
Gmail यूजर्स को गूगल ने एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है जो हाल ही में सामने आए एक नए फिशिंग स्कैम (Phishing Scam) से जुड़ी है। यह स्कैम इतना खतरनाक है कि यह सिक्योरिटी चेक्स (Security Checks) को बाइपास कर सकता है और यूजर्स को बिना शक में डाले फंसा सकता है। इस घोटाले में साइबर अपराधी बिल्कुल असली जैसे दिखने वाले फेक ईमेल्स (Fake Emails) भेजते हैं, जिनके जरिए वे संवेदनशील जानकारियों की चोरी करते हैं या फिर यूजर के डिवाइस को मालवेयर से संक्रमित कर सकते हैं।
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क्या है यह नया फिशिंग स्कैम
यह स्कैम परंपरागत फिशिंग टेक्नीक्स से कहीं ज्यादा एडवांस है। इसमें क्रिमिनल्स यूजर को ऐसा ईमेल भेजते हैं जो पूरी तरह से वैध लगता है। इन ईमेल्स में अक्सर कोई अहम सूचना, इनवॉइस, पासवर्ड अलर्ट या कोई जरूरी अपडेट होने का दावा किया जाता है। जब यूजर ऐसे ईमेल पर क्लिक करता है, तो उसे एक फर्जी लॉगिन पेज या डाउनलोड लिंक पर भेज दिया जाता है, जो Google की मूल साइट से हूबहू मिलता-जुलता होता है।
इस प्रक्रिया में स्कैमर्स यूजर का Gmail पासवर्ड, वन टाइम पासवर्ड (OTP) और अन्य निजी जानकारियाँ चुरा सकते हैं। कुछ मामलों में तो यह भी पाया गया है कि यूजर की मेल आईडी का एक्सेस लेकर स्कैमर दूसरों को भी फेक मेल भेजते हैं, जिससे स्कैम और फैलता है।
गूगल क्यों हुआ अलर्ट
गूगल ने इस नए फिशिंग स्कैम को लेकर रिसर्च की है और पाया है कि यह स्कैम गूगल के मौजूदा सिक्योरिटी प्रोटेक्शन को धोखा देने की क्षमता रखता है। यही कारण है कि गूगल ने अपने Gmail यूजर्स को खास सतर्कता बरतने की सलाह दी है। गूगल का कहना है कि इस तरह के ईमेल्स में भले ही कोई अलर्टिंग साइन न हो, लेकिन यह यूजर की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।
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Gmail यूजर को क्या करना चाहिए
गूगल ने कुछ जरूरी सावधानियों का पालन करने की सलाह दी है ताकि यूजर इस प्रकार के स्कैम से बच सकें:
- किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले भेजने वाले की ईमेल आईडी को ध्यान से जांचें।
- यदि कोई ईमेल बहुत ज्यादा अति आवश्यक या डराने वाला लगे (जैसे अकाउंट बंद करने की चेतावनी), तो उस पर बिना जांचे-परखे रेस्पॉन्ड न करें।
- गूगल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ही लॉगिन करें, किसी थर्ड पार्टी लिंक से नहीं।
- अपने Gmail अकाउंट में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) जरूर इनेबल करें।
- यदि किसी स्कैम का शिकार हो गए हों, तो तुरंत Google को रिपोर्ट करें और पासवर्ड बदलें।
कैसे बचें फेक ईमेल से
फेक ईमेल की पहचान करना अब पहले से मुश्किल हो गया है क्योंकि साइबर क्रिमिनल्स ने अपनी तकनीकों को अत्यधिक परिष्कृत कर लिया है। कई बार मेल का डोमेन नेम असली से कुछ ही अक्षरों में अलग होता है। ऐसे मेल में टाइपो, संदिग्ध अटैचमेंट या आग्रह होता है कि आप तुरंत कुछ करें।
यदि कोई मेल बैंक, ई-कॉमर्स साइट, या सरकार की तरफ से आया हो, तो सीधे वेबसाइट पर जाकर लॉगिन करें, ईमेल के लिंक से नहीं। Google भी सलाह देता है कि यदि कोई मेल वैध लगता हो लेकिन आप उसमें दिए लिंक पर भरोसा नहीं करते, तो उसका स्क्रीनशॉट लेकर गूगल सपोर्ट से संपर्क करें।
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गूगल की नई सुरक्षा पहल
गूगल अब इस तरह के फेक ईमेल्स को पहचानने और रोकने के लिए अपने AI-सपोर्टेड सिक्योरिटी सिस्टम को और मजबूत बना रहा है। कंपनी ने हाल ही में एक अपडेट रोलआउट किया है जिससे संदिग्ध ईमेल्स को सीधे स्पैम फोल्डर में भेजा जा सकेगा। इसके साथ ही, गूगल यूजर्स को भी ज्यादा सशक्त बनाने के लिए सिक्योरिटी टिप्स और ट्रेनिंग मटेरियल मुहैया करवा रहा है।
टेक्नोलॉजी और सावधानी दोनों जरूरी
आज के डिजिटल युग में जहां आईपीओ-IPO, क्रिप्टो, रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy जैसे विषयों पर हजारों मेल्स और सूचनाएँ आती हैं, वहां ऐसे स्कैम्स का फैलना बेहद आसान है। यूजर्स को अपनी डिजिटल सतर्कता बढ़ानी होगी और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल समझदारी से करना होगा।