सभी कर्मचारी, जो ईपीएफ योजना में पंजीकृत होते हैं, इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अगर किसी सदस्य की नौकरी के दौरान अचानक मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को बीमा राशि मिलती है।
नौकरी के एक साल के भीतर मौत होने पर बीमा लाभ
अब ईपीएफओ के नए नियमों के अनुसार, अगर किसी ईपीएफ मेंबर की मृत्यु नौकरी के एक साल के भीतर हो जाती है, तो उसके परिवार को कम से कम 50,000 रुपये का जीवन बीमा भुगतान मिलेगा। इससे पहले, एक साल के भीतर मृत्यु होने पर ईडीएलआई बीमा लाभ का लाभ नहीं मिलता था। यह बदलाव उन परिवारों के लिए राहत का कारण बनेगा, जिनके सदस्य ने हाल ही में ईपीएफ योजना में पंजीकरण कराया था। अब, इस नए नियम के तहत नौकरी के पहले साल में ही अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु होती है, तो परिवार को बीमा राशि मिलेगी, जो पहले संभव नहीं था।
यह भी देखें: PM Awas Yojana: इन लोगों को मिलेगा पक्का मकान! सर्वे हुआ शुरू, चेक करें लिस्ट
ईपीएफओ ने इस बदलाव के बारे में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी, जिसमें बताया गया कि इस कदम से हर साल 5,000 से अधिक परिवारों को मदद मिलेगी, जिन्हें अब जीवन बीमा का लाभ मिलेगा।
सर्विस गैप में भी मिलेगा बीमा लाभ
ईपीएफओ के पुराने नियमों के अनुसार, यदि किसी कर्मचारी ने कुछ समय तक ईपीएफ में योगदान नहीं दिया था और फिर उनकी मृत्यु हो जाती, तो उनके परिवार को ईडीएलआई का लाभ नहीं मिलता था। हालांकि, अब इस नियम में बदलाव किया गया है। नए नियमों के तहत, अगर कर्मचारी की मृत्यु अंतिम योगदान की तारीख के छह महीने के भीतर होती है और कंपनी की रोल से उनका नाम नहीं हटाया गया है, तो परिवार को इस योजना का डेथ बेनिफिट मिलेगा।
इस बदलाव से ऐसे परिवारों को राहत मिलेगी, जिनके सदस्य किसी कारणवश कुछ समय तक अपनी ईपीएफ राशि में योगदान नहीं कर पाए थे।
यह भी देखें: हरियाणा बुढ़ापा पेंशन: जल्द करें आवेदन! जानें जरूरी दस्तावेज और पात्रता
बढ़ा हुआ बीमा कवरेज: 2.5 लाख से लेकर 7 लाख रुपये तक
ईपीएफओ ने तीसरे महत्वपूर्ण बदलाव के तहत ईडीएलआई योजना में बीमा कवरेज को बढ़ा दिया है। अब कर्मचारियों को 2.5 लाख रुपये से लेकर 7 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज मिलेगा, जिससे शोकसंतप्त परिवारों को वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। पहले, यदि कोई कर्मचारी नौकरी बदलते समय 1-2 दिन का गैप छोड़ता था, तो यह सेवा अवधि में ब्रेक माना जाता था, और इसके कारण परिवार को ईडीएलआई बीमा लाभ नहीं मिलता था। अब इस नियम को बदलते हुए, कर्मचारियों को अधिकतम 7 लाख रुपये तक का बीमा लाभ मिलेगा, जिससे विपरीत परिस्थितियों में उनके परिवार को आवश्यक वित्तीय सहायता मिल सकेगी।
यह बदलाव खासकर उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगा, जिनका नौकरी बदलने के दौरान सेवा में एक छोटा गैप हो जाता था, लेकिन अब उन्हें भी बीमा कवरेज मिलेगा।
यह भी देखें: WhatsApp यूजर्स के लिए बड़ी खुशखबरी! जल्द आ रहे हैं 6 धांसू फीचर्स, बदल जाएगा चैटिंग और कॉलिंग एक्सपीरियंस
EPFO का यह कदम क्यों महत्वपूर्ण है?
ईपीएफओ के इन बदलावों से उन परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी, जो किसी अप्रत्याशित घटना के कारण अपने प्रियजन को खो देते थे। इन नियमों में किए गए सुधारों से परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनने का मौका मिलेगा, और वे मानसिक शांति के साथ शोक प्रकट कर सकेंगे। ईडीएलआई योजना के तहत मिलने वाले लाभ से कई परिवारों के लिए भविष्य में एक स्थिर वित्तीय आधार बन सकेगा।