
टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी Google ने अपनी रिटर्न-टू-ऑफिस (Return-to-Office) पॉलिसी को लेकर बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) कर रहे कुछ कर्मचारियों को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि या तो वे हाइब्रिड वर्क मॉडल (Hybrid Work Model) अपनाएं या फिर कंपनी छोड़ने के लिए तैयार रहें। Google का यह फैसला वर्कफोर्स मैनेजमेंट और ऑफिस कल्चर को फिर से मजबूत करने के प्रयासों का हिस्सा है।
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किन कर्मचारियों पर लागू होगी नई पॉलिसी
यह नई सख्ती पूरी कंपनी पर लागू नहीं होगी। जानकारी के अनुसार, यह निर्देश केवल उन कर्मचारियों के लिए है जो अभी भी स्थायी रूप से घर से काम कर रहे हैं या जिन्होंने हाइब्रिड वर्क मॉडल को स्वीकार नहीं किया है। हाइब्रिड वर्क मॉडल के तहत कर्मचारियों को सप्ताह में कम से कम तीन दिन ऑफिस से काम करना अनिवार्य किया गया है।
कंपनी क्यों कर रही है सख्ती
Google का मानना है कि इन-पर्सन कोलैबोरेशन (In-Person Collaboration) से टीम वर्क बेहतर होता है और इनोवेशन को बढ़ावा मिलता है। पिछले कुछ महीनों से कंपनी ने देखा कि पूरी तरह से रिमोट वर्क करने वाले कर्मचारी टीम वर्क में पीछे रह रहे हैं और इससे प्रोजेक्ट डिलीवरी पर भी असर पड़ा है।
वर्कफोर्स में हो रही कटौती का असर
Google पहले से ही अपने वर्कफोर्स में कटौती कर रही है। कंपनी ने विभिन्न विभागों में कर्मचारियों की संख्या में कमी की है। ऐसी स्थिति में, जो कर्मचारी हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार नहीं करते, उनके लिए आगे की राह मुश्किल हो सकती है। इस कदम को कंपनी के वर्कफोर्स को फिर से मजबूत और कार्यक्षमता बढ़ाने के तौर पर देखा जा रहा है।
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पूरी तरह से रिमोट वर्क का विकल्प सीमित
Google ने यह भी साफ कर दिया है कि पूरी तरह से रिमोट वर्क (Fully Remote Work) केवल कुछ विशेष अपवादों के तहत ही संभव होगा। जिन कर्मचारियों को यह सुविधा चाहिए, उन्हें औपचारिक रूप से अनुमति लेनी होगी और उनके आवेदन का मूल्यांकन विभिन्न मानकों के आधार पर किया जाएगा।
कर्मचारियों में चिंता का माहौल
Google के इस नए फैसले के बाद से कर्मचारियों के बीच चिंता का माहौल बन गया है। कई लोग जो अब तक घर से काम करने के आदी हो चुके थे, वे अब नई परिस्थितियों में खुद को ढालने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ कर्मचारियों ने आंतरिक रूप से अपनी असहमति भी जताई है, लेकिन कंपनी अपने फैसले पर अडिग है।
ऑफिस लौटने का फायदा कंपनी को
Google का दावा है कि ऑफिस से काम करने के फायदे कई हैं। जैसे, तेज निर्णय लेना, रियल टाइम आइडिया शेयरिंग, बेहतर टीम बिल्डिंग और उच्च उत्पादकता। कंपनी का यह भी कहना है कि लंबे समय में इससे कर्मचारियों का करियर ग्रोथ बेहतर होगा और कंपनी की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ेगी।
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नई पॉलिसी के प्रभाव का इंतजार
फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि Google की यह सख्त नीति किस तरह का परिणाम लाती है। क्या कर्मचारी इस बदलाव को सहजता से अपनाते हैं या फिर इससे टैलेंट रिटेंशन पर असर पड़ेगा, इसका जवाब आने वाले महीनों में मिलेगा।