
Gold Price में हाल के हफ्तों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। निवेशकों की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि अमेरिका का Federal Reserve आगे क्या कदम उठाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि फेड ब्याज दरों में कटौती करता है, तो Gold ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। दूसरी ओर, गिरावट की आशंका भी जताई जा रही है, जिससे शेयर बाजार में हलचल मची हुई है।
सोना ₹1 लाख तक क्यों पहुंच सकता है?
MCX (Multi Commodity Exchange) पर Gold के जून वायदा की कीमत हाल ही में ₹93,736 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई। यह अब तक का उच्चतम स्तर है, जिसने निवेशकों और विश्लेषकों दोनों को चौंका दिया है। विशेषज्ञों की राय है कि अगर US Federal Reserve इस साल दो बार ब्याज दरों में कटौती करता है, तो Gold ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर सकता है।
कामा ज्वेलरी के एमडी कोलिन शाह के अनुसार, “अगर अमेरिकी फेड ब्याज दरों में कटौती करता है, तो Gold में निवेश बढ़ेगा, जिससे कीमतें ₹1 लाख तक जा सकती हैं।” वे मानते हैं कि वैश्विक अस्थिरता की स्थिति में सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, जिससे इसकी मांग स्वाभाविक रूप से बढ़ती है।
केंद्रीय बैंकों की खरीद और वैश्विक तनाव का असर
Sprott Asset Management के वरिष्ठ पोर्टफोलियो मैनेजर Ryan McIntyre का कहना है कि हाल के महीनों में केंद्रीय बैंकों ने बड़ी मात्रा में Gold खरीदा है। इसके अलावा, ट्रंप की टैरिफ नीति और अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर जैसे भू-राजनीतिक तनावों ने भी सोने की कीमतों को सहारा दिया है। इन सभी कारणों से सोने को एक ‘Safe Haven Asset’ के तौर पर देखा जा रहा है।
Motilal Oswal Financial Services के कमोडिटी हेड किशोर नार्ने के मुताबिक, “Gold की कीमत की कोई सीमा नहीं है। यह $4,000 से $4,500 प्रति औंस तक जा सकता है, जो रुपये में ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम के करीब होगा।”
दूसरी राय: क्या गिर सकता है Gold?
हालांकि, हर कोई इस बुलिश ट्रेंड से सहमत नहीं है। Abans Financial Services के CEO चिंतन मेहता का मानना है कि मौजूदा तेजी बाजार के पिछले ट्रेंड का विस्तार मात्र है। उनका कहना है कि “Gold की कीमतों में अब तक के सारे पॉजिटिव फैक्टर्स पहले ही बाजार में शामिल हो चुके हैं। आगे बड़ी तेजी की संभावना कम है।”
Morningstar के मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट John Mills ने तो यहां तक कहा है कि Gold की कीमतें गिरकर $1,820 प्रति औंस तक जा सकती हैं। यह मौजूदा $3,080 प्रति औंस के मुकाबले 38-40% की गिरावट होगी। भारतीय बाजार में इसका मतलब होगा कि सोना ₹56,000 प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो सकता है।
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सप्लाई-डिमांड और मार्केट सैचुरेशन भी बड़ी वजह
John Mills के अनुसार, Gold के दाम में संभावित गिरावट की तीन मुख्य वजहें हैं – सप्लाई में बढ़ोतरी, डिमांड में कमी और मार्केट सैचुरेशन। उनका मानना है कि अगर ये ट्रेंड्स जारी रहे, तो कीमतों में तेज गिरावट आ सकती है। इससे शेयर बाजार में भी असर दिख सकता है क्योंकि निवेशकों का रुझान जोखिम भरे एसेट्स से हटकर फिर से सुरक्षित निवेश में जा सकता है।
शेयर बाजार क्यों हो रहा चिंतित?
Gold की कीमतों में इस अस्थिरता का सीधा असर शेयर बाजार पर भी देखा जा रहा है। अगर फेड ब्याज दरों में कटौती करता है, तो डॉलर कमजोर होगा और सोने की कीमतें और बढ़ेंगी। इससे निवेशक इक्विटी मार्केट से पैसा निकालकर Gold या Fixed Income Securities में लगा सकते हैं, जिससे बाजार में गिरावट आ सकती है।
इसके अलावा, वैश्विक अनिश्चितता और ब्याज दरों में बदलाव जैसी खबरें शेयर बाजार में निवेशकों की भावनाओं को भी प्रभावित करती हैं। इसीलिए जब Gold ₹1 लाख के करीब पहुंचने की चर्चा होती है, तो स्टॉक मार्केट में बेचैनी बढ़ जाती है।
निवेशकों के लिए क्या रणनीति अपनानी चाहिए?
वर्तमान स्थिति में निवेशकों को सतर्क रहकर फैसला लेने की सलाह दी जा रही है। अगर आप Gold में निवेश करना चाहते हैं, तो यह समझना जरूरी है कि बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है। यदि आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं, तो SIP या सोने में डिजिटल तरीके से निवेश करना फायदेमंद हो सकता है। वहीं शॉर्ट टर्म निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे प्रोफेशनल राय के बिना कोई बड़ा कदम न उठाएं।