
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर अब बाइक, ऑटो और ट्रैक्टर चालकों को भी टोल टैक्स देना होगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने हाल ही में इस संबंध में नया आदेश जारी किया है। यह कदम एक्सप्रेसवे की ओर बढ़ते हुए बढ़ते यातायात को व्यवस्थित करने और राजस्व सृजन के उद्देश्य से उठाया गया है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर अब तक बाइक और छोटे वाहन बिना टोल के यात्रा करते थे, लेकिन अब इस सुविधा से जुड़े बदलावों को लागू किया जाएगा।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की लंबाई और महत्व
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 91.35 किलोमीटर है, और इसकी लागत 7283 करोड़ रुपए रही है। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के गोरखपुर जिले को उत्तर प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ता है और इसकी महत्ता पहले से ही बहुत बढ़ चुकी है। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश सरकार के विकास योजना के तहत हुआ है, जो राज्य में यातायात के सुगम और तेज़ संचालन को सुनिश्चित करेगा।
अब बाइक, ऑटो और ट्रैक्टर वालों को भी टोल
इससे पहले, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर बाइक, ऑटो, और ट्रैक्टर जैसे छोटे वाहनों के लिए टोल वसूली नहीं की जाती थी, लेकिन अब ये वाहन भी टोल टैक्स देने के दायरे में आ गए हैं। यूपीडा ने बुधवार को नए टोल रेट का ऐलान किया है, जिसके मुताबिक इन वाहनों से भी टोल लिया जाएगा। हालांकि, इसके लिए दरें समान होंगी, और यह तय किया गया है कि वाहन मालिकों के लिए मासिक पास की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
टोल टैक्स और मासिक पास की जानकारी
नई नीति के अनुसार, बाइक, ऑटो और ट्रैक्टर से टोल टैक्स लिया जाएगा। विशेष रूप से, वाहन चालकों को नगद में टोल वसूली का भुगतान करना होगा। इसके साथ ही, वाहन मालिकों के पास मासिक पास बनाने का विकल्प होगा। मासिक पास के जरिए एक वाहन मालिक एक महीने में अधिकतम 20 बार एक्सप्रेसवे पर यात्रा कर सकता है। मासिक पास के जरिए इन वाहनों के लिए यात्रा की लागत को किफायती बनाने की कोशिश की गई है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर यात्रा के लिए नए रेट्स
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के भगवानपुर से चौदह परास तक के टोल रेट को लेकर भी यूपीडा ने एक स्पष्ट घोषणा की है। इस खंड की दूरी करीब 77 किलोमीटर है और यही वह खंड है जहां से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की शुरुआत होती है। टोल दरें इस मार्ग पर भी लागू होंगी, और अब वाहन चालकों को यहां यात्रा करने के लिए भी टोल का भुगतान करना होगा।
एक्सप्रेसवे की बढ़ती अहमियत
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण मुख्य रूप से राज्य के विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। इस एक्सप्रेसवे के बनने से गोरखपुर और आसपास के जिलों में परिवहन की गति में तेजी आई है, जिससे व्यापार, व्यापारिक गतिविधियां और पर्यटन को बढ़ावा मिला है। अब, टोल की व्यवस्था लागू होने से इस एक्सप्रेसवे से जुड़े खर्चों को भी राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित किया जा सकेगा।
टोल वसूली के बाद की संभावनाएं
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स की शुरुआत से यह उम्मीद जताई जा रही है कि इससे प्रदेश की राजस्व की स्थिति में सुधार होगा। इसके अलावा, टोल से प्राप्त होने वाले फंड्स का इस्तेमाल एक्सप्रेसवे के रखरखाव और बेहतर सुविधाओं के लिए किया जाएगा। इस कदम से आने वाले वर्षों में एक्सप्रेसवे पर यातायात के बढ़ते दबाव को भी संभालने में मदद मिलेगी।
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अब, एक नई व्यवस्था लागू होने के कारण, हर वाहन मालिक को टोल के रेट के बारे में जानकारी प्राप्त करना बेहद ज़रूरी हो गया है। आगामी दिनों में एक्सप्रेसवे से संबंधित अन्य बदलाव भी देखे जा सकते हैं, जो यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लाए जाएंगे।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़ी और जानकारी
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को लेकर राज्य सरकार द्वारा अन्य विकासात्मक योजनाएं भी बनाई जा रही हैं, जिनका उद्देश्य इस एक्सप्रेसवे के संचालन को और अधिक प्रभावी बनाना है। आने वाले समय में, एक्सप्रेसवे के जरिए यातायात की सुगमता के अलावा, पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कई प्रयास किए जाएंगे। इसके साथ ही, रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के स्रोतों का उपयोग करके इस एक्सप्रेसवे के ऊर्जा खपत को भी नियंत्रित करने का विचार किया जा रहा है।
इस बदलाव के बाद, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर यात्रा करना एक नया अनुभव होगा। वाहन चालकों के लिए यह एक अतिरिक्त जिम्मेदारी है, लेकिन इसके साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि सड़क पर बढ़ती भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और इस शानदार एक्सप्रेसवे के संचालन में कोई कमी न आए।