Repo Rate घटा लेकिन EMI नहीं! इन लोनधारकों को नहीं मिलेगा फायदा, जानिए बचने का तरीका

Repo Rate घटा लेकिन EMI नहीं! इन लोनधारकों को नहीं मिलेगा फायदा, जानिए बचने का तरीका
Repo Rate घटा लेकिन EMI नहीं! इन लोनधारकों को नहीं मिलेगा फायदा, जानिए बचने का तरीका
Repo Rate घटा लेकिन EMI नहीं! इन लोनधारकों को नहीं मिलेगा फायदा, जानिए बचने का तरीका

Repo Rate घटने की उम्मीद एक बार फिर बढ़ गई है, क्योंकि आज 9 अप्रैल 2025 को आरबीआई (RBI) गवर्नर संजय मल्होत्रा FY2025-26 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी के नतीजों की घोषणा करने वाले हैं। सुबह 10 बजे से होने वाली इस घोषणा में रेपो रेट में 0.25% की कटौती की संभावना जताई जा रही है। अगर ऐसा होता है, तो यह उन लोगों के लिए राहत की खबर होगी, जिन्होंने बैंक से होम लोन या किसी अन्य प्रकार का लोन ले रखा है। क्योंकि रेपो रेट घटने का सीधा असर लोन की ब्याज दरों पर पड़ता है और EMI सस्ती होती है।

क्या सभी लोनधारकों को होगा फायदा?

रेपो रेट में कटौती का सीधा फायदा केवल उन लोनधारकों को मिलेगा, जिनका लोन फ्लोटिंग रेट (Floating Rate Loan) पर आधारित है। वहीं जिन लोगों ने फिक्स्ड रेट (Fixed Rate Loan) पर लोन लिया है, उनकी EMI पर इसका कोई असर नहीं होगा। यानि उनके लिए आरबीआई की यह राहत भरी खबर भी निरर्थक साबित हो सकती है, जब तक कि वे खुद कोई कदम न उठाएं।

फिक्स्ड रेट लोन क्यों नहीं होता रेपो रेट से प्रभावित?

जब कोई व्यक्ति बैंक से फिक्स्ड रेट पर लोन लेता है, तो उसकी ब्याज दर पहले से ही तय होती है। यह दर पूरे लोन टेन्योर के लिए स्थिर रहती है। रेपो रेट बढ़े या घटे, इससे EMI में कोई बदलाव नहीं आता। इसीलिए जिन लोगों ने फिक्स्ड रेट पर लोन लिया है, उनके लिए मौद्रिक नीति में किसी भी बदलाव का कोई असर नहीं पड़ता।

रेपो रेट कम होने पर EMI कम करने का तरीका

अगर आप चाहते हैं कि रेपो रेट घटने का सीधा फायदा आपको भी मिले, तो इसके लिए आपको अपने फिक्स्ड रेट लोन को फ्लोटिंग रेट लोन में बदलना होगा। फ्लोटिंग रेट लोन वह होता है, जिसकी ब्याज दर रेपो रेट या अन्य बाज़ार आधारित दरों के अनुसार समय-समय पर बदलती रहती है। जब रेपो रेट कम होता है, तो फ्लोटिंग रेट लोन की ब्याज दर भी घटती है, जिससे EMI में राहत मिलती है।

कैसे करें फिक्स्ड रेट से फ्लोटिंग रेट में स्विच?

बैंक अपने ग्राहकों को यह सुविधा देते हैं कि वे अपने मौजूदा फिक्स्ड रेट लोन को फ्लोटिंग रेट में बदल सकें। इसके लिए आपको अपने बैंक से संपर्क करना होगा और एक आवेदन देना होगा। हालांकि बैंक इस सुविधा के लिए कुछ मामूली शुल्क लेते हैं, लेकिन यह खर्च तब सार्थक हो जाता है जब आपकी EMI में हजारों रुपये की बचत होने लगे।

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स्विच करने से पहले किन बातों का रखें ध्यान?

फ्लोटिंग रेट लोन में स्विच करने से पहले यह जरूर जांच लें कि आपके लोन टेन्योर में अभी कितना समय बचा है। यदि आपने हाल ही में लोन लिया है और लोन की अवधि लंबी है, तो फ्लोटिंग रेट में स्विच करने से आपको लंबे समय तक फायदा मिलेगा। लेकिन अगर लोन टेन्योर लगभग समाप्ति पर है, तो स्विच का फायदा सीमित हो सकता है।

क्या सभी बैंक देते हैं स्विच की सुविधा?

लगभग सभी प्रमुख बैंक फिक्स्ड से फ्लोटिंग रेट और फ्लोटिंग से फिक्स्ड रेट में स्विच की सुविधा देते हैं। यह ग्राहकों का अधिकार है कि वे अपने लोन की शर्तों में बदलाव कर सकें, बशर्ते वे बैंक की निर्धारित प्रक्रिया और फीस को पूरा करें। इसके लिए आप बैंक की वेबसाइट पर जाकर जानकारी ले सकते हैं या सीधे बैंक ब्रांच में संपर्क कर सकते हैं।

रेपो रेट कटौती का भविष्य में क्या असर हो सकता है?

अगर आरबीआई लगातार रेपो रेट में कटौती करता है, तो इसका असर बैंकिंग सेक्टर की लेंडिंग रेट्स पर दिखाई देगा। इससे लोन लेना और भी सस्ता हो सकता है। साथ ही इससे रियल एस्टेट, ऑटो और कंज्यूमर लोन सेक्टर में भी रफ्तार आ सकती है। ऐसे में जो लोग फ्लोटिंग रेट लोन पर हैं या स्विच करने की सोच रहे हैं, उनके लिए यह सही समय साबित हो सकता है।

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By Rohit Kumar

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