पंजाब की भगवंत मान सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 31 जुलाई को हर साल सरकारी छुट्टी का ऐलान किया है। अब से 31 जुलाई को पंजाब में शहीद उधम सिंह जी के शहादत दिवस पर सरकारी दफ्तरों, स्कूलों और अन्य सरकारी संस्थानों में छुट्टी रहेगी। इस दिन को अब गजटेड हॉलिडे के रूप में मनाया जाएगा, मतलब इसे हर साल सरकारी छुट्टी माना जाएगा।

मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में लिया गया यह निर्णय शहीद उधम सिंह को सम्मान देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस निर्णय से सरकार ने शहीद उधम सिंह के योगदान को स्वीकार किया है और उनकी याद को सहेजने का काम किया है।
शहीद उधम सिंह का महत्व
31 जुलाई का दिन भारतीय इतिहास में बहुत खास है। इस दिन शहीद उधम सिंह ने 1940 में लंदन में ब्रिटिश अफसर माइकल ओ’ड्वायर को गोली मारकर जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लिया था। इस नरसंहार में सैकड़ों निहत्थे भारतीयों को ब्रिटिश सरकार ने बेरहमी से मार डाला था। उधम सिंह ने अपनी जान की आहुति दी, लेकिन भारत के लोगों के अपमान का प्रतिशोध लिया।
उधम सिंह के इस कदम को भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक अहम हिस्सा माना जाता है। उनका यह कदम भारतीयों में एक नई ऊर्जा और साहस भरने वाला था और उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी थी। उनकी वीरता ने भारतीयों को दिखा दिया कि अगर स्वतंत्रता के लिए लड़ना है तो कुछ भी बलिदान करना पड़ता है।
भगवंत मान सरकार का फैसला
पंजाब सरकार ने इस ऐतिहासिक फैसले के साथ शहीद उधम सिंह को सही सम्मान दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे एक अहम कदम बताया है, जिससे पंजाब और पूरे देश की नई पीढ़ी शहीद उधम सिंह के बलिदान के बारे में जान सकेगी। अब हर साल 31 जुलाई को पंजाब में सरकारी छुट्टी रहेगी, और इस दिन सभी सरकारी दफ्तर, स्कूल और संस्थान बंद रहेंगे।
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आम आदमी पार्टी के नेता नील गर्ग ने भी इस फैसले को सही दिशा में उठाया गया कदम बताया है। उनका कहना है कि यह पहला मौका है जब किसी सरकार ने शहीद उधम सिंह के योगदान को इस तरह से याद किया है और उन्हें सम्मान दिया है।
सुनाम में शहीद उधम सिंह का सम्मान
पंजाब सरकार ने शहीद उधम सिंह को और अधिक सम्मान देने के लिए सुनाम शहर की कई प्रमुख सड़कों का नाम उनके नाम पर रखने का फैसला किया है। इस कदम से शहीद उधम सिंह की यादें हमेशा ताजा रहेंगी और आने वाली पीढ़ियां भी उनकी वीरता से प्रेरित होंगी। यह कदम दिखाता है कि पंजाब सरकार शहीदों के योगदान को सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि ठोस कदमों से भी सम्मानित करना चाहती है।
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शहीद उधम सिंह की शहादत का महत्व
31 जुलाई को शहीद उधम सिंह के शहादत दिवस के रूप में मनाना केवल एक तारीख नहीं है, बल्कि यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण घटना को याद करने का दिन है। उधम सिंह ने जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेने के लिए ब्रिटिश अफसर माइकल ओ’ड्वायर को गोली मारी थी। यह कार्रवाई ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ एक मजबूत संदेश था, और उधम सिंह ने भारतीयों को यह दिखाया कि अगर हमें स्वतंत्रता चाहिए तो हमें इसके लिए साहस और बलिदान दोनों की आवश्यकता है।
उनकी शहादत का उद्देश्य केवल बदला लेना नहीं था, बल्कि यह ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ भारतीयों के संघर्ष का प्रतीक था। उनका यह कदम भारतीयों के लिए एक प्रेरणा बन गया, जो आज भी हमारे दिलों में जीवित है।