
गूगल (Google) की प्ले स्टोर (Play Store) नीतियों को लेकर उठे विवाद में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने बड़ा फैसला सुनाया है। एनसीएलएटी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा लगाए गए 936.44 करोड़ रुपये के जुर्माने को घटाकर 216.69 करोड़ रुपये कर दिया है। हालांकि, ट्रिब्यूनल ने यह भी स्पष्ट किया कि गूगल ने प्रतिस्पर्धा कानून (Competition Law) का उल्लंघन किया है और बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का अनुचित लाभ उठाया है।
यह भी देखें: ₹2 का शेयर बना रॉकेट! 3300% उछाल के बाद अब एक्सपर्ट बोले – ₹71 तक जाएगा, क्या आपने खरीदा?
सीसीआई ने लगाया था भारी जुर्माना
25 अक्टूबर 2022 को CCI ने गूगल पर आरोप लगाया था कि उसने प्ले स्टोर से जुड़ी अपनी नीतियों के जरिए बाजार में अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया। इसके चलते CCI ने गूगल पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। गूगल ने इस आदेश को एनसीएलएटी में चुनौती दी थी, जिसके बाद यह मामला अपील में पहुंचा।
एनसीएलएटी का फैसला: दंड घटा, दोष कायम
एनसीएलएटी के चेयरमैन जस्टिस अशोक भूषण और तकनीकी सदस्य बरुण मित्रा की पीठ ने 104 पेज के अपने फैसले में कहा कि गूगल ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम का उल्लंघन किया है। हालांकि, कुछ आरोपों पर अभी उल्लंघन साबित नहीं हुआ है। अगर आगे की जांच में ये आरोप सिद्ध होते हैं तो जुर्माने की राशि बढ़ाई जा सकती है।
यह भी देखें: ₹34 का ये शेयर जा सकता है ₹75 तक! कंपनी का बड़ा ऐलान, LIC के पास हैं 84 लाख शेयर – जानें डिटेल
ट्रिब्यूनल ने जुर्माने की गणना पिछले तीन वर्षों के कारोबार के आधार पर की है और उसी के अनुसार जुर्माने को घटाकर 216.69 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
30 दिन में भरनी होगी पूरी राशि
एनसीएलएटी ने यह भी आदेश दिया है कि गूगल ने अपील प्रक्रिया के दौरान पहले ही जुर्माने की 10 प्रतिशत राशि जमा कर दी थी। अब उसे शेष राशि 30 दिनों के भीतर जमा करनी होगी। यह देखना अब अहम होगा कि गूगल इस फैसले को स्वीकार करता है या फिर इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देता है।
गूगल की याचिका खारिज
गूगल ने एनसीएलएटी से सीसीआई के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन ट्रिब्यूनल ने उस पर कोई स्थगन नहीं दिया। सीसीआई ने अपने आदेश में गूगल को प्ले स्टोर में अपनाई जा रही अपमानजनक और भेदभावपूर्ण गतिविधियों को बंद करने के निर्देश दिए थे। एनसीएलएटी ने भी इस आदेश को बरकरार रखा है।
यह भी देखें: UGC NET December 2024: पास हुए स्टूडेंट्स का सर्टिफिकेट जारी – यहां जानें कैसे करें डाउनलोड
ऐप डेवलपर्स को मिलेगी राहत
एनसीएलएटी के इस निर्णय से ऐप डेवलपर्स को कई स्तरों पर राहत मिल सकती है। इस फैसले के बाद गूगल को अब निम्नलिखित बदलाव करने होंगे:
- ऐप डेवलपर्स को थर्ड पार्टी बिलिंग और पेमेंट सर्विसेज का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी।
- गूगल, डेवलपर्स पर एंटी-स्टीयरिंग (Anti-steering) प्रतिबंध नहीं लगाएगा, जिससे वे अपने ऐप्स को अन्य प्लेटफॉर्म पर भी प्रमोट कर सकेंगे।
- यूपीआई (UPI) भुगतान सेवाओं में गूगल किसी भी ऐप के साथ भेदभाव नहीं कर सकेगा।
यह भी देखें: Gangaur Mehndi Designs: पति की लंबी उम्र के लिए लगाएं ये खास मेहंदी डिज़ाइन – देखें लेटेस्ट कलेक्शन
प्रतिस्पर्धा के क्षेत्र में बड़ी जीत
यह मामला भारतीय डिजिटल मार्केट में प्रतिस्पर्धा को लेकर उठे सबसे अहम मामलों में से एक है। CCI और अब NCLAT दोनों ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि बड़ी टेक कंपनियों को अपनी बाजार स्थिति का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह फैसला न सिर्फ गूगल के लिए एक चेतावनी है, बल्कि अन्य बड़ी तकनीकी कंपनियों के लिए भी एक सख्त संकेत है कि भारत में निष्पक्ष व्यापार को सर्वोपरि माना जाएगा।