
हरियाणा सरकार ने राज्य में सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश सरकार ने दिव्यांग पेंशन योजना का विस्तार करते हुए अब 21 प्रकार की विकलांगता से ग्रस्त मरीजों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इस योजना के तहत मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसीमिया और हीमोफीलिया जैसे गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों को भी पेंशन मिलेगी।
सरकार द्वारा घोषित इस योजना के तहत पात्र मरीजों को 3,000 रुपये प्रति माह की पेंशन दी जाएगी। यह पेंशन उन परिवारों को दी जाएगी जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये से अधिक नहीं है। यह फैसला राज्य में दिव्यांगजन को आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से लिया गया है।
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हरियाणा सरकार की यह नई पेंशन योजना दिव्यांग नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी। मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसीमिया और हीमोफीलिया जैसे गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीजों को भी इस योजना में शामिल किया गया है, जिससे हजारों जरूरतमंदों को लाभ मिलेगा।
कौन होंगे पेंशन के पात्र?
हरियाणा सरकार की इस नई पेंशन योजना का लाभ पाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें तय की गई हैं। राज्य सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार:
- आयु सीमा: इस योजना का लाभ केवल 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के मरीजों को मिलेगा।
- निवास की शर्त: लाभार्थी को हरियाणा का मूल निवासी होना चाहिए और कम से कम 3 वर्षों से राज्य में निवास कर रहा हो।
- विकलांगता प्रतिशत: 60 प्रतिशत या इससे अधिक विकलांगता वाले मरीज ही इस योजना के लिए पात्र होंगे।
- आर्थिक योग्यता: केवल उन परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये या उससे कम है।
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किन रोगों से ग्रस्त मरीजों को मिलेगी पेंशन?
हरियाणा सरकार ने इस पेंशन योजना के तहत 21 श्रेणियों की विकलांगता को शामिल किया है। इसमें शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की विकलांगता वाले मरीजों को लाभ दिया जाएगा। ये विकलांगताएँ निम्नलिखित हैं:
- लोकोमोटर विकलांगता (Locomotor Disability)
- कुष्ठ रोग से ग्रस्त मरीज (Leprosy Patients)
- सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy)
- मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (Muscular Dystrophy)
- अंधापन (Blindness)
- कम दृष्टि (Low Vision)
- सुनने की अक्षमता (Hearing Impairment)
- भाषा विकलांगता (Speech Disability)
- बौद्धिक विकलांगता (Intellectual Disability)
- विशिष्ट सीखने की विकलांगता (Specific Learning Disability)
- ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार (Autism Spectrum Disorder)
- मानसिक बीमारी (Mental Illness)
- क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल स्थितियां (Chronic Neurological Conditions)
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis)
- पार्किंसंस रोग (Parkinson’s Disease)
- स्किल सेल रोग (Sickle Cell Disease)
- शारीरिक अपंगता (Physical Disability)
- हीमोफीलिया (Hemophilia)
- थैलेसीमिया (Thalassemia)
- एसिड अटैक पीड़ित (Acid Attack Victims)
- बौनापन (Dwarfism)
सरकार का उद्देश्य और प्रभाव
हरियाणा सरकार का यह कदम दिव्यांग नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। इससे न केवल दिव्यांगजन को वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि उनका सामाजिक और मानसिक उत्थान भी होगा। सरकार का मानना है कि यह योजना दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में सहायक होगी।
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इसके अलावा, यह योजना राज्य में विकलांग नागरिकों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। हरियाणा सरकार पहले से ही कई सामाजिक कल्याण योजनाओं को चला रही है और अब इस नई पहल के तहत अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
आवेदन प्रक्रिया और दस्तावेज़
इस पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र उम्मीदवारों को सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा। इस योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है।
जरूरी दस्तावेज:
- आवेदक का आधार कार्ड
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र (हरियाणा का निवासी होने का प्रमाण)
- विकलांगता प्रमाण पत्र (सरकारी अस्पताल से जारी)
- आय प्रमाण पत्र (यह सुनिश्चित करने के लिए कि वार्षिक आय 3 लाख रुपये से अधिक नहीं है)
- बैंक खाता विवरण (पेंशन सीधे बैंक खाते में जमा की जाएगी)
- फोटोग्राफ और हस्ताक्षर
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आवेदन प्रक्रिया पूरी करने के बाद, सरकार द्वारा दस्तावेज़ों का सत्यापन किया जाएगा और यदि सभी शर्तें पूरी होती हैं, तो आवेदक को मासिक पेंशन मिलना शुरू हो जाएगी।