15 घंटे मलबे में दबा रहा परिवार… फिर जो हुआ वो चौंका देगा! देखें दिल छू लेने वाला वीडियो

15 घंटे मलबे में दबा रहा परिवार… फिर जो हुआ वो चौंका देगा! देखें दिल छू लेने वाला वीडियो
15 घंटे मलबे में दबा रहा परिवार… फिर जो हुआ वो चौंका देगा! देखें दिल छू लेने वाला वीडियो
15 घंटे मलबे में दबा रहा परिवार… फिर जो हुआ वो चौंका देगा! देखें दिल छू लेने वाला वीडियो

म्यांमार (Myanmar) में 28 मार्च को आए शक्तिशाली भूकंप ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। 7.7 तीव्रता के इस विनाशकारी भूकंप ने ना सिर्फ हजारों जिंदगियों को निगल लिया, बल्कि देश की ऐतिहासिक विरासत और आधुनिक संरचनाओं को भी भारी नुकसान पहुंचाया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस भूकंप में अब तक 2,065 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3,900 से अधिक लोग घायल हैं और कम से कम 270 लोग लापता बताए जा रहे हैं।

यह भूकंप म्यांमार में पिछले 100 वर्षों में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप था। दोपहर के भोजन के समय जब अधिकतर लोग अपने घरों में थे, तभी यह झटका आया जिसने देखते ही देखते सैकड़ों इमारतों को जमींदोज कर दिया। देशभर में अफरा-तफरी मच गई और बचाव कार्य तुरंत शुरू किया गया।

यह भी देखें: भारत का सबसे अमीर राज्य कौन? GDP में अकेले 13% हिस्सेदारी वाला ये है नंबर 1

मलबे से निकली उम्मीद की किरण: वायरल वीडियो में कैद हुई रूह कंपा देने वाली सच्चाई

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो (Myanmar Earthquake Video) ने इस प्राकृतिक आपदा के दौरान मानव जज्बे और हौसले की मिसाल पेश की है। इस वीडियो में एक बुजुर्ग महिला और उसकी दो किशोर पोतियों को उनके ढहे हुए घर के मलबे के नीचे फंसा हुआ दिखाया गया है। ये तीनों एक छोटे से एयर पॉकेट में करीब 15 घंटे तक फंसे रहे।

वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे ये लड़कियां मलबे के नीचे से मदद के लिए चीख-पुकार कर रही थीं। उनकी दर्दभरी आवाज़ों ने सोशल मीडिया यूजर्स को झकझोर कर रख दिया। कहा जा रहा है कि जब बचाव दल वहां पहुंचा तो तीनों को बड़ी मुश्किल से मलबे से बाहर निकाला जा सका।

अंधेरे में रोशनी बना मोबाइल फोन, महिलाओं ने सुनाई आपबीती

घटनास्थल से सुरक्षित निकाले जाने के बाद इन महिलाओं ने CNN को दिए इंटरव्यू में अपने अनुभव साझा किए। एक महिला ने बताया, “हम अंधेरे में पूरी तरह फंस चुके थे, लेकिन अच्छी बात यह थी कि हमारे पास एक फोन था जिसकी रोशनी ने हमें जीवित रहने का सहारा दिया।”

उन्होंने बताया कि यदि मोबाइल फोन ना होता, तो वे उस घनघोर अंधेरे में कुछ भी नहीं देख पाते और शायद मलबे से खुद को नहीं निकाल पाते। वे आपस में एक-दूसरे के ऊपर गिरे मलबे को हटाने की कोशिश करते रहे।

यह भी देखें: 8th Pay Commission से बाहर होंगे ये कर्मचारी? जानें क्यों उठ रहा पेंशन पर विवाद

दूसरी महिला ने कहा, “इस अनुभव ने हमें यह सिखाया कि कुछ भी स्थायी नहीं है। मृत्यु कभी भी आ सकती है, इसलिए ज़िंदगी को सकारात्मक तरीके से जीना चाहिए। अच्छे काम करो, बुरे काम मत करो, क्योंकि कर्म हमेशा तुम्हारा पीछा करता है।”

Also Read

अप्रैल में छुट्टियों की बहार! 10,11,13 और 14 तारीख को लगातार छुट्टी – कहाँ-कहाँ रहेगा अवकाश देखें

भूकंप का व्यापक प्रभाव: प्राचीन मंदिरों से लेकर आधुनिक इमारतें धराशायी

इस शक्तिशाली भूकंप का प्रभाव सिर्फ मानवीय जीवन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि म्यांमार की प्राचीन पगोडा (Pagodas) और आधुनिक इमारतें दोनों ही इसकी चपेट में आ गईं। कई ऐतिहासिक संरचनाएं इस भूकंप में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं, जो देश की सांस्कृतिक धरोहर के लिए एक बड़ी क्षति है।

देशभर में इलेक्ट्रिसिटी, पानी और टेलीकम्युनिकेशन सेवाएं भी प्रभावित हुईं हैं। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन कठिन भौगोलिक परिस्थितियां और मलबे की भारी मात्रा के कारण कार्यों में बाधाएं आ रही हैं।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग और मदद की उम्मीद

म्यांमार की सरकार ने इस आपदा के बाद आपातकालीन स्थिति घोषित कर दी है और अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील की है। कई गैर-सरकारी संगठन (NGOs) और विदेशी एजेंसियां राहत सामग्री और टीमों के जरिए मदद पहुंचा रही हैं।

राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए ड्रोन, सैटेलाइट इमेजिंग और रेस्क्यू रोबोट्स जैसी अत्याधुनिक तकनीक का भी उपयोग किया जा रहा है।

यह भी देखें: Punjab Board Class 5th Result: कब आएगा रिजल्ट? यहां जानें लेटेस्ट अपडेट और ऑफिशियल घोषणा

भविष्य के लिए चेतावनी और तैयारी की जरूरत

यह भूकंप सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक बड़ा सबक है। दक्षिण-पूर्व एशिया (South-East Asia) भूकंप संभावित क्षेत्र (Seismic Zone) में आता है, इसलिए भविष्य में इस प्रकार की आपदाओं के लिए पूर्व तैयारी और सतर्कता बेहद जरूरी है।

सरकार को अब इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग, Renewable Energy, और आपातकालीन सेवाओं को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है ताकि किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए देश तैयार रह सके।

Also Read

PM Shram Yogi Mandhan Yojana: श्रमिको के लिए वरदान है यो योजना, हर महिने मिलेगी पूरे ₹3,000 की पेंशन, जाने क्या है पूरी योजना?

By Rohit Kumar

नमस्ते, Eath NEWJ में आपका स्वागत है! मैं रोहित कुमार हूं, Earthnewj.com चलाने वाला व्यक्ति। कई समाचार पोर्टलों में काम करने के बाद अपने 8 सालों के अनुभव से मैं अर्थ न्यूज को चला रहा हूँ, इस पोर्टल पर मेरी कोशिश हैं की अपने पाठकों को काम की खबर दे पाऊँ।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version