UP की गौशालाएं होंगी आत्मनिर्भर! आश्रय कर्मचारियों को मिलेगी खास ट्रेनिंग, जानिए योजना की पूरी डिटेल

UP की गौशालाएं होंगी आत्मनिर्भर! आश्रय कर्मचारियों को मिलेगी खास ट्रेनिंग, जानिए योजना की पूरी डिटेल
UP की गौशालाएं होंगी आत्मनिर्भर! आश्रय कर्मचारियों को मिलेगी खास ट्रेनिंग, जानिए योजना की पूरी डिटेल
UP की गौशालाएं होंगी आत्मनिर्भर! आश्रय कर्मचारियों को मिलेगी खास ट्रेनिंग, जानिए योजना की पूरी डिटेल

उत्तर प्रदेश सरकार गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक व्यापक रणनीति पर काम कर रही है। सरकार गाय के गोबर और गौमूत्र के उपयोग से पर्यावरण अनुकूल कृषि को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। इस योजना के तहत गौशालाओं को टिकाऊ खेती में सहायक बनाया जाएगा, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा। इस उद्देश्य से गौशालाओं के कर्मचारियों को विशेष ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

यह भी देखें: चंडीगढ़ से सीधे हरियाणा के इस शहर तक दौड़ेगी मेट्रो! यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी

उत्तर प्रदेश सरकार गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। यह योजना न केवल गौशालाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद करेगी, बल्कि पर्यावरणीय रूप से स्थायी खेती को भी बढ़ावा देगी। इससे किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित किया जाएगा, जिससे उनके आर्थिक और स्वास्थ्य लाभ में वृद्धि होगी।

गौशालाओं से टिकाऊ खेती को मिलेगा बढ़ावा

पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, कृषि विभाग और अन्य हितधारकों से परामर्श किया जा रहा है। सभी गौशालाओं में वर्मीकम्पोस्ट तैयार किया जाएगा, जिसे किसानों को बेचा जाएगा। इससे प्राकृतिक कृषि (Natural Farming) को बढ़ावा मिलेगा। सरकार नाबार्ड (NABARD) जैसी संस्थाओं के सहयोग से इस योजना को लागू करने में जुटी है।

यह भी देखें: Property Confusion खत्म! जमीन और जायदाद में क्या है असली फर्क? 90% लोग नहीं जानते सही मतलब

गौशालाओं के कर्मचारियों को मिलेगी ट्रेनिंग

पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, गाय के गोबर और मूत्र का इस्तेमाल पर्यावरण-अनुकूल कृषि पद्धतियों में किया जाएगा। इसके साथ ही, किसानों और गौशाला कर्मचारियों को मवेशियों के पोषण, चारा उत्पादन और संरक्षण पर भी प्रशिक्षित किया जाएगा। सरकार ने स्वास्थ्य, जल और भूमि संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इस पद्धति में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाएगा।

जैविक खेती में बढ़ेगा गौशालाओं का योगदान

सरकारी अधिकारियों ने कहा कि गाय का गोबर और गौमूत्र जैविक उर्वरक और कीटनाशक के रूप में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। यह किसानों के लिए दोहरे लाभ का सौदा साबित होगा—एक तरफ उनके परिवारों को पौष्टिक दूध मिलेगा और दूसरी तरफ जैविक इनपुट के जरिए मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी।

Also Read

Samsung Galaxy A06: सस्ता लेकिन दमदार! Samsung का नया 5G स्मार्टफोन, कीमत और फीचर्स करेंगे हैरान

यह भी देखें: आज कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए बड़ी खुशखबरी! DA बढ़ोतरी से लेकर रिटायरमेंट उम्र पर हो सकता है बड़ा ऐलान

उत्तर प्रदेश में 7,700 से अधिक गौशालाएं

राज्य में वर्तमान में 7,700 से अधिक गौशालाएं हैं, जिनमें 12.5 लाख से अधिक आवारा मवेशी हैं। मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत 1.62 लाख आवारा मवेशियों को आश्रय प्रदान किया गया है, और इससे 1 लाख किसानों को लाभ मिल रहा है। सरकार किसानों को 1,500 रुपये प्रति पशु की सहायता प्रदान कर रही है।

सरकार ने गौशालाओं की सुरक्षा और विकास के लिए 2,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो पहले के 1,001 करोड़ रुपये से अधिक है। इसके अतिरिक्त, 543 नई गौशालाओं को मंजूरी दी गई है। हर बड़ी गौशाला को 1.60 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जा रही है।

यह भी देखें: 31 मार्च तक का मौका! फिर बंद हो जाएगी यह सरकारी योजना – महिलाएं ऐसे उठाएं पूरा फायदा

मवेशी पालन को मिलेगा बढ़ावा

राज्य सरकार नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत देशी नस्लों को बढ़ावा दे रही है। सरकार बैंक लोन पर 50% सब्सिडी प्रदान कर रही है। अमृत धारा योजना के तहत 10 लाख रुपये तक के लोन पर सब्सिडी दी जा रही है, जबकि 3 लाख रुपये से कम के लोन के लिए किसी गारंटर की आवश्यकता नहीं होगी।

गंगा बेल्ट में जैविक खेती को बढ़ावा

उत्तर प्रदेश सरकार गंगा नदी और बुंदेलखंड क्षेत्र में जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय जल संसाधनों को टिकाऊ खेती मॉडल में एकीकृत करना है। कोविड महामारी के बाद जैविक और प्राकृतिक कृषि उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है, जिससे किसानों को नए व्यावसायिक अवसर मिल रहे हैं।

Also Read

26 मार्च से वेतन में बड़ा बदलाव! पेंशनर्स और कर्मचारियों के लिए जरूरी अलर्ट – अभी जानिए अपडेट

By Rohit Kumar

नमस्ते, Eath NEWJ में आपका स्वागत है! मैं रोहित कुमार हूं, Earthnewj.com चलाने वाला व्यक्ति। कई समाचार पोर्टलों में काम करने के बाद अपने 8 सालों के अनुभव से मैं अर्थ न्यूज को चला रहा हूँ, इस पोर्टल पर मेरी कोशिश हैं की अपने पाठकों को काम की खबर दे पाऊँ।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version