रूह अफ़ज़ा खरीदना भूले जाइए! इन 2 चीज़ों से घर पर बनाएं ठंडा-ठंडा देसी शरबत

रूह अफ़ज़ा खरीदना भूले जाइए! इन 2 चीज़ों से घर पर बनाएं ठंडा-ठंडा देसी शरबत
रूह अफ़ज़ा खरीदना भूले जाइए! इन 2 चीज़ों से घर पर बनाएं ठंडा-ठंडा देसी शरबत
रूह अफ़ज़ा खरीदना भूले जाइए! इन 2 चीज़ों से घर पर बनाएं ठंडा-ठंडा देसी शरबत

गर्मियों में ठंडक पहुंचाने वाले पारंपरिक पेय रूह अफ़ज़ा (Rooh Afza) की पहचान इसके गुलाबी रंग, मीठे स्वाद और खुशबूदार महक से होती है। यह शरबत दशकों से भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी खास जगह बनाए हुए है। गर्मियों के मौसम में यह न सिर्फ प्यास बुझाने वाला पेय है, बल्कि इसमें मौजूद हर्बल गुण इसे सेहत के लिए भी लाभकारी बनाते हैं।

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गुलाब की पंखुड़ियों से शुरू होती है रूह अफ़ज़ा की कहानी

रूह अफ़ज़ा की खासियत इसकी मूल सामग्री से शुरू होती है — गुलाब की पंखुड़ियाँ। इसे बनाने के लिए ताज़ी या सूखी गुलाब की पंखुड़ियों का उपयोग किया जाता है जो शरबत को प्राकृतिक रंग और खुशबू प्रदान करती हैं। गुलाब में प्राकृतिक ठंडक देने वाले तत्व होते हैं जो गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने में मदद करते हैं।

पारंपरिक विधि से तैयार होती है मीठी चाशनी

रूह अफ़ज़ा तैयार करने की प्रक्रिया एक खास पारंपरिक तकनीक पर आधारित होती है। गुलाब की पंखुड़ियों को पानी और चीनी के साथ मध्यम आंच पर पकाया जाता है। धीरे-धीरे यह मिश्रण एक गाढ़ी और सुगंधित चाशनी में बदल जाता है। इसमें चीनी की मात्रा नियंत्रित रखी जाती है ताकि स्वाद संतुलित रहे और यह शरीर को ऊर्जा भी दे सके।

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हर्बल अर्क और केवड़ा जल से मिलती है खास महक

इस चाशनी में स्वाद और सेहत का मेल लाने के लिए केवड़ा जल और कुछ खास हर्बल अर्क मिलाए जाते हैं। इन अर्कों में तुलसी, धनिया, नींबू का रस, और अन्य आयुर्वेदिक औषधियाँ शामिल हो सकती हैं। यह सभी सामग्री रूह अफ़ज़ा को एक आयुर्वेदिक टॉनिक के रूप में प्रस्तुत करती हैं जो न केवल गर्मी में राहत देती हैं, बल्कि पाचन तंत्र को भी सक्रिय करती हैं।

छानकर ठंडा किया जाता है शरबत का मिश्रण

जब यह मिश्रण अच्छे से पककर तैयार हो जाता है, तब इसे छानकर ठंडा किया जाता है। इस प्रक्रिया से न केवल अशुद्धियाँ दूर होती हैं बल्कि एक साफ़, गाढ़ा और सुसुगंधित सिरप तैयार होता है जिसे लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है। इसे कांच की बोतल में भरकर ठंडी और सूखी जगह पर रखा जाता है।

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कई तरीकों से किया जा सकता है सेवन

रूह अफ़ज़ा का उपयोग कई रूपों में किया जा सकता है। इसे ठंडे पानी, दूध या सोडा के साथ मिलाकर पिया जा सकता है। इसके अलावा इसमें बर्फ के टुकड़े डालने से यह और भी ताज़गी भरा बन जाता है। रमज़ान के दौरान इफ्तार में इसका खास महत्व होता है, वहीं आमतौर पर यह गर्मियों में हर घर का अहम हिस्सा होता है।

घर पर बनाएं शुद्ध और सेहतमंद रूह अफ़ज़ा

बाजार में मिलने वाले रूह अफ़ज़ा में कभी-कभी प्रिज़रवेटिव्स और आर्टिफिशियल फ्लेवर मिलाए जाते हैं, लेकिन अगर आप चाहें तो इसे घर पर भी बना सकते हैं। इसके लिए केवल कुछ प्राकृतिक सामग्री और थोड़े समय की आवश्यकता होती है। घर पर बना रूह अफ़ज़ा न केवल अधिक किफायती होता है बल्कि यह शुद्धता और सेहत का भी भरोसा देता है।

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पारंपरिक पेय से बना आधुनिक पसंद

आज के समय में जब Soft Drinks और Artificial Beverages की भरमार है, रूह अफ़ज़ा जैसे पारंपरिक शरबत एक बेहतर और हेल्दी विकल्प के रूप में उभर कर सामने आते हैं। यह शरबत सिर्फ स्वाद का ही नहीं बल्कि संस्कृति और स्वास्थ्य का भी प्रतीक है। इसके प्राकृतिक तत्व इसे एक तरह का “रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy)” विकल्प बनाते हैं जो शरीर को फिर से ऊर्जा से भर देता है।

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By Rohit Kumar

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